डिकसिर के पूर्व विधायक रमेश गौतमः कम उम्र में पाया मुकाम
मनकापुर के पूर्व बसपा प्रत्याशी पूर्व विधायक रमेश गौतम ने बताया कि 2022 में चुनाव जीतने पर लौव्वा टेपरा के बिजलीघर का काम पूरा कराकर चालू कराएंगे। क्षेत्र की जरुरतों के अनुसार सड़कों, सम्पर्क मार्गों का निर्माण और छूटे मजरों का विद्युतीकरण कराना उनकी प्राथमिकता होगी।
तेज प्रताप सिंह
गोंडा। कुछ कहानियां होती हैं जो दूसरों को दुश्वारियों से निपटने और जीवन में कुछ बनने की हिम्मत देती हैं। ऐसी ही कहानी है जिले के एक ऐसे पूर्व विधायक की जो महज 14 साल की उम्र में समाजसेवा से जुड़े लोगों को पानी पिलाकर अपने लिए एक बेहतर मुकाम की तलाश में निकले थे। इस दौरान उन्होंने पैदल और साइकिल से गांव-गली और खेतों, मेढ़ों पर जाकर लोगों का दुःख दर्द सुनकर उन्हें पीड़ा से मुक्ति दिलाने की कोशिश की। लेकिन आज वे जिले में एक सफल राजनेता हैं।
यह कहानी हैे डिकसिर (अब तरबगंज) के पूर्व विधायक और विगत दो चुनाव में मनकापुर विधान सभा के रनर रहे बसपा प्रत्याशी रमेश गौतम की। पिता का अनुसरण कर शुरु हुआ उनका सेवा भाव विराट वटवृक्ष बना और कम आयु में ही उन्हें वह मुकाम हासिल हुआ जो तमाम राजनेताओं को ताउम्र नहीं मिल पाता।
अनोखे सेवा भाव गरीबों की मदद कर अपनी अलग पहचान बना चुके रमेश गौतम आज सर्व समाज के चहेते हैं। छोटी से छोटी समस्या के लिए वंचितों और पीड़ितों के लिए संघर्ष करने वाले पूर्व विधायक रमेश गौतम गरीबों, पीड़ितों के मसीहा माने जाते हैं।
हालांकि बसपा के कद्दावर नेताओं में शुमार सरल, सौम्य और मिलनसार रमेश गौतम तीन बार चुनाव हार चुके हैं। लेकिन उन्होंने मनकापुर राज परिवार की अजेय सीट पर दो बार रनर उम्मीदवार बनकर मनकापुर राजघराने के चहेते उम्मीदवारों को कड़ी चुनौती दी। आगामी 2022 में होने वाले विधान सभा चुनाव की तैयारी में जुटे रमेश गौतम इस बार जीत के लिए पूर्ण आश्वस्त हैं।
अवध विवि से हैं स्नातक
जिले के कर्नलगंज तहसील क्षेत्र के हलधरमऊ विकास खण्ड अंर्तगत कैथोला गांव के एक दलित और गरीब किसान परिवार में जन्मे पूर्व विधायक रमेश गौतम की प्रारंभिक शिक्षा गांव के ही प्राइमरी स्कूल में हुई।
कौड़िया बाजार के मिश्रीलाल इण्टर कालेज से इण्टरमीडिएट की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद उन्होंने अवध विश्वविद्यालय फैजाबाद (अब राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय) से स्नातक की डिग्री हासिल किया।
वे चाहते तो सरकारी विभाग में नौकरी हासिल कर आराम से जिंदगी बिता सकते थे, लेकिन पिता की राह पर चलने के लिए उन्होंने आगे की पढ़ाई भी छोड़ दी और पूरा समय समाज सेवा को समर्पित कर दिया।
पिता के नक्शे कदम पर शुरु की समाज सेवा
पूर्व विधायक रमेश गौतम बताते हैं कि बचपन से ही उन्होंने अपने गरीबी और अभाव में भी समाजसेवी किसान पिता माता प्रसाद को गांव, गरीब और किसानों के हक की लड़ाई लड़ते देखा। जब वे कक्षा नौ में पढ़ रहे थे तभी 1989 में उनके पिता को कटरा बाजार विधान सभा से बहुजन समाज पार्टी का टिकट मिल गया।
चूंकि उनके बड़े भाई शिव चरन विकास विभाग में सरकारी कर्मचारी में थे इसलिए चुनाव कार्यालय के देखरेख का दायित्व उन्हें ही उठाना पड़ा। चुनाव के दौरान उनके पिता ने उन्हें कटरा बाजार स्थित कार्यालय में आने वाले शुभ चिंतकों, पार्टी कार्यकर्ताओं और मतदाताओं को पानी पिलाने का भी काम सौंपा था। समाज सेवियों और पार्टी कार्यकर्ताओं की सेवा करते-करते उनके मन में भी समाजसेवा के बीच अंकुरित हो गए।
कांशीराम का आशीर्वाद मिला
गरीब किसान किन्तु समाजसेवी परिवार में पैदा होने के कारण रमेश को गरीबी, अभाव में जी रहे लोगों के बारे में गहराई से जानने समझने का मौका मिला। पढ़ाई के दौरान बाबा साहब डा. भीमराव अम्बेडकर के जीवन दर्शन से प्रभावित होकर बहुजन समाज पार्टी से जुड़कर सर्व समाज के लोगों के लिए काम करने की प्रबल इच्छा ने मूर्त रुप तब लिया जब 1991 में गोंडा के डाक बंगले में आए बसपा संस्थापक कांशीराम का आशीर्वाद मिला।
कांशीराम की प्रेरणा से रमेश गौतम ने राजनीति में विधिवत पदार्पण किया। पिता के आदर्शों पर चलकर बचपन से जमीनी स्तर पर गरीबों के हक लिए लड़ने वाले रमेश गौतम के घर के दरवाजे आज भी 24 घंटे शोषितों, पीड़ितों के लिए खुले रहते हैं।
विधान सभा क्षेत्र अध्यक्ष से बने विधायक
पूरे परिवार का गैर राजनैतिक संगठन वामसेफ से जुड़ाव और शुरुआत से ही जन समस्याओं के निराकरण में रुचि रखने वाले रमेश गौतम पढ़ाई के दौरान ही साल 1991 में बसपा के सक्रिय सदस्य बने। तब रमेश गौतम को पार्टी ने कटरा बाजार विधान सभा क्षेत्र के अध्यक्ष और बहुजन छात्र संघ के जिलाध्यक्ष की जिम्मेदारी मिली।
दो साल बाद 1993 में उन्हें जिला संगठन मंत्री बनाकर जिले में पार्टी संगठन को मजबूत करने का गुरुतर दायित्व सौंपा गया। पार्टी के प्रति निष्ठा और समर्पण का परिणाम रहा कि 1994 में कटरा क्षेत्र का संयोजक, 1995 में जनपदीय कार्यालय का प्रभारी का जिम्मा सौंपा गया।
1997 में बहुजन समाज पार्टी प्रमुख बहन मायावती के निर्देश पर उन्हें पार्टी का जिलाध्यक्ष बना दिया गया। वे वर्ष 2002 तक जिलाध्यक्ष का दायित्व निभाते रहे और पार्टी को विस्तार दिया। उनकी सेवाओं और उपलब्धियों को देखते हुए 2004 में उन्हें प्रदेश सचिव का पद सौंपा गया। लेकिन जिले में जरुरतों को देखते हुए उन्हें 2005 में पुनः जिलाध्यक्ष बना दिया गया।
मायावती ने डिकसिर से दिया टिकट
अगले ही साल 2006 में देवीपाटन मंडल का कोआर्डिनेटर बनाकर पूरे देवी पाटन मंडल में पार्टी को मजबूत करने की महती जिम्मेदारी दे दी गई। संगठन को मजबूती दिलाने में अपने कला कौशल का लोहा मनवा चुके 28 साल के रमेश गौतम को बसपा प्रमुख बहन जी ने 2007 के विधान सभा चुनाव में डिकसिर (नए परिसीमन के बाद नवसृजित विधान सभा क्षेत्र तरबगंज) में पार्टी के टिकट पर चुनाव मैदान में उतार दिया।
जिले ही नहीं पूरे देवी पाटन मंडल में लोकप्रिय रहे रमेश गौतम ने कई बार के विधायक और भाजपा सरकारों में कैबिनेट मंत्री रहे कद्दावर नेता रमापति शास्त्री को जबरदस्त पटखनी देकर चुनाव जीता। विधायक रहते हुए उन्हें पार्टी ने बस्ती, गोरखपुर, फैजाबाद, आजमगढ़ और देवीपाटन जैसे महत्वपूर्ण मंडलों का कोआर्डिनेटर बनाया।
दो चुनावों में दी कड़ी टक्कर, रहे रनर
विधान सभा क्षेत्रों के नए परिसीमन के बाद जिले की मनकापुर विधान सभा सीट को सुरक्षित घोषित किया गया तब साल 2012 के चुनाव में उन्हें मनकापुर से बसपा ने टिकट देकर चुनावी मैदान में उतारा। नया क्षेत्र होने के कारण यद्यपि कि वह चुनाव हार गए, लेकिन इस चुनाव में उन्होंने समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी बाबूलाल को कड़ी टक्कर दी और रनर रहे।
इसके बाद 2017 के चुनाव में मोदी और भाजपा की लहर में भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा लेकिन वोटों की संख्या के आधार पर वह इस बार भी रनर रहे। बीते साल 2019 में भी पार्टी ने उन पर भरोसा जताते हुए उन्हें बहराइच की बलहा विधान सभा सीट पर टिकट देकर चुनाव मैदान में उतारा। लेकिन किस्मत ने साथ नहीं दिया और वे चुनाव हार गए।
इसके बावजूद गोंडा ही नहीं पूरे देवी पाटन मंडल में वे बसपा के सबसे कद्दावर और लोकप्रिय नेता माने जाते हैं। इस सफर में मेरे माता-पिता, बड़े भाई शिव चरन गौतम, भाभी कमला देवी के साथ ही शिक्षक पत्नी अनुज गौतम का अतुलनीय योगदान रहा, जिन्होंने हमेशा मेरी काबिलियत पर भरोसा किया और मुझे प्रेरित करते रहे।
वह कहते हैं आज मैं जो कुछ भी हूं इसके लिए मैं सम्मानित जनता, पार्टी कार्यकर्ताओं और बहुजन समाज पार्टी नेतृत्व का आभारी हूं, जिसने मुझ जैसे मामूली कार्यकर्ता को यहां तक पहुंचाया है।
पिता थे किसान नेता चरण सिंह के अनुयायी
पूर्व विधायक रमेश गौतम के पिता माता प्रसाद देश के जाने माने किसान नेता और पूर्व प्रघान मंत्री चौधरी चरण सिंह के कट्टर समर्थक थे। उन्हीं की प्रेरणा से उन्होंने किसानों, गरीबों, मजलूमों को न्याय दिलाने के लिए समाज सेवा और राजनीति का मार्ग चुना था।
तब वे किसानों और गरीबों की लड़ाई लड़ते थे और जिले भर में अपनी सादगी और जुझारुपन के लिए मशहूर थे। यही कारण था कि साल 1974 में उन्हें चौधरी चरण सिंह ने अपनी पार्टी बीकेडी से टिकट देकर मनकापुर सुरक्षित क्षेत्र से कांग्रेस के कैप्टन राम गरीब के खिलाफ चुनाव मैदान में उतारा था, जिसमें गरीबी और धनाभाव के कारण उन्हें असफलता मिली थी।
तमाम वर्षों तक लोकदल में रहने के बाद बहुजन समाज के लिए काम करने वाले गैर राजनीतिक संगठन वामसेफ से प्रभावित होकर उन्होंने बसपा का दामन थाम लिया। साल 1989 के विधान सभा चुनाव में बसपा ने उन्हें कटरा विधान सभा से उम्मीदवार बनाया लेकिन वे चुनाव नही जीत सके।
इसके बाद वे बसपा की छांव में ताउम्र बहुजन समाज के उत्थान के लिए काम करते रहे। उनकी सेवाओं को याद करते हुए उनके पुत्र रमेश गौतम अपनी उपलब्धि को पिता के कर्मों का ही फल मानते हैं।
राजनीति में न आते तो सरकारी सेवा में होते
पांच बेटियों के पिता पूर्व विधायक रमेश गौतम बताते हैं कि वे राजनीति में न आते तो सरकारी सेवा के माध्यम से देश सेवा करते। वे कहते हैं कि जनता की सेवा करने के लिए विधायक सांसद होना जरुरी नहीं है। उन्होंने कहा कि चुनावों में हार जीत समीकरणों के आधार पर होती है। लेकिन गरीबों, पिछड़ों और मजलूमों की सेवा करने वाला सदैव जनता के दिलों में रहता है।
उन्होंने कहा कि जनता की अदालत में जाने के बजाय अब लोग राजनीतिक गाड फादर की शरण ले लेते हैं। ऐसे जनप्रतिनिधि जनता नहीं अपने आका के प्रति अधिक जवाबदेह होते हैं। हालांकि बैसाखी के सहारे चुनाव जीतने वालों को जनता कभी अपना प्रतिनिधि नहीं मानती और जब जनता जब जाग जाती है तो उन्हें धूल चटा दे़ती है।
परिवार, मित्रों और शैक्षिक विस्तार को देते हैं समय
विचारधारा परक राजनीति के हिमायती रमेश गौतम कहते हैं कि दल बदल से राजनेताओं का जनता में विश्वास घटा है। राजनीति के काम से छुटकारा मिलने पर पूर्व विधायक रमेश गौतम अपना पूरा समय परिवार, खेती और समाज में शिक्षा के विस्तार में लगाते हैं।
हालांकि वे अपने शुभचिंतकों और पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ-साथ गरीबों, शाषितों और पीड़ितों की मदद के लिए हर समय उपलब्ध रहते हैं। उनका फोन 24 घंटे चालू रहता है कोई भी व्यक्ति उनसे अपनी पीड़ा कह सकता है।
विधायक और कई मंडलों में कोआर्डिनेटर का अहम दायित्व मिलने पर भी वे हर समय फ़ोन पर उपलब्ध रहते थे और आज भी जनता के लिए उनका फोन चालू रहता है। वे तन,मन और धन से जनता की मदद के लिए चौबीस घण्टे तत्पर रहते हैं।
उनका कहना है कि जन अपेक्षाओं का बढ़ना राजनीति और जनता के लिए अच्छा है। इससे नेताओं को पीड़ितों और जरुरतमंदों के लिए भरपूर काम करने का मौका मिलता है। उन्होंने कहा कि सामाजिक जीवन जी रहे लोगों के लिए जनता की सेवा से बढ़कर कोई पुनीत कार्य नहीं है।
बहुजन समाज पार्टी में है आंतरिक लोकतंत्र
पूर्व विधायक रमेश गौतम ने कहा कि बहुजन समाज पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र है। बसपा गरीबों और पिछड़ों की सेवा के लिए ही बनी है और पार्टी ईमानदार किन्तु आर्थिक रुप से कमजोर कार्यकर्ताओं को आगे बढ़ाने का काम किया है।
यही कारण है कि बहुजन समाज पार्टी ने मेरे जैसे आर्थिक रुप से कमजोर व्यक्ति को भी पार्टी संगठन में महत्वपूर्ण पदों पर बैठाया और विधान सभा में जाने का मौका दिया। जबकि अन्य पार्टियों और देश और प्रदेश चल रही भाजपा की सरकार गांव, गरीब और लोकतंत्र को ही खत्म करने में लगी है।
तमाम मतभेदों के बावजूद इसके नेता पार्टी फोरम पर अपना मुंह नहीं खोल सकते। बहुजन समाज पार्टी का हिस्सा बनना मेरे लिए एक सम्मान की बात है।
चुनाव खर्च, विधायक निधि की सीमा बढ़े
पूर्व विधायक रमेश गौतम ने कहा कि चूंकि अब महंगाई के हिसाब से चुनाव अधिक खर्चीले होते जा जा हैं, इसलिए आयोग को चुनावी खर्च की सीमा बढ़ाना चाहिए। चुनाव के दौरान आयोग की सख्ती से चुनाव में अंधाधुंध खर्च को रोका जा सकता है।
बदलते परिवेश में चुनाव प्रक्रिया में व्यापक सुधार की जरुरत है। इस क्रम में पंचायत से लोकसभा चुनाव तक एक मतदाता सूची कारगर साबित होगी। इससे मतदाता सूचियों को बार-बार संशोधित करने में होने वाला खर्च भी बचेगा।
उन्होंने कहा कि निष्पक्ष चुनाव के लिए इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन के बजाय बैलेट पेपर से चुनाव कराना उचित होगा। पुूर्व विधायक ने कहा कि विधायक निधि के माध्यम से जनता और क्षेत्र की तमाम समस्याओं का निदान हो जाता है इसलिए विधायक जरुरी है।
उन्होंने कहा कि जनता की समस्याएं अधिक हैं और विधायक निधि की धनराशि अत्यंत कम है। ऐसी दशा में सरकार को इसकी सीमा बढ़ाना चाहिए। लेकिन जनप्रतिनिधियों को भी इसके सदुपयोग का प्रयास करना चाहिए ताकि जनसमस्याओं को दूर किया जासके।
राजनीतिक बदलाव से देश भयभीत
बाबा साहब डा. भीमराव अम्बेडकर, बसपा के संस्थापक मा. कांशीराम और बहन मायावती को अपना आदर्श मानने वाले रमेश गौतम ने कहा कि 2014 में भाजपा के नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद देश में जो बदलाव हुआ है। उससे समाज में बिखराव हुआ और देश का देश का सर्व समाज भयभीत है।
इस सरकार की रीतिनीति पूरी तरह समाजिक ढांचे के विपरीत है। देश की संस्कृति और साम्प्रदायिक सौहार्द को गंभीर खतरा उत्पन्न हो गया है। किसानों के लिए बनाया गया नया कानून कृषि और किसान के लिए फांसी का फंदा तैयार करने वाला है।
सरकारी संस्थाओं का निजीकरण, कश्मीर में धारा 370 का खात्मा, नागरिकता संशोधन कानून से अनिश्चितता का माहौल है। नौकरशाही को अवसर वादी बताते हुए उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार के चहेते अफसरों ने तानाशाही और भ्रष्टाचार की सारी सीमाएं तोड़ दी हैं। जबकि अच्छे अफसरों को साइड लाइन कर दिया गया है। के प्रभाव में ही भाजपा सरकार में लोकतांत्रिक मर्यादाएं तार-तार हो रहीं हैं।
जनप्रतिनिधि कर रहे जनता की उपेक्षा
एक सवाल के जवाब में पूर्व विधायक और बीते चुनाव में मनकापुर विधान सभा क्षेत्र में रनर प्रत्याशी रहे रमेश गौतम कहते हैं कि चुनाव जीतने के बाद मौजूदा जनप्रतिनिधि ने क्षेत्रीय जनता से मंुह मोड़ लिया है। उनके द्वारा की जा रही अनदेखी और उपेक्षा का जवाब क्षेत्र की जनता आगामी चुनाव में दे देगी। जन समस्याओं का अंबार लगा है और यहीं की जनता परेशानियों से जूझ रही है। लेकिन उसकी कोई सुनने वाला नहीं है।
उन्होंने कहा कि मीडिया के सवालों से भागने के बजाय मौजूदा जनप्रतिनिधि को पत्रकारों के सवालों का जवाब देना चाहिए। ताकि क्षेत्र की जनता मीडिया के माध्यम से अपने क्षेत्र में कराए गए कार्यों की जानकारी पा सके।
रमेश गौतम ने कहा कि मनकापुर की जनता ने उनको अपना प्रतिनिधि चुना है और प्रदेश सरकार ने भी उन्हें ऊंचा ओहदा दिया है। उन्हें पुलिसिया उत्पीड़न, महंगाई और भ्रष्टाचार से परेशान गरीब, किसानों व क्षेत्रीय जनता को समस्याओं से निजात दिलाना चाहिए।
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उन्होंने कहा कि मौजूदा प्रदेश सरकार कोरोना संकट काल में स्वास्थ्य सेवाओं में अनियमितता व भ्रष्टाचार, सरकारी उत्पीड़न में वृद्धि, किसानों की बेहाली, बढ़ती बेरोज़गारी, विकास का कार्यों की अनदेखी, गरीबों के हक पर कुठाराघात और जुल्म ज्यादती पर अंकुश लगाने में विफल रही है। इसका खामियाजा उसे आने वाले विधान सभा चुनाव में भुगतना होगा।
600 करोड़ के बिजली घर को दिलाई स्वीकृति
डिकसिर के पूर्व विधायक रमेश गौतम ने बताया कि अपने कार्यकाल में वर्ष 2008-09 में बसपा सरकार के दौरान उनके प्रयास से ही जिले को निर्बाध विद्युत आपूर्ति और क्षेत्र ही नहीं विद्युत क्षेत्र में पूरे देवी पाटन मंडल को आत्म निर्भर बनाने के लिए लौव्वा टेपरा में 600 करोड़ की लागत से बिजलीघर और 41 किमी नई एचटी विद्युत लाइन बनने की परियोजना को स्वीकृति मिली थी।
इसके साथ-साथ टिकरी क्षेत्र के बहादुरा और बेलसर के रगड़गंज बाजार समेत कई विद्युत उपकेन्द्रों की स्वीकृति हुई और क्षेत्र के तमाम अछूते गांवों को ऊर्जीकृत कराया ग्रामीणों के घरों को उजाले से रोशन किया। पूर्व विधायक ने कहा कि बाद के सरकारों ने बिजलीघर के निर्माण को पूरा करने में रुचि नहीं ली नतीजन यह बिजलीघर आज भी चालू नहीं हो सका और आधा अधूरा ही पड़ा है।
बनवाया आश्रम विद्यालय, पालीटेक्निक, आईटीआई
पूर्व विधायक ने अपने कार्यों को गिनाते हुए बताया कि डिकसिर क्षेत्र में सैकड़ों सड़कों का निर्माण कराकर जनता के आवागमन को सुलभ किया तो पटपरगंज, और उमरीबेगमगंज समेत अनेक में पुल, पुलियों का निर्माण कराकर जनता को राहत दी।
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उनके कार्यकाल मेंही ढेमवाघाट पुल का भी प्रस्ताव हुआ था। क्षेत्र के युवाओं को तकनीकी शिक्षा दिलाने के लिए आदमपुर में राजकीय पालीटेक्निक और 376 छात्रों को विभिन्न ट्रेडों में व्यावसायिक प्रशिक्षण दिलाने के लिए 10 करोड़ की लागत से आईटीआई का निर्माण स्वीकृत कराया।
साल 2008 में जिला मुख्यालय स्थित राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय को जूनियर हाईस्कूल से उच्चीकृत कराकर इण्टर कालेज तक कराने के साथ ही गरीब बालिकाओं की शिक्षा के लिए धानेपुर के विशम्भरपुर में नया आश्रम पद्धति विद्यालय खुलवाया।
समस्याओं से दिलाएंगे निजात
मनकापुर के पूर्व बसपा प्रत्याशी पूर्व विधायक रमेश गौतम ने बताया कि 2022 में चुनाव जीतने पर लौव्वा टेपरा के बिजलीघर का काम पूरा कराकर चालू कराएंगे। क्षेत्र की जरुरतों के अनुसार सड़कों, सम्पर्क मार्गों का निर्माण और छूटे मजरों का विद्युतीकरण कराना उनकी प्राथमिकता होगी।
इस समय छुट्टा जानवरों से किसान परेशान है। प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा था कि जानवरों के लिए गौशालाएं बनवायेंगे लेकिन वह भी कहीं दिखाई नहीं दे रहा। किसान रात भर जाग कर अपनी फसलों की निगरानी कर रहे हैं।
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उन्हें इस संकट से उबारने के लिए गौशालाओं का निर्माण कराया जाएगा और जंगल के निकट बसे गांव के किसानों को जंगली और छुट्टा जानवरों के प्रकोप से निजात दिलाने के लिए बेरीकेडिंग कराया जाएगा।