जौनपुर में राष्ट्रीय पक्षी मोर की सुरक्षा में लगे ग्रामीण प्रधान ने किया पहल
ग्रामीण जनो के मुताबिक यहां परषोत्तमपुर गांव के बगीचे और खलिहानों में अक्सर मोर आते रहते है। पिछले दिनों यहां पर आठ मोर एक साथ संदिग्ध स्थित में मृत पाए गए तो हड़कंप मच गया।
जौनपुर: जनपद के थाना लाईन बाजार क्षेत्र स्थित ग्राम पान्डे परषोत्तमपुर में ग्रामीण जनो द्वारा राष्ट्रीय पक्षी मोर की सुरक्षा के लिए पहरे दारी किया जाना इस समय आस पास के गावों में खासा चर्चा का विषय बना है। यहां मोरों का जीवन बचाने के लिए लोग पहरा दे रहे हैं। छह-छह लोगों की चार टीम खुद तो पहरेदारी कर ही रही हैं, अपने आस-पास के इलाके में भ्रमण कर दूसरे लोगों को भी मोर की सुरक्षा के लिए प्रेरित कर रही हैं।
ये भी पढ़ें:Lucknow Zoo Photos: साल का पहला दिन बना यादगार, टिकट के लिए लंबा इंतज़ार
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण ठंड लगना बताया गया
ग्रामीण जनो के मुताबिक यहां परषोत्तमपुर गांव के बगीचे और खलिहानों में अक्सर मोर आते रहते है। पिछले दिनों यहां पर आठ मोर एक साथ संदिग्ध स्थित में मृत पाए गए तो हड़कंप मच गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण ठंड लगना बताया गया। बाद में यह भी आशंका जताई गई कि मोरों ने गलती से कोई जहरीला पदार्थ न खा लिया हो या किसी ने शिकार के प्रयास में ऐसा किया हो।
वन विभाग ने एक कर्मचारी की ड्यूटी लगाई, लेकिन एक कर्मचारी के भरोसे सही निगरानी नहीं हो पा रही थी। फिर क्या था, ग्रामीणों ने मोरों की सुरक्षा का जिम्मा उठा लिया।
ग्रामवासी पंचम मौर्य ने बताया कि मोरों की सुरक्षा के लिए प्रधान सुशीला मौर्य के पति धनई मौर्य ने गांव में डुग्गी पिटवा कर ग्रामीण जनो को इकठ्ठा किया और लोगों से अपील की तो लोगों ने सहर्ष स्वीकार किया और राष्ट्रीय पक्षी मोर की सुरक्षा में लग गये।
इसके लिये छह-छह लोगों की टीम बनाई गई और गश्त का जिम्मा दिया गया। यह टीम खुद तो मोर की निगरानी कर रही है, साथ ही अन्य लोगों को भी इसके लिए प्रेरित कर रहे हैं कि फसलों में कीटनाशक न डालें। पक्षियों का शिकार करने वाले किसी भी व्यक्ति पर नज़र पड़ते ही तत्काल सूचना दें। चार टीम के लोग बारी-बारी दो शिफ्ट में पहरा दे रहे हैं। टीम में धनई मौर्य, अमन, रोहित, सजब, विनय, मलखान, धनंजय आदि शामिल हैं।
धनई मौर्य का कहना है कि मोर हमारे राष्ट्रीय पक्षी हैं
धनई मौर्य का कहना है कि मोर हमारे राष्ट्रीय पक्षी हैं। उनके रहने से गांव में रौनक रहती है। ऐसे में उनका संरक्षण भी हमारा दायित्व है। अगर कोई भी शिकार करते मिलता है तो ग्रामीण भी सख्ती से निपटेंगे।
ये भी पढ़ें:खूब छलका जाम: राजस्थान में शराब पर नहीं चली पाबंदी, 70 करोड़ हुए जाम के नाम
आठ मोरों की एक साथ मौत के बाद वन विभाग में भी खलबली मची हुई है। विभाग की ओर से एक वनरक्षक को यहां तैनात किया गया है। प्रभारी डीएफओ एके तिवारी ने बताया कि आठ मोरों की मौत गंभीर मामला है। विभाग पूरी सतर्कता बरत रहा है। ग्रामीणों का इसमें अच्छा सहयोग मिल रहा है। पक्षियों की सुरक्षा के लिए लोगों में ऐसे ही जागरूकता की जरूरत है।
रिपोर्ट- कपिल देव मौर्य
दोस्तों देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।