Anand Giri Bail Case: दूसरी बार आनंद गिरी की जमानत याचिका खारिज, 22 सितंबर से नैनी सेंट्रल जेल में है बंद
Anand Giri Bail Case: अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी के मौत के मामले में गिरफ्तार आनंद गिरी की जमानत याचिका दूसरी बार खारिज हो गई। बुधवार को कोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद जमानत अर्जी पर फैसला सुरक्षित रखा था। आनंद गिरी 22 सितंबर से नैनी सेंट्रल जेल में बंद है।
Anand Giri Bail Case: महंत नरेंद्र गिरी मौत मामले (Mahant Narendra Giri Death Case) के आरोपी आनंद गिरी को आज ज़िला न्यायालय (district court) से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने आनंद गिरी (Anand Giri) की तरफ से दाखिल जमानत अर्जी (bail application) को खारिज कर दिया है। बता दें कि बुधवार को कोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद जमानत अर्जी पर फैसला सुरक्षित रखा था। आनंद गिरी पर महंत नरेंद्र गिरी को आत्महत्या के लिए उकसाने का है आरोप लगा है। आरोपी आनंद गिरी 22 सितंबर से प्रयागराज की नैनी सेंट्रल जेल में बंद है।
बुधवार को विशेष न्यायाधीश मृदुल कुमार मिश्रा (Special Judge Mridul Kumar Mishra) की कोर्ट में आनंद गिरि की जमानत पर सुनवाई हुई थी । जिस पर कोर्ट ने जमानत पर फैसला सुरक्षित कर लिया था। महंत नरेंद्र गिरी मौत मामले पर इससे पहले सीबीआई (CBI) ने आनंद गिरी को पूछताछ के लिए रिमांड पर भी लिया था। जिसके बाद आनंद गिरि (Anand Giri Ki Jamanat) द्वारा अधिवक्ता जमानत अर्जी दाखिल कर चुके हैं। जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था। जिसके बाद आनंद गिरि के अधिवक्ता विजय द्विवेदी (Advocate Vijay Dwivedi) ने पुनः जमानत अर्जी विशेष न्यायाधीश मृदुल कुमार मिश्रा की कोर्ट में दाखिल की थी। हालांकि दूसरी बार भी ज़िला न्यायालय ने आनंद गिरी की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है।
20 सितंबर को महंत नरेंद्र गिरी की हुई थी मौत
आपको बता दें कि 20 सितंबर की शाम को अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी (Mahant Narendra Giri, President of Akhara Parishad) की संदिग्ध हालात में लाश मिली थी। चश्मदीद के मुताबिक महंत नरेंद्र गिरी ने पंखे से लटक कर अपनी जान दे दी। पुलिस को महंत की लाश के बगल ही सुसाइड नोट भी मिला था जिसमे आनंद गिरी समेत 2 अन्य लोगो को मौत का ज़िम्मेदार बताया गया था।
महंत आनंद गिरी को हरिद्वार से गिरफ्तार किया गया था
पुलिस ने सुसाइड नोट (Suicide note) के आधार पर महंत आनंद गिरी को हरिद्वार से गिरफ्तार किया था। 22 सितंबर से ही आनंद गिरी को नैनी सेंट्रल जेल में रखा गया है। सुसाइड नोट पर दो अन्य लोगो को भी पुलिस ने प्रयागराज से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। हालांकि पूरे प्रकरण की जांच सीबीआई (CBI) कर रही है लेकिन अभी तक कोई अहम सुराग सीबीआई को नही मिला है। उधर लेटे हुए हनुमान मंदिर के मुख्य पुजारी आद्यया तिवारी और उनके बेटे संदीप तिवारी को भी आरोपी बनाया गया है।
जिला न्यायालय के आदेश के खिलाफ जल्द ही इलाहाबाद हाईकोर्ट में जमानत अर्जी दाखिल करेंगे- आनंद गिरी के वकील विनीत विक्रम सिंह
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (All India Akhara Parishad) के अध्यक्ष रहे महंत नरेंद्र गिरी मौत (Mahant Narendra Giri death case) के आरोपी आनंद गिरि (Anand Giri) को प्रयागराज के जिला न्यायालय से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने आनंद गिरि की जमानत अर्जी खारिज कर दी है, कोर्ट ने अपराध की गंभीरता को देखते हुए स्वामी आनंद गिरी को जमानत पर रिहा करने से इनकार कर दिया है।
आनंद गिरि के अधिवक्ताओं ने कोर्ट में उन्हें निर्दोष बताते हुए जमानत की मांग की, आनंद गिरि के अधिवक्ताओं ने यह भी कहा कि जो आरोप उन पर लगाए गए हैं वह बेबुनियाद हैं, अभी तक की सीबीआई जांच में आनंद गिरी के खिलाफ कोई भी ठोस साक्ष्य सामने नहीं आ सके हैं। ऐसे में याची जमानत पाने का हकदार है। लेकिन कोर्ट में पेश सीबीआई के अधिवक्ताओं ने आनंद गिरि की जमानत अर्जी का विरोध किया।
सीबीआई के वकीलों ने कहा कि महंत मौत मामले की विवेचना चल रही है, आनंद गिरि अगर जमानत पर रिहा होता है, तो वह गवाहों को प्रभावित कर सकता है और मामले में उसके दखल से मुकदमा भी प्रभावित हो सकता है। कोर्ट ने दोनों पक्षों की चली दो दिनों तक लंबी सुनवाई के बाद अपराध की गंभीरता को देखते हुए आनंद गिरि को जमानत देने से इनकार कर दिया है।
महंत मौत मामले के आरोपी आनंद गिरि की जमानत अर्जी ख़ारिज होने के बाद उनके वकील विनीत विक्रम सिंह ने जिला न्यायालय के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती देने की बात कही है। आनंद गिरि के वकील विनीत विक्रम सिंह का कहना है कि जिला न्यायालय के आदेश के खिलाफ जल्द ही इलाहाबाद हाईकोर्ट में जमानत अर्जी दाखिल करेंगे, उन्हें उम्मीद है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट जरूर स्वामी आनंद गिरी की जमानत अर्जी को मंजूर करेगा।
बता दें कि 20 सितंबर 2021 को महंत नरेंद्र गिरी का शव प्रयागराज के मठ बाघमबारी गद्दी के कमरे में मृत हालत में मिला था। मौके पर पहुंचे पुलिस कर्मियों को सुसाइड नोट भी बरामद हुआ था। जिसमें स्वामी आनंद गिरी, आद्या तिवारी और संदीप तिवारी को आत्महत्या का जिम्मेदार मानते हुए जॉर्जटाउन थाने में 21 सितंबर की रात में एफ आई आर दर्ज कराई गई थी। जिसमें आनंद गिरी पर महंत नरेंद्र गिरी को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप था।
सीएम योगी (CM Yogi Aditya Nath) के निर्देश पर मामले की जांच एसआईटी को दी गई थी, लेकिन संतो की मांग को देखते हुए बाद में सीएम योगी ने सीबीआई से महंत नरेंद्र गिरी मौत मामले की जांच की संस्तुति कर दी। महंत मौत मामले की जांच सीबीआई को ट्रांसफर होने के बाद जांच प्रक्रिया चल रही है। अभी तक मामले में कोर्ट में चार्जशीट दाखिल नहीं हो सकी है।सीबीआई घटना से जुड़े सभी पहलुओं की बारीकी से जांच पड़ताल कर रही है। मठ, मंदिर और महंत नरेंद्र गिरी के करीबियों के साथ साथ तीनों आरोपियों से जुड़े व्यक्तियों समेत लगभग 100 से अधिक लोगों के बयान दर्ज किए जा चुके हैं। हालांकि जिस आपत्तिजनक वीडियो का जिक्र सुसाइड नोट में महंत नरेंद्र गिरी ने किया था, सीबीआई अभी तक आनंद गिरि या उनके किसी करीबियों के पास से बरामद नहीं करा सकी है।
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