Lakhimpur Kheri Violence: लखीमपुर खीरी में 'अंतिम अरदास' पर नेताओं का जमावड़ा, प्रियंका गांधी भी होंगी शामिल

लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा में मारे गए 4 किसानों के लिए आज 'अंतिम अरदास'की जाएगी। इसमें कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा 'अंतिम अरदास' में शामिल होने के लिए लखीमपुर खीरी जाएंगी।

Newstrack :  Network
Published By :  Deepak Kumar
Update: 2021-10-12 03:00 GMT

 लखीमपुर खीरी में 'अंतिम अरदास' पर नेताओं का जमावड़ा। 

Lakhimpur Kheri Hinsa: लखीमपुर खीरी (Lakhimpur kheri Hinsa) में 3 अक्टूबर को मारे गए किसानों (Kisano Ki Aaj Antim Ardas) की अंतिम अरदास आज होने जा रही है।जिस जगह पर यह हिंसा हुई थी उससे महज एक किलोमीटर की दूरी पर विशाल पंडाल बनाया गया है। उसी में किसानों (Kisano Ki Aaj Antim Ardas) की अरदास का कार्यक्रम है। इस अरदास में हजारों किसानों के साथ सियासी दलों का भी जमावड़ा लगेगा। जिसमें प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi), आरएलडी अध्यक्ष जयंत चौधरी(RLD Jayant Chaudhary) , बसपा (BSP) के नेताओं के साथ भाकियू नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) शिरकत करेंगे।

जयंत चौधरी ने लखीमपुर (Lakhimpur Kheri Today News) की घटना और किसानों (kisano Par Atyachar) पर हो रहे अत्याचार को लेकर योगी (Yogi Adityanath) और केंद्र सरकार (Central government) पर निशाना साधा । उन्होंने कहा कि लखीमपुर की घटना का प्रभाव पूरे देश में है किसानों को कुचलने वाले आतंकवादी हैं, इस घटना का बदला चुनावों में वोट की चोट से लेना है। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और उत्तर प्रदेश संगठन प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा भी लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri live News) पहुंचेगी। विभिन्न किसान संगठनों के नेता भी लखीमपुर पहुंच रहे हैं। किसान यूनियन के नेता राकेश सिंह टिकैत सोमवार की शाम ही लखीमपुर खीरी पहुंच चुके हैं।

राकेश टिकैत पर सबकी नजर

गौरतलब है कि तिकुनिया हिंसा के बाद राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ही सरकार के लिए काम आए थे। उन्होंने किसानों और प्रशासन के बीच समझौता कराकर अंतिम संस्कार कराया था अब एक बार फिर आज जब किसानों (Kisano ki Antim Ardas) की अरदास श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया है तो वह भी मंच पर पहुंचेंगे और किसानों के बीच क्या संदेश देते हैं, इस पर सभी की निगाहें टिकी हुई है। लखीमपुर खीरी कांड (Lakhimpur Kheri Today News) में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी (Union Minister of State for Home Ajay Mishra Teni) के बेटे की गिरफ्तारी के बाद भी लोगों का आक्रोश थमता नजर नहीं आ रहा है।

किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत कि अब यह मान रहे हैं कि सरकार ने उनके साथ धोखा किया है। अब तक केंद्रीय गृह राज्य मंत्री (Union Minister of State for Home ka istifa) को पद से हटाया नहीं गया है। लखीमपुर खीरी पहुंचने के बाद उन्होंने अपनी यह बात दोहराई है कि सरकार ने 4 अक्टूबर को जो समझौता किया था, अभी तक उसे पूरा नहीं किया है । जब तक केंद्रीय मंत्री पद पर अजय मिश्र टेनी मौजूद हैं तब तक पीड़ित किसान परिवारों को इंसाफ नहीं मिल पाएगा।  

प्रियंका गांधी (फोटो साभार- सोशल मीडिया) 

प्रियंका केंद्रीय मंत्री के इस्तीफे पर अड़ीं

दूसरी ओर प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi) भी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी की बर्खास्तगी पर अड़ी हुई है। उन्होंने सोमवार को राजधानी लखनऊ (Lucknow) में जीपीओ स्थित महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) की प्रतिमा पर कार्यकर्ताओं के साथ मौन सत्याग्रह कर अपनी मांग दोहराई है। प्रियंका गांधी वाड्रा भी जब लखीमपुर पहुंचेंगी तो जाहिर है वहां एक बार फिर पूरे मामले में सरकार की ओर से अब तक की गई कार्रवाई का सवाल उठेगा। अंतिम अरदास के मौके पर विभिन्न किसान संगठनों के नेता भी लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri Breaking News) में पहुंच रहे हैं। किसान संगठनों से जुड़े लोगों का कहना है कि लखीमपुर खीरी कांड में सरकार और भारतीय जनता पार्टी दोनों की नीयत पर सवाल उठ रहे हैं। मंगलवार को अंतिम अरदास का मौका इस मामले में निर्णायक हो सकता है। अगर सरकार और भाजपा (BJP) ने सही दिशा में कदम नहीं उठाया तो अंतिम अरदास में पहुंच रहे लोग कोई महत्वपूर्ण फैसला कर सकते हैं।

30 एकड़ में बना पंडाल

किसानों की अरदास (Kisano ki ardas) के लिए करीब 30 एकड़ इलाके में पंडाल बनाया गया है। इसमें करीब 5 लाख किसानों के आने का दावा किया जा रहा है, इसके अलावा सियासी दल के भी तमाम प्रतिनिधि भी पहुंचेंगे। भारतीय किसान सिख संगठन के तहसील अध्यक्ष गुरमीत सिंह रंधावा के मुताबिक कई किसानों की भूमि को मिलाकर विशाल पंडाल बनाया गया है। इस पंडाल में पार्किंग और लोगों के बैठने समेत तमाम व्यवस्थाएं की गई हैं। उन्होंने बताया कि गुरुद्वारे में अखंड पाठ को आज विराम दिया जाएगा।

अधिकारियों ने डाला डेरा

किसानों के भारी जमावड़े को देखते हुए सरकार भी अलर्ट है और वह लखीमपुर में भारी संख्या में फोर्स को तैनात किया गया। इसके अलावा मंडलायुक्त, जिलाधिकारी, एसपी के अलावा नोडल अफसर भी वहां लगाए गए हैं। कार्यक्रम स्थल से लेकर पूरे जिले को छावनी में तब्दील किया गया है।

किसान आंदोलन रोकने के लिए पुलिस तैयार

लखीमपुर की घटना के बाद किसान आंदोलन के संभावित विस्तार को हर हाल में रुकने के लिए पुलिस महकमा तैयार है। संवेदनशील पश्चिमी यूपी के 13 जिलों के पुलिस अधिकारियों की तैनाती की गई है। गौरतलब है कि केंद्र से किसान आंदोलन (Kisan andolan) के मद्देनजर और सैनिक बलों की सिर्फ चार कंपनियां ही मिली हैं, यह चारों लखीमपुर में तैनात की गई हैं। अब यूपी सरकार (Up sarkar) खुद किसान आंदोलन को लेकर जो सम्मेलन जिले हो रहे हैं वहां जवान भेजे जा रहे हैं। 

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