Raebareli News: पुराने गाने सुनने के शौकीन इस वकील के पास 52 साल पुराने रेडियो सेट

Raebareli News:रायबरेली के एक वकील ने पिछले 52 सालां से पुराने रेडियो सेट और रिकोर्ड प्लेयर को इकट्ठा कर रहे है। उनके पास करीब 10 पुराने रेडियो सेट है और ये सभी चालू हालत में है।

Update:2023-11-01 12:51 IST

रायबरेली में एक वकील के पास है 52 साल पुराने रेडियो सेट (न्यूजट्रैक)

Raebareli News: नये कमरों में अब चीजें पुरानी कौन रखता है, परिंदों के लिए शहरों में पानी कौन रखता है। ये शेर राम सेवक चौधरी पर बिलकुल सटीक बैठता है। आधुनिकता के इस दौर में भला गुजरे ज़माने की चीज़े कौन सहेज कर रखता है? रायबरेली के एक वकील को एक अजीब शौक है वो पिछले 52 सालां से पुराने रेडियो सेट और रिकोर्ड प्लेयर को इकट्ठा कर रहे है। उनके पास करीब 10 पुराने रेडियो सेट है और ये सभी चालू हालत में है। रेडियो सेट के अलावा इनके पास सैकड़ों रिकोर्ड प्लेयर भी है जिनके जरिये ये आज भी पुराने संगीत को जिन्दा रखे हुए है।

भारत-चीन युद्घ के दौरान हुआ रेडियो से लगाव

1962 के भारत-चीन युद्ध के दौरान इन्हें रेडियो से जो लगाव हुआ वो सफ़र आज तक जारी है। दरअसल भारत चीन युद्ध के बीबीसी सूचना का एकमात्र माध्यम था। सूचना प्राप्त करने के लिए लोगो को रेडियो पर ही निर्भर रहना पड़ता था। रेडियो और संगीत के शौक़ीन राम सेवक चौधरी को यही से रेडियो क़ी लत लग गयी। पुराने रेडियो को इकट्ठा करने और उनको सहेज कर रखने के बारे में श्री चौधरी कहते है कि ये सभी रेडियो और ट्रांसिस्टर मुझे पुराने दौर क़ी याद दिलाते हैं।

लता मंगेशकर, किशोर कुमार और आशा भोसले के रिकोर्ड्स प्लयेर मुझे उस दौर क़ी याद दिलाते है जो हिंदी सिनेमा के संगीत का स्वर्णिम युग था। पुराने सेट को चालू हालत में रखने के लिए राम सेवक चौधरी को बड़ी मेहनत भी करनी पड़ती है। जब भी कोई सेट ख़राब होता है तो उसके कलपुर्जो को तलाशने के लिए राम सेवक कबाड़ की दुकान तक पहुँच जाते है और कलपुर्जो को ले आते है।

राम सेवक चौधरी के इस शौक को पूरा करने में उनके दोस्त अब्दुल सत्तार उनकी मदद करते है। रेडियो सेट ख़राब होने पर उसे बना देते है। रामसेवक चौधरी कहते है कि इस शौक को कायम रखने के लिए मेरे दोस्त अब्दुल सत्तार का बड़ा हाथ है। इन्होंने मेरे शौक को पूरा करने में रेडियो मैकेनिक क़ी नौकरी छोड़ दी।

पुराने गानों के शौकीन उनके दोस्त शाम को उनके घर आकर पुराने गानों का लुत्फ़ उठाते है। पुराने गानों के शौक़ीन और चौधरी जी के बचपन के साथी सगीर खान भी उनमें से एक है वे मानते है कि रेडियो का शौक़ीन ऐसा जुनूनी आदमी मैंने कभी नहीं देखा। आज के दौर में मधुर संगीत का स्थान कानफाडू संगीत ने ले लिया है। राम सेवक चौधरी का मानना है “जो मिठास पुराने संगीत में थी वो आज के संगीत में कहाँ। रामसेवक चौधरी का ये जूनून कभी-2उन्हें तकलीफ भी देता है। क्यांकि लोग उनके शौक को कभी-2 पागलपन करार देते है।

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