UP: यूपी के बरेली में जन्मा एलियन जैसा बच्चा, पैदा होते ही निकालने लगा अजीब आवाज, लोग देख कर रह गए हैरान

Bareilly News: एलियन बेबी के नाम से मशहूर इस बच्चे को देखकर सबसे पहले मां-बाप ही डर गए। बच्चे का रंग-रूप देखकर उनके होश उड़ गए।

Update:2023-09-03 10:54 IST
hild like An alien (Image: Social Media)

Bareilly News: भारत में प्रतिदिन 68,500 बच्चे जन्म लेते हैं। लेकिन इन दिनों बरेली में जन्मे एक बच्चे की चर्चा खूब हो रही है। बच्चे का हुलिया और अजीब आवाज के कारण उसे एलियन बेबी कहा जाने लगा है। एलियन बेबी के नाम से मशहूर इस बच्चे को देखकर सबसे पहले मां-बाप ही डर गए। बच्चे का रंग-रूप देखकर उनके होश उड़ गए। बच्चे को जो भी देखता है आश्चर्यचकित रह जाता है।

नॉर्मल डिलिवरी से जन्मा यह बच्चा तीसरे दिन भी जीवित है। डॉक्टरों के मुताबिक, बच्चा एक दुर्लभ बीमारी से पीड़ित है। मेडिकल साइंस में ऐसे बच्चों को हार्लेक्विन इक्थियोसिस बेबी कहा जाता है। ऐसे बच्चे के जीवित रहने की बहुत कम संभावना रहती है। ये या तो जन्म के कुछ घंटों में ही दम तोड़ देते है या अधिकतम 5 से 7 दिन तक जीवित रह पाते हैं।

30 अगस्त को हुआ था जन्म

बरेली जिले के बहेड़ी थाना क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली महिला को प्रसव पीड़ा होने पर उसके परिजन खुश्लोक अस्पताल लेकर पहुंचे। जहां महिला ने 30 अगस्त की देर रात बच्चे को जन्म दिया। नॉर्मल डिलिवरी को लेकर परिजन खुश थे। लेकिन जैसे ही बच्चे को उनके सामने लाया गया उनके चेहरे की रौनक गायब हो गई। उन्होंने अपने जीवन में पहली बार ऐसे रंग-रूप और अजीब आवाज निकालने वाला बच्चा देखा था।

दरअसल, बच्चे का शरीद पूरी तरह सफेद था। उसकी त्वचा जगह-जगह से फटी हुई थी। उसकी आंखें भी बड़ी-बड़ी थीं। बच्चे की रोने की आवाज भी आम बच्चों से बिल्कुल अलग था। वह बिल्कुल अजीब आवाज में रो रहा था। बच्चे की अजीब सूरत और शक्ल देखकर उसे एलियन बेबी कहा जाने लगा।

क्या कहना है डॉक्टर का ?

आईएमए बरेली के अध्यक्ष और जिले के जाने-माने डॉक्टर डॉ विनोद पागरानी ने बताया कि बच्चा दुर्लभ बीमारी से ग्रसित है। ऐसे बच्चों को हार्लेक्विन इक्थियोसिस बेबी कहा जाता है। इस बीमारी में बच्चे के शरीर में तेल बनाने वाली ग्रंथियां न होने से स्कीन फटने लगता है। आंखों की पलकें पलटने की वजह से उसका चेहरा भयानक लगने लगता है।

डॉ पागरानी ने बताया कि पूरी दुनिया में अब तक ऐसे करीब ढ़ाई हजार मामले ही सामने आए हैं। उन्होंने कहा कि 3 लाख बच्चों में से एक ऐसा मामला सामने आता है। परिजनों को कह दिया गया है कि जिस दुर्लभ बीमारी से बच्चा ग्रसित है, उसमें वह ज्यादा दिन जीवित नहीं रह पाएगा।

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