Raja Bhaiya News: कुंडा वाले राजा भैया ने दे डाली शंकराचार्यों को नसीहत, सुन कर हो जायेंगे हैरान

Raja Bhaiya News: RSS प्रमुख भागवत के हालिया बयान पर राजा भैया ने कड़ा बयान दिया। राजा भैया ने शंकराचार्यों की आलोचना करते हुए कहा कि उनके बयान सनातन धर्म की एकता के लिए ठीक नहीं हैं।

Newstrack :  Network
Update:2024-12-21 20:45 IST

 राजा भैया  (न्यूजट्रैक)

Raja Bhaiya News: RSS प्रमुख मोहन भागवत के हालिया बयान पर आयोजित एक ऑनलाइन स्पेस में जनसत्तादल लोकतांत्रिक के राष्ट्रीय अध्यक्ष और कुंडा विधायक, कुंवर रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने कड़ा बयान दिया। राजा भैया ने शंकराचार्यों की आलोचना करते हुए कहा कि उनके बयान सनातन धर्म की एकता के लिए ठीक नहीं हैं। राजा भैया ने इस मुद्दे पर अपनी चिंता जताते हुए कहा कि शंकराचार्य जैसे धर्मगुरुओं को समाज में एकता का संदेश देना चाहिए न कि इस तरह के विवादित बयान देकर समाज में दरार डालने का प्रयास करना चाहिए।

राजा भैया ने आगे शंकराचार्यों को नसीहत दी कि वे केरल और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में जाकर धरना प्रदर्शन करें, जहां हिंदू समाज को लेकर मुद्दे उठाए जा रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि धर्मगुरुओं का मुख्य उद्देश्य समाज में सामूहिकता और एकता को बढ़ावा देना होना चाहिए, न कि व्यक्तिगत विवादों में उलझना।

राजा भैया ने बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर बाबा धीरेंद्र शास्त्री के समर्थन में अपनी बात रखते हुये कहा कि सनातन धर्म की एकता को बनाए रखने के बजाय, ऐसे विवादों से सिर्फ और केवल समाज में अव्यवस्था पैदा होती है। राजा भैया, बागेश्वर धाम के कार्यक्रमों में शामिल हुए थे और उन्होंने शास्त्री के खिलाफ चल रहे विवादों पर अपनी चिंता व्यक्त की।

इससे पहले, RSS प्रमुख मोहन भागवत ने पुणे में आयोजित एक कार्यक्रम में देशभर में मंदिर-मस्जिद विवादों के बढ़ते मुद्दों पर चिंता जाहिर की थी। उन्होंने कहा था कि राम मंदिर का निर्माण एक धार्मिक आस्था से जुड़ा हुआ था, लेकिन अब कुछ लोग नई जगहों पर विवाद खड़ा करके अपने राजनीतिक फायदे के लिए हिंदू समाज में विद्वेष फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। भागवत ने साफ कहा कि यह बिल्कुल स्वीकार्य नहीं है और ऐसे मुद्दों पर धर्मगुरुओं को आगे आकर समाज को सही दिशा दिखानी चाहिए। राजा भैया और मोहन भागवत दोनों के बयान समाज में हिंदू एकता और शांति बनाए रखने के संदेश पर केंद्रित थे। जहां एक ओर राजा भैया ने धर्मगुरुओं से अपने बयानों पर पुनर्विचार करने की अपील की, वहीं भागवत ने मंदिर-मस्जिद जैसे संवेदनशील मुद्दों को राजनीति से दूर रखने की आवश्यकता पर जोर दिया।

Tags:    

Similar News