नीलम राजकीय विद्यालय के सामने लगा कूड़े का ढेर, शिकायत पर प्रधान ने दी धमकी
Shravasti News: नीलम राजकीय महिला इंटर कालेज के मुख्य गेट के सामने भारी मात्रा में कूड़े अंबार लगा रहता है। जनपद में शायद ही कोई स्कूल होगा जहां इस तरह से कचरा फेंका जाता होगा।
Shravasti News: जिला के विकासखंड गिलौला अन्तर्गत बस स्टेशन गिलौला के पीछे स्थित नीलम राजकीय महिला इंटर कालेज के मुख्य गेट के सामने भारी मात्रा में कूड़े अंबार लगा रहता है। जनपद में शायद ही कोई स्कूल होगा जहां इस तरह से कचरा फेंका जाता होगा। सर्वाधिक आश्चर्य इस बात का है कि इस मार्ग से जिम्मेदारों का हमेशा आना जाना लगा रहता है। बावजूद किसी का ध्यान इस गंदगी पर नहीं जा रहा है। स्थानीय ग्राम प्रधान द्वारा भी यहां साफ-सफाई के प्रति कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा। कचरे के ढेर पर बीमारियां पनप रहीं हैं जिसकी चपेट में विद्यालय के बालिकाएं कभी भी आ सकती हैं।
बच्चे इसी गंदगी के बगल से होकर प्रतिदिन स्कूल आते हैं। यहां से उठने वाली बदबू से बच्चे स्कूल में भी परेशान रहते हैं। मलेरिया व डेंगू जैसी जानलेवा बीमारी का भी भय हमेशा बना रहता है। खास बात यह है कि यहां कूड़ा-कचरा भी वहीं लोग फेंक रहे हैं जिनके घरों के बच्चे विद्यालय में पढ़ने आते हैं। उन्हें इस बात की चिंता ही नहीं है कि उन्हीं के बच्चे गंदगी के माहौल में रह कर बीमार पड़ सकते हैं। नीलम राजकीय विद्यालय गिलौला की प्रभारी प्राचार्या डा0 नीतू रावत से इस समास्या पर जानकारी ली गई।
उनका कहना है कि विद्यालय परिसर हमेशा साफ-सुथरा रखा जाता है। लेकिन विद्यालय के सामने व मार्ग में कचरा बराबर फैला हुआ है। इसकी शिकायत बीडोओ गिलौला से लेकर जिला विद्यालय निरीक्षक श्रावस्ती और ग्राम प्रधान तक की जा चुकी है। यही नहीं जब इस मामले में गिलौला गांव के प्रधान प्रतिनिधि से कहा गया तो उन्होंने बदतमीजी से बात करते हुए सफाई न कराने की कही। साथ ही धमकी दी कि गिलौला में नौकरी करनी है तो अपने काम से काम रखो। नही नौकरी नहीं कर पाओगी। प्राचार्या ने बताया कि नगर के स्कूल के सामने ही गंदगी पसरी पड़ी है जिस कारण विद्यार्थियों को पढ़ने में काफी परेशानी आ रही है।
कई सालों से बनी हुई है समस्या
उन्होंने बताया कि 2018 से बार-बार इस समस्या के स्थाई समाधान को लेकर शिकायत करने के बाद भी यहां से नियमित रूप से कूड़ा नही उठाया जा रहा है। इसके साथ ही आस पास के घरों के द्वारा भी कूड़ा लगातार डाला जा रहा है। स्कूली बच्चों के साथ ही अध्यापकों ने स्कूलों के सामने से गंदगी उठवाने की मांग की है। बावजूद सुनवाई नहीं हो रही है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में उन्होंने खूद दुरभाष से गिलौला पुलिस और बीडीओ और प्रधान को सूचना दी है। बावजूद समास्या का समाधान नहीं हो सका है।
डा0 नीतु रावत ने बताया कि नीलम राजकीय विद्यालय 9 से 12 तक है।इसमें दो सौ से ज्यादा बालिकाएं है जिसमें अच्छे परिवार से लेकर आर्थिक रूप से कमजोर परिवार की बालिकाएं शिक्षा ले रही है। उन्होंने बताया है कि विद्यालय में एक दर्जन शिक्षिक है। इसके साथ दो सहयोगी कर्मचारी हैं। उन्होंने कहा कि एक तरफ सरकार स्वच्छता और स्वास्थ्य को लेकर इतना ज्यादा संजीदा है और बालिकाओं को खासकर आकांक्षी जनपद की लड़कियों की शिक्षा को लेकर तमाम तरह की योजनाएं चला रही है और प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि सोमवार को इस समस्या को लेकर बीडीओ गिलौला समेत अन्य सक्षम अधिकारियों को लिखित सूचना फिर से देंगी और समास्या के समाधान के लिए शिक्षक और बालिकाओं के साथ गुहार लगाएंगी।
सड़कों पर बह रहा गंदा पानी
वहीं दूसरी तरफ गिलौला गांव की गलियां दुश्वारियां को झेल रही है। जगह-जगह नाला जाम पड़ा हुआ है। सड़कों पर गंदा पानी बह रहा है। गंदगी की भरमार है। नेहरू स्मारक इंटर कालेज से लेकर लगभग सभी गालियां में गंदा पानी भरा हुआ है। बावजूद ग्राम प्रतिनिधि सुनने को तैयार नहीं है और गिलौला में संक्रामक बीमारियां कभी भी पैर फैला सकती है। इस संबंध में ग्राम प्रधान प्रतिनिधि कोयले और कैलाश पटवा से जब बात करना चाहा गया तो उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया है। जबकि गिलौला निवासी लाल जी, वीपी मौर्य, राकेश कुमार, रामगोपाल समेत दर्जनों लोगों का कहना है कि उसको जुआ और शराब से फुर्सत नहीं है। फिर ग्रामीणों की समास्या कैसे सुनेगा।