Jaipuria Institute of Management: सतत विकास पर होगी संगोष्ठी, NGOs को सरकार से जोड़ने का होगा काम

Jaipuria Institute of Management: राजधानी के जयपुरिया इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट की सोशल रिस्पांसिबिलिटी कमिटी द्वारा सतत विकास पर संगोष्ठी का आयोजन किया जायेगा।

Report :  Shashwat Mishra
Published By :  Shashi kant gautam
Update: 2022-05-16 10:53 GMT

Lucknow: राजधानी के जयपुरिया इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट (Jaipuria Institute of Management) की सोशल रिस्पांसिबिलिटी कमिटी द्वारा संयुक्त राष्ट्र द्वारा निर्धारित सतत विकास लक्ष्यों पर काम कर रहे गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) को एक मंच प्रदान करने के लिए सतत विकास पर संगोष्ठी का आयोजन किया जायेगा। इस संगोष्ठी (seminar) के प्रथम चरण में 9 संगठन अपने कार्यो और लक्ष्यों पर चर्चा करेंगे।

इनमे रॉबिन हुड आर्मी (हंगर), वैचारिक फाउंडेशन, एलायंस क्लब इंटरनेशनल, गोमती नगर जनकल्याण महासमिति, चाइल्ड फ्रेंडली स्कूल, रॉबिन हुड आर्मी (अकादमिक), उड़ान एक आशा फाउंडेशन कानपुर, सार्थक फाउंडेशन शामिल हैं।

जयपुरिया इंस्टिट्यूट सरकार और गैर-लाभकारी संगठनों के बीच एक एग्रीगेटर के रूप में कार्य करेगा। कॉन्क्लेव की थीम का उद्देश्य स्थायी शहरों और समुदायों के निर्माण, शिक्षा और ग्रामीण स्वास्थ्य देखभाल की दिशा में काम करने वाले गैर सरकारी संगठनों को एक साथ लाना होगा।

सरकार, शिक्षण और निजी संस्थान एक होकर करें कार्य

जयपुरिया इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट की निदेशक डॉ कविता पाठक ने मीडिया को बताया कि सतत विकास लक्ष्यों को संयुक्त राष्ट्र ने संसार की समुचित प्रगति के लिए बनाया था और समस्त राष्ट्रों की सरकारों के लिए इनके माध्यम से कुछ नैतिक जिम्मेदारियाँ तय की। गरीबी, बेसिक शिक्षा, आदि महत्वपूर्ण सतत विकास लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए हमने इस पहल की शुरुआत करने के निर्णय लिया है। जयपुरिया इंस्टिट्यूट इन विषयों पर अनेक वर्षों से कार्य कर रहा है। हमारे छात्र भी इन गंभीर विषयों पर योगदान करते हैं तथा हम अपने पाठ्यक्रमों में भी इन्हे सम्मिलित करते हैं। यदि सरकार, शिक्षण संस्थान और नीजी संस्थान एक होकर इन विषयों पर काम करें, तो सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति और सुगम हो जाएगी।


एनजीओ को सरकार से जोड़ने का काम करेगी जयपुरिया

सोशल रिस्पांसिबिलिटी कमेटी की अध्यक्ष डॉ. रीना अग्रवाल ने बताया "सतत विकास केवल सरकारों की ज़िम्मेदारी नहीं है, अगर हम सतत विकास चाहते हैं तो समाज के सभी हितधारकों को एक साथ मिलकर इसपर कार्य करना होगा। संगठनो, व्यवसायो, शैक्षणिक संस्थानो और नागरिकों को सर्कार के साथ मिलकर सतत विकास लक्ष्य प्राप्ति के लिए प्रायास करना होगा। पिछले 27 वर्षों से जयपुरिया इंस्टिट्यूट इस मुहिम पर अलग अलग तरीकों से काम कर रहा है। अब जयपुरिया समाज के हित में काम कर रहे एनजीओ को सरकार से जोड़ने और उनके लिए अग्ग्रेगेटर का काम करेगा।"

इस विचारधारा से सतत विकास का लक्ष्य संभव

जयपुरिया इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट ((Jaipuria Institute of Management)) के प्रोफेसर डॉ. शुभेंद्र परिहार ने कहा कि "व्यक्ति, समृद्धि,सृष्टि, शांति,और, सहभागिता स्थिरता की नींव हैं। इस विचारधारा से सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति संभव है। सहभागिता से अनेक संभावनाए उत्पन्न होती हैं।"

इस कार्यक्रम में मुख्य गणमान्य के तौर पर प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव आलोक रंजन, पूर्व वैज्ञानिक व समाज शिल्पी हरमेश सिंह, ओम शंकर त्रिपाठी, डॉ कविता पाठक, डॉ. रीना अग्रवाल और डॉ. शुभेंद्र परिहार होंगे।

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