Mirzapur News: 8 शिक्षकों की नियम विरुद्ध हुई नियुक्ति, अब हुई सेवा समिति की कार्यवाही

Mirzapur News Today: उत्तर प्रदेश के मिर्ज़ापुर जिले में नियम विरुद्ध तरीके से नियुक्त होने पर आठ शिक्षकों का सेवा समाप्त कर दिया गया है, जहां सभी शिक्षकों से वेतन सहित अन्य मद से प्राप्त धनराशि की वसूली की जाएगी।

Report :  Brijendra Dubey
Update:2022-12-03 17:24 IST

Mirzapur Teachers Service Terminated (Social Media)

Mirzapur News: उत्तर प्रदेश के मिर्ज़ापुर जिले में नियम विरुद्ध तरीके से नियुक्त होने पर आठ शिक्षकों का सेवा समाप्त कर दिया गया है, जहां सभी शिक्षकों से वेतन सहित अन्य मद से प्राप्त धनराशि की वसूली की जाएगी। जांच के बाद आठ शिक्षकों के ऊपर कार्यवाई की गई है। इन शिक्षकों की नियुक्ति सन 2016 में हुए भर्ती के दौरान किया गया था, जहां दिव्यांग व अनुसूचित जनजाति के सीट में चयन किया गया था। इस मामले में जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम गठित की गई थी, जिसके बाद कार्यवाई की गई है। 

बिना काउंसलिंग के हो गई थी नियुक्ति

उत्तर प्रदेश के मिर्ज़ापुर जिले में सन 2016 में 15 हजार व 16,448 सहायक अध्यापक भर्ती प्रक्रिया में गैर जनपद के अभ्यर्थियों की बिना काउंसलिंग चयन के ही नियुक्ति कर दी गई थी। भर्ती प्रकिया की जांच के लिए अपर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में टीम गठित किया गया था, जहां पर इसकी जांच चल रही थी। जांच में आठ अध्यापकों की नियुक्ति नियम विरुद्ध मिली। नियम विरुद्ध नियक्ति मिलने पर आठ शिक्षकों का सेवा समाप्त कर दिया गया है।

जहां पर वेतन सहित अन्य मदों से मिली धनराशि की वसूली की जाएगी। सन 2016 में हुई 15 हजार शिक्षक भर्ती में कमलेश सिंह, अंगलेश सिंह, नमिता वर्मा, संध्या कुमारी व 16 हजार 448 शिक्षक भर्ती में बृजेश कुमार सिंह, पद्माकर दिक्षित, वरुण सिंह, उपासना श्रीवास्तव की सेवा समाप्त कर दिया गया है। इन सभी शिक्षकों ने एक महीने के बाद भी आरोप पत्र का जवाब नही दिया था, जिसके बाद जांच रिपोर्ट शासन को भेज दिया गया।

अनुसूचित जनजाति के कोटा में चयन

बीएसए गौतम प्रसाद ने कहा वर्ष 2010 के बाद जिन शिक्षकों की नियुक्ति हुई थी, उसकी जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम का गठन किया गया था। 2010 के बाद हुए एक शिक्षक भर्ती में एक शिक़ायत आई। इसकी जांच कराई गई, जहां उन शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस दिया गया, जहां आरोप पत्र दिये गए। आरोप पत्र का जवाब नही देने पर कार्यवाई थी। दिव्यांग व अनुसूचित जनजाति की सीट में इनका चयन किया गया, जिसके बाद टीम गठित करके कार्यवाई की गई। इस मामले में एफआईआर कराकर वेतन की वसूली की जाएगी।

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