Varanasi News: दिख रहा है जीरो टॉलरेंस नीति का असर, 2 विभागों के 8 अफसर सस्पेंड, संतोष अग्रवाल भी निलंबित
सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर उत्तर प्रदेश में जीरो टॉलरेंस नीति के तहत भ्रष्टाचार करने वाले अधिकारियों के मामले में तेजी से कार्यवाही की जा रही है।
Varanasi News: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर उत्तर प्रदेश में जीरो टॉलरेंस नीति के तहत भ्रष्टाचार करने वाले, विभागीय अनियमितता में शामिल और आम नागरिकों की शिकायतों व समस्याओं पर कार्यवाही ना करने वाले अधिकारियों के मामले में तेजी से कार्यवाही की जा रही है। इसके तहत वाराणसी जिले में 2 विभागों के 8 अफसरों को सस्पेंड कर दिया गया है। इसके साथ ही साथ स्थानांतरण नीति उपेक्षा करके गलत तरीके से कार्मिकों का स्थानांतरण करने के मामले में तत्कालीन निदेशक, आंतरिक लेखा एवं लेखा परीक्षा संतोष अग्रवाल को भी निलंबित कर दिया गया है।
कहा जा रहा है कि वाराणसी के चकबंदी उप संचालक (डीडीसी) समेत दो विभागों के आठ अफसरों को निलंबित करते हुए चकबंदी में अनियमितता की जांच वाराणसी के मंडलायुक्त को सौंपी गयी है। मामले में मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद आयुक्त चकबंदी ने डीडीसी प्रकाश राय, बंदोबस्त अधिकारी चकबंदी संजय राय, चकबंदी अधिकारी शैलेंद्र द्विवेदी, चकबंदी अधिकारी लाल सिंह, पेशी कानूनगो राजेश कुमार, चकबंदीकर्ता अमित कुमार सिंह और चकबंदी लेखपाल मंगला चौबे को निलंबित करने की कार्रवाई की गयी है।
मुख्यमंत्री ने शिकायतकर्ता द्वारा खरीदी गई जमीन या उसके समतुल्य भूमि पर तत्काल कब्जा दिलाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही हिदायत देते हुए कहा है कि ऐसे लोगों को तत्काल दंडित करें। मुख्यमंत्री से वाराणसी की तहसील पिंडरा के अंतर्गत चकबंदी कार्य में अनियमितता की शिकायत करते हुए कहा गया था कि वाराणसी जिले की तहसील पिंडरा में वर्ष 1991 में जमीन ली गई थी। इसके बाद भी पीड़ित को जमीन पर कब्जा नहीं लेने दिया गया। इसके साथ ही जब चकबंदी प्रक्रिया शुरू हुई तो इसमें कई तरह की अनियमितता बरती गई। जमीन आबादी की थी, लेकिन इसको अन्य तरह की जमीन दिखा कर हेराफेरी करने का काम अधिकारियों के द्वारा किया गया।
निदेशक पर भी गिरी गाज
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसके साथ ही स्थानांतरण नीति की उपेक्षा कर गलत तरीके से कार्मिकों का स्थानांतरण करने के मामले में तत्कालीन निदेशक, आंतरिक लेखा एवं लेखा परीक्षा संतोष अग्रवाल को भी निलंबित करने का आदेश दिया है। बताया जा रहा है कि वह फिलहाल कार्यालय निदेशक कोषागार के यहां से संबद्ध हैं। वह अगले महीने रिटायर भी हो रहे हैं।
आरोप हैं कि उन्होंने विभाग में 458 तबादले नियम विरुद्ध करने का कारनामा कर दिखाया था। इसके बाद उन्हें पद से हटाकर दो सदस्यीय कमेटी को जांच करने के आदेश दिए गए थे। अब जांच कमेटी की रिपोर्ट पर ही उन्हें निलंबित करने की कार्रवाई की गयी है।