Prayagraj News :लेटे हुए हनुमान मंदिर में गम का माहौल, नरेंद्र गिरि की मौत से श्रद्धालुओ में शोक की लहर
Prayagraj News : अध्यक्ष नरेंद्र गिरि महाराज की आत्महत्या से प्रयागराज के साथ साथ पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई थी ।
Prayagraj News : संगम शहर प्रयागराज (Prayagraj) स्तिथ लेटे हुए हनुमान मंदिर (Hanuman Temple) पूरे देश के साथ-साथ दुनिया में भी अपनी एक अलग पहचान बनाया हुआ है। ऐतिहासिक मंदिर के बड़े महंत रहे नरेंद्र गिरि (Narendra Giri) महाराज के ना रहने से श्रद्धालुओं में शोक की लहर दौड़ गई है। 20 सितंबर की शाम जब लोगों को ये सूचना मिली कि अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि महाराज ने आत्महत्या Suicide)की है, उसके बाद प्रयागराज के साथ साथ पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई।
इस दुखद घटना के बाद लेटे हुए हनुमान मंदिर के कपाट को भी बंद कर दिया गया था लेकिन अब कपाट खुलने के बाद बीते 2 दिनों से जो भी श्रद्धालु संगम स्थित इस मंदिर में हनुमान जी के दर्शन करने के लिए आ रहे हैं उनके चेहरे पर साफ तौर पर मायूसी झलक रही है।
श्रद्धालु या कहे कि भक्तों का कहना है कि वह हनुमान जी का दर्शन तो कर रहे हैं लेकिन मंदिर के बड़े महंत नरेंद्र गिरी के ना रहने से दर्शन अधूरा ही लग रहा है। उनका ये भी कहना है कि पिछले 17 सालो से अधिक मंदिर के बड़े महंत रहे नरेंद्र गिरी महाराज हमेशा श्रद्धालुओं से मिलते थे और उनको आशीर्वाद देते थे। लेकिन अब ऐसा पहली बार हो रहा है जब वह यहां दर्शन के लिए आ रहे हैं और वह मंदिर परिसर में नहीं है।
भक्तों का यह भी कहना है कि उनको बिलकुल भी नहीं लगता है कि नरेंद्र गिरि महाराज आत्महत्या कर सकते हैं। आज़मगढ़ से दर्शन करने के लिए आये उत्कर्ष राय का कहना है कि मंदिर अब सुनसान सा लगने लगा है क्योंकि महंत नरेंद्र गिरि महाराज के रहने से एक अलग तरह की रौनक दिखाई देती थी जो कि अब बिल्कुल भी नहीं दिख रही है। इस दुखद घटना को लेकर सभी भक्त और श्रद्धालु आहत है और उनका कहना है कि जो भी इस पूरे प्रकरण में दोषी है उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो।
आपको बता दें महंत नरेंद्र गिरि की मौत के बाद मंदिर के कपाट को बंद कर दिया गया था जिसके बाद श्रद्धालुओं को मंदिर के गेट पर ही पूजा-पाठ करना पड़ रहा था। लेकिन बीते बृहस्पतिवार से मंदिर के कपाट को खोल दिया गया है और अब श्रद्धालु मंदिर में दर्शन कर रहे हैं। झांसी से आए विजय शर्मा का कहना है कि उनको मीडिया के माध्यम से यह पता चला कि नरेंद्र गिरि महाराज अब इस दुनिया में नहीं है और उन्होंने आत्महत्या कर ली है। यह सुनकर उनका पूरा परिवार सदमे में है और उनकी आत्मा को शांति मिले इसके लिए वह हनुमान मंदिर में आकर के पूजा पाठ कर रहे हैं।