Heat wave in India: प्रचंड गर्मी ने किया जनजीवन अस्तव्यस्त, इस दिन से मिल सकती है राहत

मौसम का मिजाज हुआ गर्मः मौसम विभाग का अनुमान है कि अगले तीन दिनों तक भीषण गर्मी से राहत मिलने वाली नहीं है। अप्रैल के बचे तीन दिनों में तापमान और बढ़ेगा।

Published By :  Shashi kant gautam
Update: 2022-04-28 12:51 GMT

मौसम का मिजाज हुआ गर्मः Photo - Social Media

Lucknow: देश के कई राज्यों में इन दिनों प्रचंड गर्मी कहर बरपा रही है। मई–जून की गर्मी से वास्ता लोगों को अप्रैल में ही हो चुका है। लोग ये सोचकर परेशान हो रहे हैं कि अभी ये स्थिति है तो फिर साल के सबसे गर्म महीने मई–जून में क्या होगा। अप्रैल माह में ही देश के 70 प्रतिशत हिस्से में तापमान 45 डिग्री को पार कर चुका है। सुबह होते ही चिलचिलाती धुप अपना तेवर दिखाने लगती है, जिससे लोगों का जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया है। बाहर काम करने वाले लोगों को सबसे अधिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

तीन दिनों तक राहत नहीं

मौसम विभाग का अनुमान है कि अगले तीन दिनों तक भीषण गर्मी से राहत मिलने वाली नहीं है। अप्रैल के बचे तीन दिनों में तापमान और बढ़ेगा। राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, बिहार, झारखंड में अगले तीन दिन भयंकर लू चलेगी। 1 मई रविवार को तापमान संभवतः अपने पीक पर होगा। रविवार को इन राज्यों में तापमान सारे रिकॉर्ड ध्वस्त कर 47-48 डिग्री तक रह सकता है।

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इस तारीख से मिलेगी राहत

मार्च के महीने से ही गर्मी के तेवर का सामना कर रहे लोगों को मई के पहले हफ्ते में राहत मिल सकती है। मौसम विभाग के मुताबिक, 2 मई से तापमान कम होने की उम्मीद है। 4 और 7 मई को बारिश का अनुमान लगाया गया है, जिसके गर्मी में कुछ राहत मिल सकती है। मौसम वैज्ञानिक आरके जेनामणि ने कहा कि मई के पहले सप्ताह में बारिश हो सकती है।

बिजली संकट ने बढ़ाई परेशानी

भीषण गर्मी का सामना कर रहे लोगों को इस समय बिजली की सबसे अधिक जरूरत महसूस हो रही है। लेकिन सबसे जरूरी समय में ही उसने दगा देना शुरू कर दिया है। मांग में जबरस्त वृद्धि और कोयले की कमी के कारण कई राज्यों में बिजली का कृत्रिम संकट खड़ा हो गया है। गुजरात और आंध्र प्रदेश सरकार उद्योगों का बिजली काटकर रिहाइशी इलाकों में बिजली सप्लाई कर रही है। जबकि राजस्थान सरकार ने तो ग्रामीण क्षेत्रों में चार घंटे तक बिजली कटौती करने का निर्णय ले लिया है। जिसके कारण ग्रामीणों में भारी आक्रोश है। वहीं महाराष्ट्र के लोगों को भी पावर कट का सामना करना पड़ रहा है।

गौरतलब है कि इस साल मार्च माह में ही गर्मी ने 122 सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया था। जिसका असर गेंहूं के उत्पादन पर देखा गया। मार्च में गर्मी अधिक होने से गेंहूं के उत्पादकता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा और उत्पादन कम हुआ। किसान इस नुकसान को लेकर चिंतित हैं। वहीं बुधवार को मुख्यमंत्रियों के साथ हुई वर्चुअल बैठक में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बढ़ते तापमान को लेकर चिंता प्रकट की थी और इसे लेकर तैयारी करने को कहा था।

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