Prayagraj News: इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह, गुलजार को डीलिट की मानद उपाधि न मिलने को लेकर विवाद शुरू

Prayagraj News: इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में गीतकार गुलजार को मानद उपाधि ने देने पर बढ़ा विवाद

Report :  Syed Raza
Published By :  Raghvendra Prasad Mishra
Update:2021-11-10 16:36 IST

इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (फोटो-न्यूजट्रैक)

Prayagraj News: इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (Allahabad Central University) के दीक्षांत समारोह में मशहूर गीतकार गुलजार (famous lyricist gulzar) को डीलिट की मानद उपाधि नहीं मिलने को लेकर विश्वविद्यालय (Allahabad Central University) के पूर्व छात्रनेता ने सवाल खड़े कर दिए हैं। इलाहाबाद विश्वविद्यालय (Allahabad Central University) के पूर्व छात्रनेता ने कहा कि केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान खुद तो दीक्षांत समारोह (convocation) का हिस्सा बन गए। लेकिन उन्हीं की मंजूरी नहीं मिलने से गीतकार गुलजार को डीलिट की मानद उपाधि नहीं दिया जा सका। जो विश्विद्यालय की गरिमा के खिलाफ भी है और बेहद खेदजनक भी है।

वहीं विवाद शुरू होने के बाद इलाहाबाद विश्वविद्यालय (Allahabad Central University) ने गीतकार गुलजार (famous lyricist gulzar) को मंत्रालय से मंजूरी मिलने के बाद मानद उपाधि देने की बात कह रहा है। दरअसल, अगस्त 2021 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय (Allahabad Central University) की कार्य परिषद व एकेडमिक काउंसिल ने सर्वसम्मति से गीतकार गुलजार (famous lyricist gulzar) को मानद की उपाधि देने पर सहमति दी थी। जिसको लेकर गुलजार से उनकी सहमति भी मांगी गई, साथ ही शिक्षा मंत्रालय को मानद उपाधि की मंजूरी के लिए प्रस्ताव भेज दिया गया। हालांकि दो महीने से अधिक समय बीतने के बावजूद गीतकार गुलजार को डीलिट की मानद उपाधि देने की मंजूरी नहीं मिल सकी। जिसके चलते 8 नवंबर को आयोजित दीक्षांत समारोह (convocation) में गुलजार को मानद उपाधि नहीं दी जा सकी। जबकि गीतकार गुलजार ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय (Allahabad Central University) के प्रस्ताव पर अपनी सहमति दे दी थी।


इलाहाबाद विश्वविद्यालय (Allahabad Central University) की पीआरओ प्रो. जया कपूर ने कहा कि गीतकार गुलजार (famous lyricist gulzar) की योग्यता और काबिलियत को देखते हुए ही विश्वविद्यालय कार्य परिषद और एकेडमिक काउंसिल ने उन्हें डीलिट की मानद उपाधि देने पर अपनी मंजूरी दी थी। इसका प्रपोजल भी शिक्षा मंत्रालय को पहले ही भेजा गया है। उन्होंने कहा कि इसकी प्रक्रिया थोड़ा जटिल होती है, जिसके चलते अभी तक गुलजार (famous lyricist gulzar) के नाम को लेकर मंत्रालय और सरकार की मंजूरी नहीं मिल सकी है। पीआरओ जया कपूर ने कहा कि गुलजार को मानद उपाधि देने का प्रस्ताव प्रक्रिया में है, जैसे ही मंजूरी मिलती है तो विश्वविद्यालय एक प्रोग्राम आयोजित करके उन्हें डीलिट की मानद उपाधि प्रदान करेगा। इसके लिए किसी को भी किसी तरह की धारणा नहीं बनानी चाहिए। इलाहाबाद विश्वविद्यालय का अपना एक गौरवशाली और गौरवमयी इतिहास रहा है, इस पर बेवजह किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचना चाहिए।


गौरतलब है की इलाहाबाद विश्वविद्यालय (Allahabad Central University) ने 8 नवंबर को सत्र 2018-19 और 2019-20 का दीक्षांत समारोह (convocation) का आयोजन किया। जिसमें करीब 7 सौ छात्र छात्राओं को अलग अलग विषयों में मेडल और डिग्री की उपाधि दी गई। मुख्य अतिथि के तौर पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने शिरकत किया। इस दीक्षांत समारोह (convocation) के लिए इलाहाबाद विश्वविद्यालय ने मशहूर गीतकार गुलजार (famous lyricist gulzar) को मानद उपाधि डीलिट देने की तैयारियां की थी। हालांकि उसके लिए जरूरी प्रक्रिया समय से पूरी नहीं होने के चलते सरकार और मंत्रालय से मंजूरी नहीं मिल सकी, जिसकी वजह से 8 नवंबर को आयोजित दीक्षांत समारोह (convocation) में गुलजार को मानद उपाधि नहीं दी जा सकी। जिसको लेकर लोग अलग अलग मायने निकाल रहे हैं।

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