Shamli News: कार सेवक की मन की मुराद हुई पूरी, आज भी करते हैं विवादित ढांचे की एक शिला की पूजा

Shamli News: राम मंदिर के निर्माण के लिए संघर्ष करने वाले राम भक्तों का सपना पूरा हो रहा है। इसी सपने के साथ ही 22 जनवरी को एक नई दिवाली पूरे देश में मनाई जाएगी।

Report :  Pankaj Prajapati
Update: 2024-01-16 07:00 GMT

कार सेवक ईश्वर कंसल आज भी करते हैं विवादित ढांचे की शिला की पूजा (न्यूजट्रैक)

Shamli News: 22 जनवरी को अयोध्या में रामलला की प्रतिमा में प्राण प्रतिष्ठा के बाद उन लोगों के संघर्ष काफी सुखद अंत हो रहा है। जिन्होंने विवादित ढांचा ढाये जाने के आरोप के बाद जेल की यातनाऐं सही तथा मुकदमे झेले। राम मंदिर के निर्माण के लिए संघर्ष करने वाले राम भक्तों का सपना पूरा हो रहा है। इसी सपने के साथ ही 22 जनवरी को एक नई दिवाली पूरे देश में मनाई जाएगी। वहीं ईश्वर दयाल कंसल तत्कालीन विवादित ढांचे के पूजा घर से जब ढांचा गिरने लगा तो एक शिला पठ जो वहां पूजी जाती थी उसे भी अपने साथ ले आए थे और तभी से अपने घर के मंदिर में रखकर इसकी पूजा अर्चना कर रहे हैं।

शामली जनपद के कांधला कस्बे में ऐसे ही कार सेवक ईश्वर कंसल है, जिन्होंने विवादित ढांचे को गिराने में अपनी भूमिका निभाई थी। ईश्वर कंसल को अयोध्या से गिरफ्तार करके बुलंदशहर जेल में रखा गया। 21 दिन बाद वहां से उन्हें अन्य कार सेवकों के साथ मुजफ्फरनगर जेल शिफ्ट कर दिया गया। ईश्वर कंसल उन दिनों को याद करते हुए कहते हैं कि पूरा जेल का वातावरण राममय हो गया था, चाहे कैदी हो या कार सेवक हो उनके मन में राम के प्रति अथवा प्रेम उमड़ रहा था। यहां तक की जेल के सुपरीटेंडेंट भी इन कार सेवकों का सम्मान करने में लगे हुए थे। ईश्वर कंसल बताते हैं कि किस तरह से जेल के अंदर सारा दिन भजन कीर्तन और रामचरितमानस की चौपाइयां पढ़ी जाती थी।

ईश्वर दयाल कंसल का कहना है कि उनके जीते जी उसके संघर्ष का परिणाम आ रहा है। इससे बढ़कर और कोई खुशी नहीं हो सकती और यह खुशी केवल उन्हें ही नहीं है। बल्कि हर जाति धर्म के व्यक्ति 22 तारीख को रामलला की प्रतिमा में प्राण प्रतिष्ठा के बाद अपने सपने को पूरा होता देख रहे हैं। चारों ओर खुशी और उल्लास का वातावरण है। उन्होंने कहा कि इस का विरोध जो कर रहा है वह केवल राजनीतिक या प्रतीकात्मक रूप से हो रहा है। अन्यथा हिंदू मुसलमान अथवा किसी जाति धर्म समुदाय का कोई व्यक्ति हो सभी की राम में आस्था है।

वहीं ईश्वर दयाल कंसल तत्कालीन विवादित ढांचे के पूजा घर से जब ढांचा गिरने लगा तो एक शिला पठ जो वहां पूजी जाती थी उसे भी अपने साथ ले आए थे और तभी से अपने घर पर रखकर इसकी पूजा अर्चना कर रहे हैं। निश्चित रूप से 22 जनवरी भारत देश के इतिहास में वह दिन होगा जिसमें करोड़ों लोगों की आस्था के प्रति अयोध्या में जन्म लेने वाले राम के अयोध्या स्थित मंदिर में उनके प्रतिमा के अंदर विधिवत रूप से प्राण प्रतिष्ठा का धार्मिक अनुष्ठान संपन्न होगा। इसी कार्यक्रम के साथ करोड़ों लोगों का वह सपना भी पुरा होगा, जिसके लिए वे पिछले 500 सालों से लोग संघर्ष कर रहे थे, अथवा किसी चमत्कार की उम्मीद कर रहे थे। वह सपना पूरा होने का समय अब आ गया है और वह समय आगामी 22 जनवरी का होगा। जिसमें श्री राम लला की प्रतिमा में प्राण प्रतिष्ठा होगी।

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