Sant Kabir Nagar News: शहीद की स्मृतियों को भी नही संजो पाया जिला प्रशासन, ग्रामीणों ने पार्क और स्मृति द्वार बनाने की उठाई मांग

Sant Kabir Nagar News: शहीद देवदत्त पांडेय आरपीएसएफ में पंजाब प्रांत में तैनात थे। 90 के शुरुवाती दशक में पंजाब में आतंकियों से हुए मुठभेड़ में शहीद हो गए थे।

Report :  Amit Pandey
Update:2023-11-01 18:29 IST

Sant Kabir Nagar News (Pic:Newstrack)

Sant Kabir Nagar News: एक सैनिक जब अपने देश, अपनी मातृभूमि और समाज की रक्षा करते हुए शहीद होता है तो वह सिर्फ अपने प्राण ही नही न्यौछावर करता है बल्कि बुजुर्ग माता पिता के हाथ की लाठी, पत्नी के चेहरे की मुस्कान और बच्चों के सर से पिता का प्यार भी न्यौछावर करता है। उस सैनिक की शहादत के प्रति जनप्रतिनिधि से लेकर प्रशासनिक अधिकारी भी सम्मान प्रदर्शित करने के खूब दावे करते हैं। लेकिन समय के साथ ही शहीद की शहादत के साथ ही उनकी स्मृतियों को भी संजोना भूल जाते हैं।

आतंकियों से मुठभेड़ में हुए थे शहीद

जी हां कुछ ऐसी ही स्थिति नाथनगर ब्लॉक क्षेत्र के ग्राम सुबखरी में देखने को मिली है। गांव निवासी शहीद देवदत्त पांडेय आरपीएसएफ में पंजाब प्रांत में तैनात थे। 90 के शुरुवाती दशक में पंजाब में आतंकियों से हुए मुठभेड़ में शहीद हो गए थे। उनकी शहादत पर गांव और क्षेत्र की आवाम जहां द्रवित हुई थी वहीं तत्कालीन जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों ने शहीद देवदत्त पांडेय की शहादत को अमर करने का संकल्प लिया था। समय बीता तो प्रशासनिक अमले की तरह जनप्रतिनिधि भी शहीद की शहादत को भूल गए।

नाथनगर ब्लॉक के निवासी थे शहीद देवदत्त पांडेय

शहीद की विधवा सावित्री देवी सहित गांव के ग्रामीणों ने बताया कि उनके पैतृक गांव सुबखरी में कई बार शहीद देवदत्त पांडेय की स्मृति में स्मृति द्वार बनाने की मांग की गई लेकिन सिस्टम नींद से नही जगा। गांव के ग्रामीणों ने एक बार फिर गांव में शहीद देवदत्त पांडेय की स्मृति में खेल मैदान और स्मृति द्वार बनवाने की जिला प्रशासन से मांग किया है। ग्रामीणों का तर्क है कि यदि शहीद देवदत्त पांडेय के नाम से खेल मैदान और स्मृति द्वार का निर्माण हो जाए तो जहां एक तरफ शहीद की स्मृतियों को संजोया जा सकता है वहीं नई पीढ़ी को देश सेवा के लिए प्रेरणा भी मिलेगी।

इस संबंध में पूछे जाने पर जिलाधिकारी महेंद्र सिंह तंवर ने कहा कि शहीद की शहादत का पूरी तरह सम्मान किया जाना चाहिए। खेल मैदान के निर्माण के लिए विकास खंड स्तर पर निर्देश दिया जाएगा। शहीद के नाम पर खेल मैदान और स्मृति द्वार के निर्माण की प्रक्रिया में लाने के लिए विकास विभाग को निर्देशित किया जाएगा।

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