धर्मेन्द्र प्रताप सिंह
प्रतापगढ़: 'जीवनदायिनी' व 'छोटी गंगा' के नाम से मशहूर सई नदी प्रदूषण के कारण दम तोड़ रही है। इस हालत के लिए प्रतापगढ़ शहर से निकलने वाला गंदा पानी है सई नदी में सीधे गिरता है। अब इस स्थिति के बदलने की उम्मीद जगी है। सब कुछ ठीक रहा तो आने वाले कुछ दिनों में गंदे पानी से सई नदी को मुक्ति मिल जाएगी। नाले-नालियों से होकर सई नदी में पहुंचने वाली गंदगी को रोकने के लिए बेल्हा देवी धाम के पास मुख्य नाले पर ढाई करोड़ रुपए की लागत से 'फिल्टर प्लांट' बनाया जा रहा है। इस प्लांट में गंदे पानी को फिल्टर करने के बाद सई में छोड़ा जाएगा।
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प्रतापगढ़ शहर के हर मोहल्ले की गंदगी नालियों से होकर एक बड़े नाले में जाती है और वह नाला बेल्हा देवी धाम के पास सई नदी में गिरता है। इससे नदी का पानी गंदा व दूषित हो जाता है। सई नदी में गिरने वाले गंदे पानी को फिल्टर करने के लिए सांसद संगमलाल गुप्ता ने सात दिसम्बर को पैक्सफेड के प्रबंधक को पत्र लिखा था। इसके बाद पैक्सफेड के मैनेजिंग डायरेटर डा. अनिल गर्ग ने एक्जीक्यूटिव ऑफिसर को बेल्हा देवी धाम के बगल में स्थित नाले पर फिल्टर प्लांट बनाने का निर्देश दिया और करीब एक सप्ताह पूर्व बेल्हा पहुंची पैक्सफेड की टीम ने प्लांट का निर्माण शुरू कर दिया है।
अन्य धार्मिक स्थलों पर भी बनेगा फिल्टर प्लांट
बेल्हा देवी धाम के पास फिल्टर प्लांट का निर्माण पूरा होने के बाद जिले के अन्य धार्मिक स्थल पर भी प्लांट बनाने की योजना है। इसमें घुइसरनाथधाम, बेलखरनाथधाम व बाराही धाम प्रमुख हैं। पैक्सफेड के अफसरों के मुताबिक सई नदी का पानी गर्मी के मौसम में पूरी तरह से दूषित हो जाता है। इसे किसी अन्य प्रयोग में भी नहीं लाया जा सकता। इसकी सबसे बड़ी वजह रायबरेली की मिल से निकलने वाली गंदगी व बेल्हा शहर के मोहल्लों की गंदगी को माना जाता है। ऐसे में जगह-जगह फिल्टर प्लांट लगाने की योजना है।