रायबरेली दुर्घटना में घायल पीड़िता के साथ वकील अभी भी वेंटीलेटर पर, हालत नाजुक
किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के जनसंपर्क अधिकारी संदीप तिवारी ने बताया कि पीड़िता और वकील महेन्द्र सिंह अभी वेंटिलेटर पर है।
लखनऊ: रायबरेली में सड़क हादसे में घायल उन्नाव की बलात्कार पीड़िता और उसके वकील की हालत घटना के पांचवे दिन गुरुवार को भी नाजुक बनी हुयी है। एक दिन पहले पीड़ित परिजनों ने अस्पताल के बाहर ही धरना दिया था।
किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के जनसंपर्क अधिकारी संदीप तिवारी ने बताया कि पीड़िता और वकील महेन्द्र सिंह अभी वेंटिलेटर पर है।
वकील की सेहत में कुछ सुधार दिखने पर उन्हे वेंटिलेटर से थोड़े समय के लिये हटाया गया था मगर हालत बिगड़ने पर दोबारा जीवन रक्षक प्रणाली में रख दिया गया।
दोपहर 12 बजे जारी स्वास्थ्य बुलेटिन में बताया गया कि पीड़िता और वकील दोनों की हालत अभी भी नाजुक बनी हुयी है। दोनों का इलाज विशेषज्ञ चिकित्सकों की निगरानी मे मुफ्त किया जा रहा है। पीड़िता के अंगों में कई फ्रैक्चर है। उसके पैर, सीने और सिर पर गंभीर चोटें आयी है।
ये भी पढ़ें...आईटीआई अनुदेशक सेवा नियमावली-2014 की वैधता को चुनौती
पसली में फ्रैक्चर के कारण उसे सांस लेने में कठिनाई हो रही है। सीटी स्कैन रिपोर्ट में हालांकि कोई बड़ी हेड इंजरी परिलक्षित नहीं हुयी है। इस बीच हादसे की शिकार पीड़िता की मौसी का अंतिम संस्कार उनके गृहनगर बाराबंकी के एक गांव में आज कर दिया गया।
गौरतलब है कि रायबरेली के गुरूबख्शगंज क्षेत्र में पिछले रविवार को ट्रक और कार की भिड़ंत में कार सवार पीड़िता और उसके वकील गंभीर रूप से घायल हो गये थे जबकि उसकी चाची और मौसी की मृत्यु हो गयी थी।
यहां जानें कब क्या हुआ
11 जून 2017- पीड़िता गांव के युवक शुभम के साथ गायब हुई। परिवार वालों ने आरोपी शुभम, अवधेश पर केस दर्ज किया।
21 जून 2017- पीड़िता पुलिस से मिली।
22 जून 2017- पीड़िता ने मजिस्ट्रेट के सामने बयान दिया। पीड़िता ने तीन लोगों पर गैंगरेप का आरोप लगाया। विधायक समर्थक बताए जा रहे तीनों युवकों की गिरफ्तारी हुई।
1 जुलाई 2017- मामले में चार्जशीट दायर हुई।
22 जुलाई 2017- पीड़िता ने विधायक कुलदीप सेंगर और उनके भाइयों पर गैंगरेप का आरोप लगाया।
30 अक्टूबर 2017- मामला बढऩे पर विधायक समर्थकों ने पीडि़ता के परिवार पर मानहानि का केस दर्ज कराया।
11 नवंबर 2017- पीड़िता के चाचा पर भी मानहानि का केस दर्ज कराया गया।
22 फरवरी 2018- पीड़िता की ओर से उन्नाव जिला अदालत में अर्जी दी गई।
3 अप्रैल 2018- को विधायक के भाई अतुल सिंह ने उसके पिता को पीटा था।
4 अप्रैल 2018- पीड़िता के पिता गिरफ्तार। पीड़िता ने आरोप लगाया कि मुकदमा वापस ना लेने की वजह से परिवार पर भी हमला हुआ था।
5 अप्रैल 2018- घायल पिता माखी थाने में मुकदमे की तहरीर देने गए तो पुलिस ने पांच अप्रैल को उन्हीं के खिलाफ शस्त्र अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज करके जेल भेज दिया।
8 अप्रैल 2018- पीड़िता ने किया आत्मदाह का प्रयास। पिता के खिलाफ कार्रवाई से दुखी पीडि़त युवती ने 8 अप्रैल को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आवास के पास आत्मदाह का प्रयास किया जहां पुलिसकर्मियों ने उसे रोक लिया।
8 अप्रैल 2018 को पीड़िता के पिता को जेल में पेट दर्द के साथ खून की उल्टियां शुरू हुई थीं। कुछ ही घंटों में उनकी मौत हो गई थी।
9 अप्रैल 2018- पीड़िता के पिता की मौत। राज्य सरकार ने इस मामले में थाना प्रभारी समेत 6 पुलिसवालों को निलंबित किया था।
10 अप्रैल 2018- विधायक का भाई अतुल सेंगर गिरफ्तार। युवती के पिता की न्यायिक हिरासत में मौत की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया।
11 अप्रैल 2018- राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का यूपी सरकार को नोटिस, सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर। इसी दिन उन्नाव गैंगरेप और पीड़िता के पिता की मौत मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से रिपोर्ट तलब की। साथ ही एडवोकेट जनरल या एडिशनल एडवोकेट जनरल को व्यक्तिगत तौर पर पेश होने के लिए कहा।
12 अप्रैल 2018- सीबीआई को जांच सौंपी गई।
13 अप्रैल 2018- सीबीआई की टीम ने विधायक को गिरफ्तार किया।
14 अप्रैल 2018-सीबीआई ने शशि सिंह नाम की एक महिला को गिरफ्तार किया जिस पर घटना के दिन पीडि़ता को भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के पास ले जाने का आरोप था।
2 मई 2018- जेल में करीबियों के साथ जनता दरबार लगाने और गवाहों को प्रभावित करने की शिकायत के बाद विधायक समेत केस से जुड़े सभी आरोपियों को उन्नाव से लखनऊ जेल में शिफ्ट किया गया।
24 अगस्त 2018- बलात्कार और हत्या मामले के गवाह में से एक की मौत हो गई। यूनुस नाम का गवाह पिछले कुछ समय से कथित तौर पर बीमार चल रहा था।
26 अगस्त को यूनुस का शव कब्र से निकालकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया।
28 जुलाई 2019- रेप पीड़िता जिस कार में जा रही थी उसे एक ट्रक ने टक्कर मार दी। इस हादसे में पीड़िता की मौसी और चाची की मौत हो गई जबकि खुद पीड़िता और उसके वकील की हालत बेहद गंभीर है। पीड़िता और उसके रिश्तेदार अपने वकील के साथ रायबरेली जेल में बंद पीड़िता के चाचा से मिलने जा रहे थे।
1 अगस्त 2019- भाजपा ने आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को पार्टी से निकाला। सुप्रीम कोर्ट ने सभी केस दिल्ली ट्रांसफर किया। पीड़ितों को मिली सीआरपीएफ की सुरक्षा। पीड़िता को 24 घंटे के भीतर 25 लाख का मुआवजा और 45 दिन में ट्रायल पूरा करने का निर्देश।
ये भी पढ़ें...महिला ने भरी पंचायत में पति पर लगाया तलाक देने का आरोप, पुलिस जांच में जुटी