रायबरेली : अरबों रूपये के एनआरएचएम घोटाले का दंश झेल रहे, उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग अभी भी अपनी भ्रष्टाचारी और विवादित कार्यशैली से बाहर निकलने को तैयार नहीं है। सूबे में भले ही सरकार बदल गयी हो और उसकी कमान योगी आदित्यनाथ के हाथो में है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग में सालों से जमे कर्मचारी अपनी मनमानी करने से बाज नहीं आ रहे है।
मामला रायबरेली जिला अस्पताल का है, जहाँ अधिकारियों की लापरवाही और कर्मचारियों की मिलीभगत से नियमों को ताक पर रख कर बिहार सरकार को सप्लाई होने वाली पैरासिटामॉल सीरप का वितरण किया जा रहा है। फिलहाल मामला खुलने पर जांच शुरू हो गयी और दवा का वितरण रोक दिया गया।
-रायबरेली जिला अस्पताल में उस वक्त हड़कंप मच गया जब ड्रग इंस्पेक्टर दीपक शर्मा ने छापा मारा और बिहार सरकार को सप्लाई होने वाली पैरासिटामॉल सिरप बड़ी मात्रा में बरामद की। ड्रग इंस्पेक्टर की माने तो प्रदेश में केवल उत्तर प्रदेश में सप्लाई होने वाली दवाईओ का ही वितरण हो सकता है। यह कैसे दी जा रही है इसका जवाब जांच के बाद आएगा तब तक के लिए इसको सीज कर वितरण पर रोक लगा दिया गया है।
-बिहार सरकार की दवाओं को जिला अस्पताल में रिसीव करने वाले चीफ फार्मासिस्ट समीउल्लाह की माने तो अबोइट कंपनी ने 60 मिली के 5000 पीस पैरासिटामोल सीरप सप्लाई की थी। यह दवा बिहार सरकार को सप्लाई होनी थी इसकी जानकारी मुझे नहीं थी ,मुझसे गलती हुई।
वहीं जिला अस्पताल में जिस तरीके से बिहार की पैरासिटामाल सीरप दी जा रही है उसको लेकर जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही सामने आई है। अस्पताल के जिम्मेदार डाक्टर गोरखपुर हादसे के बाद भी कोई सबक नहीं सीखे और मामला खुलने पर दोषियों के विरुद्ध सख्त कड़ी कार्यवाही की बात कैमरे पर कही जाने लगी।