Prayagraj News : महंगाई और ऑनलाइन शॉपिंग ने बेरंग की दीवाली के बाजारों की रौनक, देखें रिपोर्ट

Prayagraj News : सिविल लाइंस क्षेत्र मशहूर पूजा सामग्री का केंद्र है जहां हर त्यौहारों के पूजा के सामान मिलते हैं। हालांकि इस बार पूजा सामग्री में जबरदस्त महंगाई का असर देखने को मिला है।

Report :  Syed Raza
Published By :  Shraddha
Update: 2021-11-02 07:18 GMT

महंगाई और ऑनलाइन शॉपिंग ने बेरंग की दीवाली के बाजारों की रौनक

Prayagraj News : प्रयागराज (Prayagraj) में धनतेरस (Dhanteras) और आगामी दिवाली पर्व को लेकर पूजा सामग्री के लिए बाजारों में हलचल तेज हो गई है लेकिन इस बार की दिवाली (Diwali) में वह रौनक नहीं दिखाई दे रही है जो रौनक कोरोना काल (corona) से पहले दिखाई देती थी। दुकानदारों का कहना है कि कोरोना पर ब्रेक तो जरूर लग गया है लेकिन देश में लगातार बढ़ रहे पेट्रोल डीजल (petrol diesel) के दाम की वजह से इस बार पूजा सामग्री से जुड़ी सभी चीजें दुगने दामों पर बिक रही हैं। इसके साथ ही साथ ऑनलाइन शॉपिंग (online shopping) को बढ़ावा देना भी इसका मुख्य कारण है। पूजा सामग्री के सामान को लोग खरीदने तो आ रहे हैं लेकिन उतनी रौनक नहीं है जितनी उम्मीद की जा रही थी।

आपको बता दें कि शहर का सिविल लाइंस (Prayagraj Civil Lines) क्षेत्र मशहूर पूजा सामग्री का केंद्र है जहां हर त्यौहारों के पूजा के सामान मिलते हैं। हालांकि इस बार पूजा सामग्री में जबरदस्त महंगाई का असर देखने को मिला है। भगवान की मूर्ति हो या फिर पूजा सामग्री और सजावट से जुड़े समान हो वो सभी पिछले साल के मुताबिक मंहगे बिक रहे हैं।

खरीदारी करने आ रहे लोगों का कहना है कि सामान महंगे जरूर हैं लेकिन त्यौहार है तो किसी तरह मनाना ही है जितना सामान वह पिछली बार खरीदे थे उससे कम ही सामान खरीदना पड़ा है और अब की बार वह दिवाली की पूजा में भगवान से प्रार्थना करेंगे कि महंगाई में थोड़ी कमी आए ।

सिविल लाइन्स पर सजी मूर्ति की दुकानें 

यह कहना गलत नहीं होगा की कई हफ्तों से लगातार बढ़े पेट्रोल और डीजल के दामों की वजह से दिवाली का पर्व दुकानदारों और आम जनता के लिए फीका पड़ गया है। प्रयागराज में सजावट के सामान हो या फिर भगवान की मूर्ति के सभी चीजें ट्रांसपोर्ट के जरिए कोलकाता ,गुजरात दिल्ली समेत अन्य राज्यों से आती है। ऐसे में लगातार बढ़ते पेट्रोल डीजल के दामों की वजह से ट्रांसपोर्टेशन मंहगा हुआ है जिसकी वजह से दिवाली से जुड़ी सामग्रियों पर इसका खासा असर दिखाई दे रहा है ।

ग्राहकों का कहना है कि जो मूर्ति वह पिछले साल 300 की ली थी वह इस बार 550 से अधिक की मिल रही है। ग्राहकों का यह भी मानना है कि सरकार बढ़ती महंगाई को ध्यान में रखें क्योंकि हर परिवार पर इसका काफी असर देखने को मिल रहा है । उधर दुकानदारों की बात माने तो उनका कहना है कि महंगे सामान बेचना उनकी मजबूरी है। दुकानदार रवि शंकर द्ववेदी बताते हैं कि ट्रांसपोर्टेशन महंगा होने की वजह से उनको सम्मान महंगा बेचना पड़ रहा है। इसके साथ ही रौनक ना होने का मुख्य कारण ऑनलाइन शॉपिंग भी है जो कि सभी व्यापारियों के लिए चिंता का विषय बनी हुई है। अब वह भी लोगों से अपील कर रहे हैं कि लोग ऑनलाइन शॉपिंग का कम प्रयोग करें ताकि बाजारों में रौनक बनी रहे और गरीबों द्वारा बनाई गई पूजा सामग्री को लोग बाजारों में आकर के खरीदें।

धनतेरस के दिन बाज़ारो में रौनक कम ही देखी जा रही

पूजा सामग्री के साथ साथ इस बार बाज़ारो में रंगोली के डिजाइन और सामग्री से लेकर दरवाज़ों पर लगने वाले तोरण भी बिक रहे हैं। नग मोती और कुंदन तक के तोरण इस बार गुजरात से मंगाए गए हैं। खास देवी देवताओं की मूर्तियां कोलकाता से मगवाई गयी है। हालांकि इस बार धनतेरस के दिन बाज़ारो में रौनक कम ही देखी जा रही है। गौरतलब है कि सरकार को आने वाले दिनों में पेट्रोल और डीजल के दामों में गिरावट लानी होगी नहीं तो दिवाली की तरह अन्य त्योहारों में भी महंगाई का ऐसा ही असर देखने को मिलेगा।

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