राजनाथ ने कहा-हाफिज सईद के सपोर्ट पर JNU में लगाए गए देश विरोधी नारे

Update: 2016-02-14 09:10 GMT

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इलाहाबाद: एक निजी कार्यक्रम शामिल होने इलाहाबाद आए गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने जेएनयू मामले में एक बड़ा बयान दिया है। राजनाथ सिंह ने कहा, ''जेएनयू की जो घटना हुई है उसे लश्कर ये तैयबा के चीफ हाजिज सईद का भी समर्थन प्राप्त है। देश को भी इस हकीकत को समझना चाहिए और ये दुर्भाग्यपूर्ण है। जो कोई भी देश विरोधी नारे लगता है, देश की एकता अखंडता और संप्रभुता पर सवालिया निशान लगता है उसे हमारी सरकार में बक्शा नहीं जाएगा।'' इस मामले में राजनाथ सिंह ने सभी दलों और संगठनों से एक जुटता दिखने की भी अपील की ।'एकता-अखंडता के लिए आएं साथ'

-इलाहाबाद में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केसरी नाथ त्रिपाठी के घर पर शोक संवेदना प्रकट करने के बाद राजनाथ सिंह ने यह बयान दिया।

-उन्होंने कहा सभी राजनीतिक दलों और संगठनों से अपील की कि जहां राष्ट्र विरोधी नारे लगते हों या फिर देश की एकता,अखंडता और संप्रभुता पर सवालिया निशान खड़े किए जाते हों तो सभी लोगों को एक स्वर में बोलना चाहिए।होम मिनिस्टर ने और क्या कहा?

-जेएनयू मामले में आवश्यक दिशा निर्देश दे दिए हैं।

-ये भी कहा है कि जो लोग इस मामले में दोषी है उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। जो निर्दोष है उनका हरैसमेंट न किया जाए।

-देश की सीमाओं को चाक चौबंद करने के लिए जो आवश्यक कदम उठाए जाने चाहिए वो हमने उठाए हैं।राजनाथ दिखा चुके सख्ती

-पिछले शुक्रवार को राजनाथ सिंह ने बलरामपुर में कहा था कि देशद्रोह में शामिल किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वह कोई भी हो।

-राजनाथ ने पुलिस को ऐसे लोगों के खिलाफ तुरंत कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए।

-उनके आदेश के तुरंत बाद जेएनयू छात्रसंघ के अध्यक्ष कन्हैया को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। इस मामले में छह और लोग नामजद हैं।

पुलिस को भी टेरर लिंक की आशंका

-वहीं, मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, जेएनयू में अफजल गुरु पर प्रोग्राम को लेकर जो केस हुआ है उसकी जांच का जिम्मा दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को सौंपा जा सकता है।

-लोकल पुलिस ने इस प्रोग्राम से आतंकियों के तार जुड़े होने की आशंका जाहिर की है।

क्या हुआ था जेएनयू में?

-लेफ्ट स्टूडेंट ग्रुप्स ने नौ फरवीर को संसद अटैक के दोषी अफजल गुरु और जेकेएलएफ के को-फाउंडर मकबूल भट की याद में एक प्रोग्राम ऑर्गनाइज किया था।

-आरोप है कि इसमें देश विरोधी नारे लगाए गए। कुछ स्टूडेंट्स 'पाकिस्तान जिंदाबाद' और 'भारत की बर्बादी तक जंग रहेगी जारी' जैसे नारे लगाए।

-बता दें कि अफजल को 9 फरवरी, 2013 और मकबूल भट को 11 फरवरी, 1984 को फांसी दी गई थी।

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