अखिलेश की रथ यात्रा बताएगी कि सपा को एक करने में कितना सफल हुए हैं मुलायम!
लखनऊः समाजवादी पार्टी में पिछले दो महीने से चल रही पारिवारिक कलह को खत्म करने के लिए सपा सुप्रीमो ने मलहम तो लगाया है लेकिन यह कितना कारगर हुआ है इसका खुलासा कल 3 नवंबर को हो जाएगा। पारिवारिक रार के बाद पार्टी 2 खेमों में बंटती नजर आ रही है एक खेमा शिवपाल यादव के साथ है जो 5 नवंबर को रजत जयंती की तैयारी में जुटा है वहीं दूसरा खेमा सीएम अखिलेश की 3 नवंबर को होने वाली रथ यात्रा को यादगार बनाने में लगा है।
अब सवाल उठ रहे हैं कि सीएम अखिलेश की रथ यात्रा में चाचा शिवपाल आएंगे या नहीं। साथ ही रामगोपाल जो कि पार्टी से बाहर हो चुके हैं वह शामिल होंगे कि नहीं। सीएम अखिलेश यादव 3 नवंबर को रथ यात्रा निकालकर विधानसभा चुनाव का बिगुल बजाने जा रहे हैं।
शिवपाल ने बुधवार को पत्रकारों से बातचीत में इस सवाल पर मौन धारण कर लिया जब उनसे पूछा गया कि वह 3 नवंबर को अखिलेश के साथ खड़े होंगे या नहीं। अब तय है कि अखिलेश की रथयात्रा में पार्टी से निकाले गए लोग शामिल होंगे। इस रथशत्रा में एक महीने की देर हो गई है । अखिलेश इसे 3 अक्टूबर से शुरू करने वाले थे।
अखिलेश करीबियों ने पहले ही समारोह का बॉयकॉट किया
अखिलेश के करीबियों ने मंगलवार को ही मेल करके पार्टी के रजत जयंती समारोह के बॉयकॉट का ऐलान कर दिया था। उन्होंने लिखा था कि हमने बीएसपी सरकार के दौरान लाठियां खाईं और सपा को सत्ता तक पहुंचाया, लेकिन झूठी शिकायतों की वजह से अनुशासनहीन बताकर हमें पार्टी से निकाल दिया