Doctor Rape Case: डॉक्टरों की हड़ताल से कानपुर में उबाल, इलाज को तरसे बीमार

Kanpur News: प्राइवेट अस्पताल भी हड़ताल में शामिल, ओपीडी व जांच सेंटर बंद रहे। 40 प्रसव डफरिन में मौजूदा समय में हो रहे, आमतौर पर 20 होते हैं।

Report :  Snigdha Singh
Update: 2024-08-17 17:18 GMT

कोलकाता में महिला डॉक्टर रेप मामले को लेकर कानपुर में डॉक्टरों की हड़ताल, ओपीडी बंद: Photo- Social Media

Kanpur News: कोलकाता में डॉक्टर की रेप के बाद हत्या पर कानपुर में गुस्सा फूट पड़ा। मेडिकल कॉलेज के रेजिडेंट डॉक्टरों के साथ शहर के प्राइवेट डॉक्टर भी शनिवार को हड़ताल पर रहे। सरकारी से लेकर निजी अस्पतालों तक की स्वास्थ्य सेवाएं लड़खड़ा गईं। मरीज और तीमारदारों को भटकने के बाद भी बगैर इलाज लौटना पड़ा। दिनभर अफरातफरी बनी रही। हालांकि, अस्पतालों की इमरजेंसी सेवा को हड़ताल से दूर रखा गया।

जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के रेजिडेंट डॉक्टरों ने दूसरे दिन भी शनिवार को ओपीडी सेवा ठप रखी। ओपीडी के मुख्य द्वार पर ताला लगा दिया। शुक्रवार को तो सीनियर डॉक्टर ओपीडी में इलाज करते रहे, लेकिन शनिवार को ओपीडी सेवा बाधित रही। दूरदराज से आए मरीज इलाज नहीं होने से परेशान होते रहे।

घूम-घूमकर किया प्रदर्शन, सीनियर भी आए साथ :

मेडिकल कॉलेज के रेजिडेंट डॉक्टरों ने हैलट परिसर में घूम-घूमकर प्रदर्शन किया। सौ की संख्या में प्रदर्शन कर रहे रेजिडेंट डॉक्टरों ने कहा कि जबतक न्याय नहीं मिलेगा, तबतक ओपीडी सेवाओं से दूर रहेंगे। यह घटना मानवता को शर्मसार करने वाली है। रेजिडेंट डॉक्टरों ने ओपीडी, इमरजेंसी के बाहर प्रदर्शन कर न्याय मांगा। वहीं, हैलट परिसर में जुलूस निकाला तो बाल रोग, गायनी, मेडिसिन, सर्जरी, आर्थो समेत कई विभागों के सीनियर डॉक्टर भी उनके साथ आ गए। सभी ने रेजिडेंट डॉक्टरों के साथ कोलकाता घटना की निंदा करते हुए दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।

वार्डों का जिम्मा सीनियरों पर, निगरानी को बनी टीम :

हड़ताल के कारण हैलट की इमरजेंसी व वार्डों में भर्ती मरीजों को कोई दिक्कत नहीं हो, इसकी देखरेख का पूरा जिम्मा सीनियर डॉक्टरों को दिया गया है। सीनियर डॉक्टरों के साथ मरीजों की देखरेख करने के लिए पैरामेडिकल व नर्सिंग स्टाफ को लगाया गया है। सभी को किसी भी तरह की लापरवाही नहीं बरतने की चेतावनी दी गई है। वहीं प्रमुख अधीक्षक डॉ. आरके सिंह ने वार्डों व इमरजेंसी सेवा बेहतर करने के लिए छह सदस्यीय निगरानी टीम गठित की है। डॉ. विकास कटियार, डॉ. विनय कुमार, डॉ. अनुराग रजौरिया के नेतृत्व में छह सदस्यों की टीम स्वास्थ्य सेवा बेहतर करने का काम करेगी।

कार्डियोलाजी, चेस्ट, कैंसर अस्पताल की ओपीडी सेवाएं ठप :

हड़ताल के कारण कार्डियोलॉजी, जेके कैंसर व मुरारीलाल चेस्ट हॉस्पिटल की ओपीडी भी ठप हो गई। हालांकि सुबह ओपीडी का संचालन किया जा रहा था, लेकिन दोपहर होते-होते रेजिडेंट डॉक्टरों ने काम करने से इनकार कर दिया। सिर्फ इमरजेंसी सेवा में ही मरीजों का इलाज किया गया। यही हाल चेस्ट व जेके कैंसर संस्थान का भी रहा। ओपीडी सेवाएं ठप होने से श्वांस व कैंसर रोगियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। हालांकि इमरजेंसी में मरीजों को देखा गया।

उर्सला में विरोध जुलूस, सीनियर के भरोसे ओपीडी :

उर्सला के रेजिडेंट डॉक्टरों ने भी हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया तो ओपीडी का पूरा जिम्मा सीनियर डॉक्टरों पर आ गया। हैलट में हड़ताल के कारण यहां मरीजों का लोड काफी बढ़ा है। शनिवार को 1277 मरीज ओपीडी में आए, जबकि 62 को भर्ती किया गया। इससे पहले रेजिडेंट डॉक्टरों ने जुलूस निकालकर विरोध जताया। अस्पताल परिसर में घूमने के बाद सभी डफरिन गए। इसके बाद बड़ा चौराहा में एकत्र होकर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की।

दावा : इलाज के अभाव में मौत नहीं :

हड़ताल के कारण हैलट की इमरजेंसी पर लोड बढ़ गया है। प्रभारी डॉ. विनय कुमार के अनुसार, दो दिन में 50 से अधिक मरीज भर्ती किए गए हैं, जबकि 80 मरीज इलाज के बाद वापस चले गए। तीन पालियों में मेडिकल अफसरों के अलावा स्पेशलिस्ट व मेडिकल स्टाफ के अलर्ट रखा गया है। दावा किया कि इलाज के अभाव में किसी की मौत नहीं हुई है।

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