Meerut News: आरएलडी मुखिया जयंत चौधरी ने तोड़ा बीजेपी का दिल, ये थी वजह
Meerut News: राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी जयंत सिंह ने सोमवार को बेंगलुरु में विपक्ष की बहुप्रतीक्षित बैठक में शामिल होकर अपने भाजपा में जाने की चर्चाओं पर विराम लगा दिया है।
Meerut News: राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी जयंत सिंह ने सोमवार को बेंगलुरु में विपक्ष की बहुप्रतीक्षित बैठक में शामिल होकर अपने भाजपा में जाने की चर्चाओं पर विराम लगा दिया है। बता दें कि पिछली बैठक पटना में हुई थी, जिसमें आरएलडी चीफ जयंत चौधरी शामिल नहीं हो पाए थे। लेकिन, सोमवार को बेंगलुरु में विपक्ष की बैठक में वे न सिर्फ शामिल हुए बल्कि एक खास तस्वीर ट्वीट कर जयंत चौधरी ने इस बात के मजबूत संकेत दिए हैं कि वह और उनकी पार्टी विपक्षी एकता की इस मुहिम के साथ फिलवक्त तो मजबूती से खड़े हैं।
जयंत के लिए बीजेपी खेमे से भी बड़े ऑफर
हालांकि, कहा यह भी जा रहा है कि भाजपा ने अभी जयंत चौधरी को लेकर अपनी उम्मीद नहीं छोड़ी है। ऐसा कहा जा रहा है कि जयंत के लिए बीजेपी खेमे से भी बड़े ऑफर हैं। दरअसल, यूपी की राजनीतिक फिजाओं में पिछले कई दिनों से जयंत के सपा का हाथ छोड़कर भाजपा का हाथ पकड़ने की अटकलें तेजी से गश्त कर रही थी। इसके पीछे की थ्योरी ये बताई जा रही है कि मुजफ्फरनगर समेत तमाम लोकसभा सीटों पर जयंत की अखिलेश के साथ सहमति नहीं बन पा रही है। ऐसे में बीजेपी को उम्मीद थी कि 2022 में न सही लेकिन 2024 के लिए जयंत उनके साथी जरुर बन सकते हैं।
तब जयंत ने कहा था- मैं कोई चवन्नी नहीं जो पलट जाऊं!
गौरतलब है कि 2022 विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी नेता और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पार्टी के सांसद परवेश वर्मा के घर पर दिल्ली में 100 से अधिक किसान नेताओं से मुलाक़ात की थी। जिसके बाद सांसद परवेश वर्मा ने मीडिया से कहा था कि बीजेपी का दरवाज़ा जयंत चौधरी के लिए हमेशा खुला है। राष्ट्रीय लोकदल के प्रमुख जयंत चौधरी के मुद्दे पर गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि मतदान के बाद भी कई संभावनाएं हैं। फ़िलहाल उन्होंने एक गलत पार्टी चुनी है। हालांकि तब जयंत ने बीजेपी के न्योते पर जवाब दिया था, बोले- मैं कोई चवन्नी नहीं जो पलट जाऊं।
फिलहाल बीजेपी का लगातार विरोध कर रहे जयंत
दरअसल, जयंत सिंह के लिए बीजेपी में न जाने की कई वजहें हैं। मसलन, जैसा कि जयंत सिंह के नजदीकी लोगों की मानें आज जो बीजेपी की स्थिति है, कोई भी अलायंस पार्टनर बीजेपी में खुश नहीं है, बीजेपी के सांसद खुश नहीं हैं, विधायक खुश नहीं हैं। इसलिए कितने लोग बीजेपी छोड़-छोड़ कर जा रहे हैं। फिऱ जयंत सिंह का अब तक का जो ट्रैक रिकॉर्ड रहा है, उसमें वह लगातार बीजेपी और उनकी सरकार का विरोध करते चले आ रहे हैं। जयंत सिंह कहते हैं, जब योगी जी आए थे यूपी में तो सबसे पहला विरोध उस सरकार के खिलाफ आरएलडी का ही था। आज बीजेपी की जो विचारधारा है, वो ये है कि देश की 60-70 फ़ीसद आबादी को डरा कर रखो। जिस तरह से भय का वातावरण वो बनाना चाहते हैं, मुज़फ़्फरनगर का जो दंगा हुआ, उसका राजनीतिक लाभ वो उठाना चाहते हैं। उन्हें कोई फ़िक्र नहीं कि समाज की क्या हानि हो रही है, उन्हें बस सत्ता में रहना है।
मुसलमानो की नाराजगी का डर
इसके अलावा बीजेपी में न जाने की वजह मुसलमान हैं। दरअसल,जयंत अच्छी तरह से जानते हैं कि अगर उन्होंने बीजेपी का हाथ पकड़ा तो मुसलमान जिन्हें वें दोबारा से अपनी पार्टी से जोड़ने के लिए मेहनत कर रहे हैं, वे आरएलडी से दूर चले जाएंगे। यह जयंत बिल्कुल नहीं चाहते हैं। जैसा कि जयंत सिंह कहते हैं-जाट और मुसलमानों के बीच रिश्ते बहुत अच्छे हैं, व्यापार के भी रिश्ते हैं, सामाजिक रिश्ते हैं। जयंत सिंह कहते हैं, हम सांप्रदायिकता के ख़िलाफ़ खुल कर बोल रहे हैं। जबकि बीजेपी सांप्रदायिकता को हवा देती है। ऐसे में भला आरएलडी कैसे बीजेपी से हाथ मिला सकती है।