Mahant Narendra Giri Shishya Balbir Giri : नरेंद्र गिरि की मौत की गुत्थी में एक और नया नाम, जाने कौन हैं ये बलबीर गिरि

Mahant Narendra Giri Shishya Balbir Giri : महंत नरेंद्र गिरि के कथित सुसाइड नोट में बलवीर गिरि को उत्तराधिकारी बनाने की बात कही गई है । मगर अब एसआईटी ने उनसे भी पूछताछ शुरू कर दी है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Published By :  Vidushi Mishra
Update:2021-09-22 19:59 IST

बलवीर गिरि प्रयागराज (फोटो- सोशल मीडिया)

Mahant Narendra Giri Shishya Balbir Giri : अखाड़ा परिषद (Akhil Bharatiya Akhara Parishad) के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि (Mahant Narendra Giri) की संदिग्ध हालत हालात में हुई मौत की गुत्थी लगातार उलझती जा रही है। महंत नरेंद्र गिरि को बाघम्बरी मठ में भूसमाधि दी जा चुकी है। महंत के शव के पास मिले सुसाइड नोट(Narendra Giri Suicide Note) में बलवीर गिरि (Balbir Giri) को उत्तराधिकारी बनाने की बात कही गई है और बलवीर गिरि ने ही महंत नरेंद्र गिरि की अंतिम प्रक्रिया संपन्न कराई।

वैसे अब सुसाइड नोट (Narendra Giri Suicide Note) को लेकर ही पेंच फंस गया है क्योंकि विभिन्न अखाड़ों से जुड़े प्रमुख संतों और महंतों ने इसे पूरी तरह फर्जी और साजिश से भरा हुआ बताया है। पहले यह तय माना जा रहा था कि बुधवार को होने वाली पंच परमेश्वर की बैठक में सुसाइड नोट में व्यक्त की गई इच्छा के मुताबिक बलवीर गिरि को ही उत्तराधिकारी घोषित कर दिया जाएगा मगर अब पंच परमेश्वर की बैठक टाल दी गई है।

मंगलवार तक सुसाइड नोट को असली बताकर उत्तराधिकारी होने का दावा करने वाले बलवीर गिरि(Balbir Giri) भी अपने बयान से पलट गए हैं। बलवीर गिरि ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बातचीत के दौरान भी सुसाइड नोट के असली होने का दावा किया था मगर अब वो खुद सवालों में घिरते जा रहे हैं । यही कारण है कि उनसे पूछताछ के लिए एसआईटी बाघम्बरी मठ में पहुंच गई है।

बलवीर गिरि ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से की बातचीत (फोटो- सोशल मीडिया)

तेरह अखाड़ों ने सुसाइड नोट को नकारा

महंत नरेंद्र गिरि की मौत के मामले में पुलिस टीम सुसाइड नोट में आरोपी बताए गए आनंद गिरि और लेटे हुए हनुमान मंदिर के मुख्य पुजारी आद्या तिवारी से लंबी पूछताछ कर चुकी है। पूछताछ के बाद दोनों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। इस बीच मंगलवार को मीडिया और सोशल मीडिया में वायरल हुए महंत नरेंद्र गिरि के सुसाइड नोट पर ही सवाल उठने लगे हैं।

देश के चर्चित संतों और महंतों की ओर से इस सुसाइड नोट को फर्जी बताने के बाद तेरह अखाड़ों ने भी इसे पूरी तरह नकार दिया है। सुसाइड नोट में बलवीर गिरि को उत्तराधिकारी बनाने की बात कही गई है ।

अभी तक उनका उत्तराधिकारी बनना तय माना जा रहा था मगर इसमें भी पेंच फ॔स गया है। पंच परमेश्वर की बैठक टाल दी गई है । माना जा रहा है कि सुसाइड नोट के संदेहास्पद होने के मद्देनजर यह फैसला लिया गया है।

एसआईटी ने शुरू की बलवीर से पूछताछ

महंत नरेंद्र गिरि के कथित सुसाइड नोट में बलवीर गिरि (Balbir Giri) को उत्तराधिकारी बनाने की बात कही गई है । मगर अब एसआईटी ने उनसे भी पूछताछ शुरू कर दी है। महंत नरेंद्र गिरि को भूसमाधि देने की प्रक्रिया समाप्त होने के बाद एसआईटी बाघम्बरी मठ में पहुंची। पूछताछ के समय जिलाधिकारी और एसपी भी एसआईटी के साथ थे।

सुसाइड नोट के आधार पर बलवीर मंगलवार तक खुद के उत्तराधिकारी होने का दावा कर रहे थे । मगर अब वह अपने बयान से पलट गए हैं। सुसाइड नोट में महंत नरेंद्र गिरि की हैंडराइटिंग होने का दावा करने वाले बलवीर गिरि अब कह रहे हैं कि मैं महंत नरेंद्र गिरि के हैंडराइटिंग नहीं पहचानता।महंत नरेंद्र गिरि के ब्रह्मलीन होने के बाद अखाड़ों की ओर से सात दिन का शोक घोषित किया गया है।

अखाड़ों की गुप्त टीम भी करेगी जांच

माना जा रहा है कि महंत नरेंद्र गिरि का षोडशी भंडारा अगली 5 तारीख को होगा। इस बीच एसआईटी जांच के अलावा अखाड़ों की गुप्त टीम ने भी महंत नरेंद्र गिरि की मौत की आंतरिक जांच करने का फैसला किया है। उम्मीद जताई जा रही है कि षोडशी भंडारा के पहले यह जांच पूरी कर ली जाएगी। इस आंतरिक जांच के बाद ही पंच परमेश्वर की ओर से उत्तराधिकारी को लेकर फैसला किए जाने की उम्मीद है।अखाड़ों की ओर से जांच शुरू किए जाने से अब यह माना जा रहा है कि मठ के भी कई चेहरे बेनकाब हो सकते हैं।

आखिर कौन हैं बलवीर गिरि

 Kaun Hai Balveer Giri

बलबीर गिरि प्रयागराज (फोटो- सोशल मीडिया)

वैसे इस पूरे प्रकरण में अब बलवीर गिरि को लेकर भी खूब चर्चाएं हो रही हैं। इसीलिए यह जानना जरूरी है कि आखिर बलवीर गिरि कौन है । कैसे वे महंत नरेंद्र गिरि के इतने प्रिय शिष्य बन गए। मूल रूप से उत्तराखंड के रहने वाले बलवीर गिरि की गिनती महंत नरेंद्र गिरि के सबसे प्रिय शिष्यों में होती रही है। वे 2005 में अपना घर परिवार छोड़कर संत बने थे।

बलवीर गिरि (Balbir Giri) को दीक्षा देने के बाद नरेंद्र गिरि ने उन्हें हरिद्वार आश्रम का प्रभारी बनाया था। बलवीर गिरि के साथ ही आनंद गिरि को भी महंत नरेंद्र गिरि का प्रिय शिष्य माना जाता था। दोनों शिष्यों के बीच भी आपस में अच्छा सामंजस्य था। बाद में आनंद गिरि के रवैये को देखते हुए बलवीर ने उनसे दूरी बना ली थी।

आनंद के निष्कासन के बाद नंबर दो की हैसियत

महंत नरेंद्र गिरि की ओर से आनंद गिरि को निष्कासित किए जाने के बाद बलवीर गिरि नंबर दो की हैसियत में आ गए थे। बलवीर गिरि ने नरेंद्र गिरि का इतना ज्यादा विश्वास हासिल कर लिया था कि उन्हें मठ से जुड़े फैसले लेने की भी छूट दे दी गई थी।

निरंजनी अखाड़े के सचिव राम रतन गिरि ने बलवीर गिरि को अच्छे विचारों वाला संत बताया है। उनका कहना है कि बलवीर गिरि अभी तक संत हित में ही सारे काम करते रहे हैं। इसी के बल पर उन्होंने महंत नरेंद्र गिरि का विश्वास जीता था।

योगी ने भी की थी बलवीर से ही चर्चा

प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंगलवार को महंत नरेंद्र गिरि को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए बाघम्बरी मठ में पहुंचे थे। इस दौरान मुख्यमंत्री ने महंत बलवीर गिरि से ही पूरे घटनाक्रम पर चर्चा की थी।

जानकारों के मुताबिक इस बातचीत के दौरान बलवीर गिरि ने सुसाइड नोट के असली होने का दावा किया था। उन्होंने इस मामले का खुलासा किए जाने पर भी जोर दिया था। वैसे अब महंत नरेंद्र गिरि के सबसे प्रिय शिष्य बलवीर गिरि को लेकर भी सवाल उठने लगे हैं। एसआईटी के साथ ही अखाड़ों की गुप्त टीम भी पूरे मामले पर से पर्दा उठाने में जुट गई है।

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