UP Election 2022: वाराणसी की शिवपुर सीट पर राजभर VS राजभर से दिलचस्प हुई जंग, सपा के दावेदारों को लगा झटका

UP Election 2022: सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी ने शिवपुर विधानसभा सीट पर अपने पत्ते खोल दिए हैं। ओमप्रकाश राजभर के बेटे अरविंद राजभर को इस विधानसभा सीट पर चुनाव मैदान में उतारने की घोषणा की गई है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Published By :  Shreya
Update:2022-02-01 19:34 IST

अरविंद राजभर-अनिल राजभर (फोटो साभार- सोशल मीडिया) 

UP Election 2022: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के संसदीय क्षेत्र वाराणसी (Varanasi) के शिवपुर विधानसभा क्षेत्र (Shivpuri Assembly Seat) में इस बार राजभर बनाम राजभर की दिलचस्प लड़ाई देखने को मिलेगी। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (Suheldev Bhartiya Samaj Party- SBSP) ने इस विधानसभा सीट पर अपने पत्ते खोल दिए हैं। पार्टी के मुखिया ओमप्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar) के बेटे अरविंद राजभर (Arvind Rajbhar) को इस विधानसभा सीट पर चुनाव मैदान में उतारने की घोषणा की गई है।

2017 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) के अनिल राजभर (Anil Rajbhar) ने जीत हासिल की थी। उस समय सुभासपा भाजपा के साथ गठबंधन (SBSP BJP Alliance) करके चुनाव मैदान में उतरी थी। इस बार सियासी हालात पूरी तरह बदले हुए हैं। इसलिए इस सीट पर दिलचस्प मुकाबले की उम्मीद जताई जा रही है। भाजपा ने अभी तक इस सीट पर प्रत्याशी की घोषणा नहीं की है मगर योगी सरकार (Yogi Government) के कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर का इस सीट से चुनाव लड़ना तय माना जा रहा है। 

अरविंद राजभर (फोटो साभार- सोशल मीडिया) 

ओमप्रकाश ने अपने बेटे को अखाड़े में उतारा

सुभासपा की ओर से सोमवार को पांच प्रत्याशियों की पहली सूची जारी की गई। इस सूची में पार्टी के मुखिया ओमप्रकाश राजभर और उनके बेटे अरविंद राजभर दोनों का नाम शामिल है। पहले ओमप्रकाश राजभर के चुनाव क्षेत्र बदलकर इस बार शिवपुर सीट (Shivpuri Seat) से चुनाव लड़ने की संभावना जताई जा रही थी मगर इस सूची से साफ हो गया कि वे अपनी पुरानी सीट जहूराबाद (Jahurabad Vidhan Sabha Seat) से ही चुनाव मैदान में उतरेंगे। ओमप्रकाश राजभर ने 2017 के चुनाव में गाजीपुर की जहूराबाद सीट पर जीत हासिल की थी और वे फिर इसी सीट पर किस्मत आजमाएंगे।

सुभासपा की ओर से अरविंद राजभर (Arvind Rajbhar) को इस बार शिवपुर सीट पर चुनाव लड़ाने की घोषणा की गई है। सूची जारी करने के साथ ओमप्रकाश राजभर ने दावा किया है कि इस बार भाजपा के अनिल राजभर को अपनी ताकत का पता लग जाएगा। उनका कहना है कि अनिल राजभर ने शिवपुर क्षेत्र में विकास के कोई काम नहीं कराए हैं और इस बार के चुनाव में उन्हें इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। 

अनिल राजभर (फोटो साभार- सोशल मीडिया) 

योगी के मंत्री अनिल राजभर की घेराबंदी

सुभासपा मुखिया ने कहा कि शिवपुर विधानसभा सीट उनकी पहली पसंद थी मगर जहुराबाद के लोगों के अनशन पर बैठ जाने के कारण वे अपनी पुरानी सीट पर ही चुनाव लड़ने के लिए मजबूर हो गए। अब पार्टी की ओर से योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री के खिलाफ अरविंद राजभर को चुनाव मैदान में उतारा गया है। बेटे को चुनाव मैदान में उतारने के साथ ही ओमप्रकाश राजभर ने अनिल राजभर की घेराबंदी शुरू कर दी है।

उनका कहना है कि अनिल राजभर पांच साल तक क्षेत्र से गायब रहे और इसी कारण उनसे सवाल पूछा जा रहा है कि पांच साल बाद कहां से प्रकट हो गए। उन्होंने दावा किया कि इस बार मतदाताओं ने सपा गठबंधन को सत्ता सौंपने का मन बना लिया है। उन्होंने दावा किया कि सपा से हाथ मिलाने के बाद सुभासपा पूर्वांचल के जिलों में अपनी ताकत दिखाएगी।

अनिल के नाम का एलान जल्द

ओमप्रकाश राजभर के एनडीए गठबंधन से अलग होने के बाद भाजपा नेतृत्व की ओर से अनिल राजभर को बढ़ावा दिया जाता रहा है। भाजपा नेतृत्व की ओर से उन्हें राजभर समाज को एकजुट रखने और भाजपा के समर्थन के लिए तैयार करने की बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है। यही कारण है कि अनिल राजभर ओपी राजभर पर लगातार सियासी हमले करते रहे हैं।

शिवपुर सीट पर ओमप्रकाश राजभर का नाम उछलने के बाद ही अनिल राजभर ने सुभासपा नेता को अपनी जमानत बचाने की चुनौती दी थी। अब ओपी राजभर की ओर से अनिल राजभर को चुनौती दी गई है कि इस बार के चुनाव में अगर वे अपनी जमानत बचाने में कामयाब रहे तो बड़ी बात होगी। दो राजभर नेताओं के इस मुकाबले के कारण इस विधानसभा सीट पर दिलचस्प जंग की बिसात बिछी चुकी है। माना जा रहा है कि जल्द ही भाजपा नेतृत्व की ओर से भी अनिल राजभर को चुनाव मैदान में उतारने का ऐलान कर दिया जाएगा।

सपा के दावेदार हुए निराश

वैसे सुभासपा की ओर से शिवपुर विधानसभा सीट पर अरविंद राजभर को प्रत्याशी घोषित किए जाने के बाद सपा के उन नेताओं में निराशा फैल गई है जिन्होंने शिवपुर विधानसभा सीट पर दावेदारी कर रखी थी। समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के कई नेता इस चुनाव क्षेत्र में काफी दिनों से मेहनत कर रहे थे मगर सुभासपा से गठबंधन के कारण उनके अरमानों पर पानी फिर गया है। इस सीट पर प्रमुख रूप से सपा की ओर से अवधेश पाठक को दावेदार माना जा रहा था। अवधेश पाठक (Awadhesh Pathak) काफी दिनों से इलाके में सक्रिय थे। सपा के हर सर्वे में अवधे़श पाठक जिताऊ उम्मीदवार के रूप में उभरे हैं।

इस सीट से जब भी सपा ने यादव को टिकट दिया तब वह सीट अपनी झोली में नहीं कर सकी। इस बार ब्राह्मण, यादव, मुस्लिम गठजोड़ से सपा से बहुत उम्मीद रही है। संजय यादव (Sanjay Yadav) समेत कुछ अन्य दावेदारों की नजर भी इस सीट पर लगी हुई थी मगर यह सीट सुभासपा के कोटे में जाने से सपा के दावेदारों को बड़ा झटका लगा है।सुभासपा के लिए भी सब सीट सुरक्षित नहीं कही जायेगी।

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