Sant Kabir Nagar News: व्यवसाई के पुत्र की मौत मामले में मुख्य आरोपी की बेल रद्द करने के HC के आदेश को SC ने ठहराया सही

Sant Kabir Nagar News: जिला एवम् सत्र न्यायालय द्वारा मामले के मुख्य आरोपी की जमानत को हाई कोर्ट द्वारा निरस्त किए जाने के आदेश को सही मानते हुए आरोपी को एक सप्ताह के भीतर आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया है।

Report :  Amit Singh
Update:2023-03-04 22:51 IST

Sant Kabir Nagar News (Pic: Newstrack)

Sant Kabir Nagar News: संतकबीरनगर जिले के महुली थाना क्षेत्र के स्थानीय कस्बा निवासी व्यवसाई पुत्र की सूदखोरी में गई जान का मामला शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट दिल्ली पहुंच गया। सुप्रीम कोर्ट ने मामले के मुख्य आरोपी की जमानत निरस्त करने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखने का आदेश दिया है। जिला एवम् सत्र न्यायालय द्वारा मामले के मुख्य आरोपी की जमानत को हाई कोर्ट द्वारा निरस्त किए जाने के आदेश को सही मानते हुए आरोपी को एक सप्ताह के भीतर आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया है। मुख्य आरोपी ने हाईकोर्ट इलाहाबाद के जमानत निरस्त किए जाने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दिया था।

मनीष ने 29 सितबंर को कर ली थी आत्महत्या

महुली कस्बा निवासी हरिश्चंद मद्धेशिया के पुत्र मनीष मद्धेशिया की विगत 29 सितंबर 2022 को मौत हो गई थी। पिता ने आरोप लगाया था कि सूदखोरों के चंगुल में फंसे बेटे मनीष ने उनके उत्पीड़न से परेशान होकर आत्महत्या कर लिया। महुली पुलिस ने कस्बा निवासी विजय जायसवाल सहित आधा दर्जन से अधिक लोगों के खिलाफ धारा 306, 506 आईपीसी के तहत मुकदमा दर्ज किया था। आरोपी विजय ने केस दर्ज होने के कुछ दिन बाद ही न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया था। बाद में 20 अक्टूबर 22 को जिला एवम् सत्र न्यायालय ने आरोपी विजय जायसवाल को जमानत पर रिहा करने का आदेश दे दिया था।

आरोपी दे रहा था धमकी

मृतक के पिता का आरोप है कि जमानत पर रिहा होने के बाद विजय ने उन्हें और उनके परिजनों को केस वापस लेने के लिए धमकी देना शुरू कर दिया। इस पर पीड़ित पिता ने हाईकोर्ट के अपने अधिवक्ता राजेश कुमार यादव के माध्यम से जिला एवम् सत्र न्यायालय के जमानत आदेश को हाईकोर्ट प्रयागराज में चुनौती देते हुए जमानत रद्द किए जाने की मांग किया था। बीते 10 जनवरी पीड़ित की तरफ से को हाईकोर्ट ने दोनो पक्षों की दलील सुनने के बाद मामले के मुख्य आरोपी विजय जायसवाल की जमानत निरस्त करते हुए न्यायिक अभिरक्षा में भेजे जाने का आदेश पारित किया था।

मामले के मुख्य आरोपी विजय जायसवाल ने हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देते हुए रिट याचिका दाखिल किया था। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस मनोज मिश्रा की खंडपीठ ने इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा आरोपी की जमानत निरस्त किए जाने के फैसले को सही बताते हुए आरोपी की याचिका को खारिज कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने आरोपी को एक सप्ताह के भीतर ही आत्मसमर्पण करने का भी निर्देश दिया है। पीड़ित व्यवसाई हरिश्चंद्र मद्धेशिया ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को सत्य की जीत बताते हुए कहा कि इस फैसले से मृतक बेटे की आत्मा को शांति पहुंचेगी।

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