Lakhimpur Kheri: ईसानगर के मिश्रगाव में शारदा ने किसानों की जमीन काटनी की शुरू
ईसानगर में शारदा नदी ने भूमि कटान को तेज कर दिया है।
Lakhimpur Kheri: धौरहरा तहसील में अभी घाघरा नदी का कहर थमा भी नहीं था कि क्षेत्र के ईसानगर में शारदा नदी ने भूमि कटान को तेज कर दिया है। मंगलवार से लगातार कृषि योग्य भूमि को निगल रही शारदा नदी की विनाशकारी लहरें अब बैरिहा गांव की तरफ बढ़ रही है। जिसको लेकर ग्रामीणों के माथे पर एक बार फिर चिंता की लकीर खिंच गई है। क्षेत्र के मिश्रगाव के समीप तेज हुए शारदा नदी की लहरों ने बीते 24 घंटे के अंदर करीब बीस एकड़ कृषि योग्य भूमि को अपनी चपेट में ले लिया है। शारदा नदी अब जमीनें काटकर मिश्रगाव के मजरा बैरिहा से महज 50 मीटर की दूरी पर कटान कर रही है। इससे गांव के करीब 150 लोगों में दहसत हो चली है। लोग सुरक्षित ठिकानों की तलाश कर रहे है।
तहसील धौरहरा क्षेत्र में पिछले दिनों घाघरा नदी ने रौद्र रूप लेकर किसानों की करीब सौ एकड़ जमीन पर खड़ी गन्ने की फसल को अपने आगोश में ले लिया था। हालांकि अब घाघरा नदी का कटान कुछ थमा था कि शारदा नदी ने तहसील क्षेत्र के ईसानगर में हलचल मचा दी है। मिश्रगाव के ग्रामीण बताते है कि बीते 24 घंटे के भीतर उग्र हुई शारदा नदी की लहरों ने तेज गति से कटान शुरू कर दिया है। इसमें मिश्रगाव समेत क्षेत्र कई गांवों की आबादी प्रभावित है। हालांकि शारदा नदी द्वारा प्रति वर्ष कटान करके किसानों की सैकड़ों एकड़ फसल नदी में समा जाती है। लेकिन अभी तक प्रशासन ने नदी के कटान को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाया है।
किसानों की मानें तो अब तक मिश्रगाव के दुर्जन की तीन बीघा, रामखेलावन की दो, मेवालाल की तीन, चेतराम की दो, उमेश, राम मित्र की दस बीघा, इस्माइल की आठ बीघा समेत करीब दो दर्जन लोगों की जमीन शारदा की लहरों में समाहित हो चुकी है। हालांकि पिछले वर्ष भी सैकड़ों एकड़ जमीनें नदी में समा चुकी है।
फिलहाल ग्रामीणों में शारदा नदी के कटान को लेकर भय व दहशत का माहौल है। इस बाबत हल्का लेखपाल जागेश्वर प्रसाद ने बताया कि मिश्रगाव से कुछ लोगों की जमीन पिछले वर्ष कट गई थी, जिसका सर्वें कर सरकार की तरफ से उनको मुवावजा दिलवा दिया गया था। इस बार कटान होने की सूचना मिली है जिसका गुरुवार से सर्वे किया जा रहा है जल्द ही जिनकी जमीन कट गई है उनको मुवावजा दिलवाने का काम शुरू कर दिया जाएगा।