BL Verma: कल्याण सिंह के दाएं हाथ रहे बीएल वर्मा को पीएम मोदी ने सौंपी बड़ी जिम्मेदारी
बीएल वर्मा पूर्व सीएम कल्याण सिंह के बेहद करीबी रहे हैं, वह केंद्रीय मंत्री बनने से पहले बीजेपी संगठन और आरएसएस में अहम जिम्मेदारी संभाल चुके हैं।
बदायूं: यूपी से राज्यसभा सांसद बनवारी लाल वर्मा (बीएल वर्मा) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्वोत्तर विकास और सहकारिता मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी है। बीएल वर्मा का यूपी के पूर्व सीएम कल्याण सिंह और आरएसएस में गहरी आस्था रही है। बीएल वर्मा केंद्रीय मंत्री बनने से पहले बीजेपी संगठन और आरएसएस में अहम जिम्मेदारी संभाल चुके हैं, तो चलिए आपको बताते हैं उनके और उनके राजनीतिक सफर के बारे में कौन हैं बीएल वर्मा कैसे केंद्रीय मंत्री तक का सफर तय किया।
पूर्व सीएम कल्याण सिंह के हैं करीबी
बीएल वर्मा को पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह का करीबी माना जाता है। सांसद बीएल वर्मा बदायूं में उझानी ब्लॉक के ज्योरा पारवाला गांव के रहने वाले हैं। 1980 में उन्होंने आरएसएस के खंड कार्यवाह व तहसील प्रमुख के रूप में सामाजिक जीवन के सफर की शुरुआत की थी। बीएल वर्मा को पिछले साल ही बीजेपी ने राज्यसभा का टिकट देकर संसद भेजा।
जनक्रांति पार्टी के बने थे प्रदेश अध्यक्ष
केंद्रीय मंत्री बीएल वर्मा 1984 में वह भारतीय जनता युवा मोर्चा के जिला महामंत्री बने, इसके बाद वह लगातार संगठन के लिए कार्य करते रहे और 1997 में भाजयुमो के प्रदेश मंत्री बने। 2003 से 2007 तक वह भाजपा के प्रदेश मंत्री भी रहे। जब कल्याण सिंह ने बीजेपी छोड़ी और जन क्रांति पार्टी बनाई, तब बीएल वर्मा को ही प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया। वह भाजपा रूहेलखंड के अध्यक्ष रहे।
यूपी सिडको के बने चेयरमैन
वर्ष 2016 में बीएल वर्मा भाजपा ब्रज क्षेत्र के अध्यक्ष बने, फिर उनके कद को बढ़ाते हुए पार्टी ने भाजपा का प्रदेश उपाध्यक्ष बनाया। यूपी में बीजेपी की सरकार आने के बाद इन्हें राज्य मंत्री स्तर का यूपी सिडको का चेयरमैन बनाया गया। बीएल वर्मा लोधी समुदाय के बड़े नेताओं में शामिल हैं। इसीलिए कल्याण सिंह के अस्वस्थ होने के बाद बीजेपी अब एक लोधी नेता के तौर पर बीएल वर्मा को आगे कर रही है।
मिशन 2022 पर बीजेपी की नजर
गौरतलब है कि मोदी मंत्रिमंडल विस्तार में उत्तर प्रदेश का खास ख्याल रखा गया है क्योंकि सूबे में करीब छह माह बाद ही विधानसभा चुनाव होना है। राज्य में एक बार फिर भाजपा सरकार की वापसी हो इस बात का ध्यान में रखते हुए जातीय समीकरण साधने की पूरी कोशिश की गयी है। जहां पिछड़ी जातियों और दलितों को केन्द्रीय मंत्रिमण्डल में स्थान दिया गया है, वहीं ब्राह्मणों को भी खुश करने की कोशिश की गयी है। मोदी मंत्रिमण्डल में इस बार सबसे ज्यादा सात नेताओं को यूपी से शामिल किया गया है।
यूपी से अनुप्रिया पटेल, डॉ एसपी बघेल, पंकज चौधरी, भानु प्रताप वर्मा, कौशल किशोर, बीएल शर्मा और अजय कुमार मिश्रा मंत्री बने हैं। मिर्जापुर से सांसद अनुप्रिया पटेल, पंकज चौधरी महाराजगंज से, अजय कुमार मिश्रा लखीमपुर खीरी से सांसद हैं। बीएल वर्मा बदायूं के रहने वाले हैं और अभी राज्यसभा के सदस्य हैं। इनके अलावा कौशल किशोर मोहनलालगंज (लखनऊ) से सांसद हैं। प्रदेश के मीरजापुर की सांसद अनुप्रिया पटेल को केंद्र सरकार में राज्य मंत्री बनाया गया है। वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पिछली सरकार में भी मंत्री थीं। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री के रूप में कार्य करते समय उन्होंने चिकित्सा विभाग में काफी बदलाव किया।