बेटी के सामने मां से दबंगों ने किया गैंगरेप, पुलिस ने पीड़ितों को थाने से भगा दिया

Update:2016-08-11 20:19 IST

शाहजहांपुर: बुलंदशहर गैंगरेप घटना की तरह ही एक और मामला सामने आया है। हालिया मामला शाहजहांपुर का है। जहां दरिंदों ने दलित परिवार की बेटी के सामने उसकी मां के साथ गैंगरेप किया गया। बाद में बेटी के साथ भी रेप की कोशिश की। पीड़ितों का कहना है कि दबंगों ने रेप का वीडियो भी बनाया है।

इस पूरी घटना में खास बात ये है कि पुलिस ने पीड़ितों की रिपोर्ट दर्ज करने के बजाय उन्हें थाने से भगा दिया। कार्रवाई न होने पर पीड़ित महिला परिवार सहित डीएम ऑफिस के सामने धरने पर बैठ गई।

क्या है मामला ?

-पीड़िता की मानें तो गांव के तीन दबंगों रामाधार सिंह, रजिस्टर सिंह, राम दयाल ने उसके साथ रेप किया।

-शौच जाते वक्त इन लोगों ने उसे दबोच लिया। इसके बाद तीनों उसे गन्ने के खेत में खींचकर ले गए।

-तीनों ने उसकी बेटी के सामने इस वारदात को अंजाम दिया।

-फिर उसकी बेटी के कपड़े उतारकर उसके साथ भी रेप की कोशिश की।

पीड़ितों को दी धमकी

-पीड़िता ने बताया दबंगों ने इस पूरी वारदात का मोबाईल से वीडियो बनाया।

-धमकी दी कि अगर किसी को बताया तो वीडिया पूरे गांव में बांट देंगे।

-जब ये परिवार शिकायत देने थाने पहुंचा तो एक सपा नेता के दबाव में पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज करने के बजाए उन्हें थाने से भगा दिया

अधिकारियों ने मारी चुप्पी

-जानकारी मिलते ही बीजेपी एमएलसी और समाजसेवी पीड़ित परिवार के लिए आगे आए।

-वहीं आरोप है कि सपा नेता के दबाव में पुलिस ने अभी तक एफआईआर दर्ज नहीं किया है।

-इस घटना के बारे में कोई भी अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है।

क्या कहा बीजेपी एमएलसी ने?

-बीजेपी एमएलसी जय पाल व्यस्त ने कहा कि घटना 29 मई 2016 की है।

-जिसके बाद से दलित मां-बेटी थाने और पुलिस अधिकारियों के चक्कर काट रही है।

-बावजूद इसके आरोपियों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की गई।

सियासत शुरू

-हालांकि पुलिस का कोई भी अधिकारी इस मामले पर बोलने को तैयार नहीं है।

-बीजेपी एमएलसी मामले को सदन तक ले जाने की बात कर रहे हैं।

-उनका कहना है कि वह विधानपरिषद में ये मुद्दा उठाएंगे।

-वहीं समाजसेवियों ने भी पुलिस-प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।

उल्लेखनीय है कि बुलंदशहर हाईवे पर मां-बेटी के साथ गैंगरेप के बाद प्रदेश सरकार और प्रशासनिक अमला काफी चुस्त दिखने की कोशिशों में जुटा था। लेकिन इस मामले में पुलिस जिस तरह से काम कर रहा है वो दिखाता है कि दलितों के नाम पर सभी पार्टियां वोट बैंक को साधने में जुटी हों लेकिन सच्चाई उससे बिलकुल अलग है। अब देखना होगा कि इस मामले के पीड़ितों को अब न्याय मिलता है।

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