Up Election 2022 Phase 7 Campaign: काशी में BJP को ललकारेंगी ममता, अखिलेश-जयंत होंगे साथ
Up Election 2022 Phase 7 Campaign: सीएम ममता बनर्जी को वाराणसी में हिंदू युवा वाहिनी के विरोध का सामना करना पड़ा। कार्यकर्ताओं द्वारा काले झंडे के साथ नारेबाजी भी की गई।
Up Election 2022 Phase 7 Campaign : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की मुखिया ममता बनर्जी (cm Mamata Banerjee) भी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (up Election 2022 live update) के सियासी रण में कूद चुकी हैं। वे बुधवार को ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Pm Narendera Modi) के संसदीय क्षेत्र काशी (Kashi) पहुंच गईं। हालांकि, काशी में उन्हें हिंदू युवा वाहिनी (Hindu Yuva Vahini) कार्यकर्ताओं के विरोध का भी सामना करना पड़ा। शहर के चेतगंज इलाके में कार्यकर्ताओं की ओर से उन्हें काले झंडे दिखाने के साथ नारेबाजी भी की गई। हालांकि ममता ने भी डटकर इस विरोध का सामना किया।
अब सबकी निगाहें आज होने वाली ममता की बड़ी चुनावी रैली पर टिकी हुई हैं। ममता की यह चुनावी रैली ऐढ़े में होगी और इसे समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव और राष्ट्रीय लोकदल के मुखिया जयंत चौधरी भी संबोधित करेंगे। ममता की इस रैली को सियासी नजरिए से काफी अहम माना जा रहा है क्योंकि ममता की प्रदेश में यह एकमात्र चुनावी रैली होगी। सियासी जानकारों का मानना है कि इस रैली के दौरान ममता पीएम मोदी और भाजपा पर बड़ा हमला बोलेंगी।
विरोधियों के सामने डटी रहीं ममता
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बुधवार को शाम वाराणसी के बाबतपुर एयरपोर्ट पर पहुंचीं और एयरपोर्ट से सीधे गंगा घाट के लिए रवाना हुईं। रास्ते में ममता को हिंदू युवा वाहिनी और भाजपा कार्यकर्ताओं के प्रबल विरोध का भी सामना करना पड़ा मगर इस दौरान ममता ने वही तेवर दिखाए जिसके लिए वे जानी जाती हैं। काला झंडा दिखाए जाने के बाद अपने खिलाफ हो रही नारेबाजी को सुनकर वे गाड़ी रुकवाकर खड़ी हो गईं और उन्होंने विरोध प्रदर्शन का डटकर मुकाबला किया। वे कुछ देर तक विरोधियों के सामने ही डटी रहीं और कहा कि वे डरने या भागने वाली नहीं हैं।
दशाश्वमेध घाट पहुंचने पर भी ममता को विरोध का सामना करना पड़ा। भाजपा समर्थकों की ओर से उनके खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई। गंगा आरती में ममता के लिए अलग से कुर्सियों की व्यवस्था की गई थी मगर ममता ने कुर्सियों को छोड़कर सीढ़ी पर बैठना पसंद किया। सीढ़ी पर बैठकर ही उन्होंने गंगा आरती का आनंद लिया मगर दशाश्वमेध घाट से रवाना होते समय भी उनके खिलाफ नारेबाजी की गई।
पहले ही कर दिया था ऐलान
ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस की ओर से प्रदेश विधानसभा चुनाव में कोई भी प्रत्याशी मैदान में नहीं उतारा गया है और इस बार उन्होंने समाजवादी पार्टी को समर्थन देने की घोषणा कर रखी है। इससे पहले भी वे 7 फरवरी को लखनऊ के दौरे पर पहुंची थीं और उन्होंने अखिलेश यादव के साथ संयुक्त रूप से संवाददाता सम्मेलन को भी संबोधित किया था। हालांकि इस दौरे के समय ममता की किसी चुनावी सभा का आयोजन नहीं किया गया था।
उसी समय ममता ने वाराणसी जाने और शिव दरबार में दीया जलाने की घोषणा की थी। उनका कहना था कि मुझे इस बात की जानकारी है कि काशी पीएम नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र है मगर देश में हर व्यक्ति कहीं भी जाने के लिए स्वतंत्र है। ऐसे में मैं भी वाराणसी का दौरा करके समाजवादी पार्टी के लिए मतदाताओं का समर्थन मांगूंगी।
ममता की चुनावी रैली काफी अहम
अपनी घोषणा पर अमल करते हुए ममता काशी पहुंच चुकी हैं और अब सबकी निगाहें आज होने वाली उनकी चुनावी रैली पर टिकी है। पिछले साल पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने उनके खिलाफ आक्रामक चुनाव प्रचार किया था। इस दौरान भाजपा नेताओं की ओर से ममता को घेरने की पूरी कोशिश की गई थी। हालांकि ममता लगातार तीसरी बार पश्चिम बंगाल की सत्ता पर काबिज होने में कामयाब रहीं।
माना जा रहा है कि ममता पीएम मोदी से सियासी हिसाब चुकाने के लिए ही काशी पहुंची हैं। यही कारण है कि आज होने वाली ममता की चुनावी रैली को सियासी नजरिए से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। सियासी जानकारों का मानना है कि इस रैली के दौरान ममता भाजपा और पीएम मोदी को घेरने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ेंगी।
ममता के साथ अखिलेश व जयंत भी
वाराणसी के ऐढ़े मैं आज होने वाली चुनावी रैली को सियासी नजरिए से इसलिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि इसमें सपा मुखिया अखिलेश यादव और रालोद मुखिया जयंत चौधरी भी हिस्सा लेंगे। इस रैली को कामयाब बनाने के लिए सपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष किरणमय नंदा काशी में ही डेरा डाले हुए हैं। उनके अलावा समाजवादी पार्टी के कई और नेता भी वाराणसी पहुंचे हुए हैं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश से जुड़े रालोद के कई नेता भी इन दिनों वाराणसी में ही हैं और सपा प्रत्याशियों की चुनावी संभावनाओं को मजबूत बनाने की कोशिश में जुटे हुए हैं।
प्रदेश में ममता और अखिलेश की काशी में होने वाली रैली का अलग सियासी मतलब निकाला जा रहा है। पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा गठबंधन ने वाराणसी जिले की सभी सीटों पर जीत हासिल करके बड़ा सियासी संदेश दिया था। इस बार सपा भाजपा का गढ़ माने जाने वाले इस जिले में सेंध लगाकर बड़ा सियासी संदेश देने की कोशिश में जुटी हुई है। इसी रणनीति के तहत ममता की काशी में रैली का आयोजन किया गया है।
ममता के बाद पीएम मोदी भी पहुंचेंगे काशी
वाराणसी और आसपास के 9 जिलों में आखिरी चरण में 7 मार्च को मतदान होना है। छठे चरण का चुनावी शोर थमने के बाद अब वाराणसी समेत पूर्वांचल के अन्य जिले सबसे बड़ा चुनावी अखाड़ा बन चुके हैं। सभी दलों की ओर से अब पूरी ताकत पूर्वांचल में ही लगाई जा रही है। ममता के दौरे के बाद 4 मार्च को पीएम नरेंद्र मोदी भी अपने संसदीय क्षेत्र काशी में डेरा डालेंगे।
इस दौरान उनके रोड शो और चुनावी सभा का भी कार्यक्रम तय किया गया है। ऐसे में यह तय माना जा रहा है की ममता और अखिलेश की ओर से किए गए हमलों का जवाब पीएम मोदी भी वाराणसी की जनसभा में जरूर देंगे। पीएम मोदी के इस दौरे से वाराणसी समेत पूर्वांचल की अन्य सीटों पर असर पड़ना तय माना जा रहा है।