इस थाने में जहरीले बिच्छुओं का राज, पुलिसवालों को रोज मारते हैं डंक

Update: 2016-03-08 09:07 GMT

आगराः पुलिस को आपने हथियारों से बदमाशों से लोहा लेते हुए देखा होगा लेकिन आगरा में एक ऐसा थाना है, जहां पुलिस के हाथो में आधुनिक बंदूक की जगह लोहे के चिमटे होते है। थाने की पुलिस के लिए अपराधी नहीं बल्कि जहरीले बिच्छू परेशानी का सबब बने हुए है। आगरा का मनसुखपुरा थाना जहरीले बिच्छुओं के लिए जाना जाता है।

 

प्रशासन पर उठते सवाल

-प्रदेश सरकार पुलिस को मॉडर्न बनाने के लिए लगातार गाडिओं से लेकर हथियारों में बड़े खर्च कर रही है।

-लेकिन उनके दावों का असली पोल आगरा के मनसुखपुरा थाने में खुलता है।

-कभी दस्युओ का क्षेत्र के रूप में जाना जाने वाला मनसुखपुरा इलाके में थाने का गठन हुआ था।

-दरअसल आगरा के सीमावर्ती थाना मनसुखपुरा में बिच्छू जैसे खतरनाक और जहरीले कीड़ो का आतंक है।

-यहाँ कभी वर्दी तो कभी आपके जूते और जुराबों से जहरीले बिच्छू निकल आये तो हैरानी नहीं होगी।

-यह स्थिति यहां तैनात हर पुलिस कर्मी रोज देखता है।

-और ना चाहते हुए भी खुद को इस खतरे के साथ जीने का आदि बना चुका है।

फैला बिच्छूओं का आतंक

-इस थाने के लिए सबसे खतरनाक मौसम बरसात का होता है।

-इस मौसम में यहां हर रोज 50 से 60 जहरीले बिच्छू निकलते है।

-आम दिनों में दो से पांच जहरीले बिच्छू आपको थाने में आसानी से घुमते दिख जाएंगे।

-जो अक्सर कर यहां तैनात पुलिसकर्मियो को अपना शिकार बनाते हैं।

-जिनको बड़ी मुश्किल से यहां के पुलिस कर्मी चिमटे से पकड़ कर मटके में डाल देते है।

-यह सिलसिला हर रोज का है, जिसे मनसुखपुरा थाने पर तैनात हर पुलिस कर्मी झेलता है।

क्या कहते हैं लोग

-गौर करने वाली बात यह है की आगरा में लोग इसे सजा का थाना भी बोलते हैं।

-जब अधिकारी किसी दरोगा या सिपाही को सजा सुनना चाहते है तो वो उस दरोगा या पुलिसकर्मी को इस थाने पर तैनात कर देते है।

-पुलिस के अधिकारी भी इस थाने को जहरीले बिच्छुओ से मुक्त नहीं करा पाये।

-अब तो इस थाने पर तैनाती होने के बाद भी पुलिसकर्मी अपने लिए किसी सजा से कम नहीं मानता है।

 

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