Siddique Kappan: जेल से निकलने पर बोले कप्पन- मुझे सिर्फ रिपोर्टिंग करने पर जेल में डाल दिया गया, 5 हजार के लिए लगाया गया PMLA

Siddique Kappan: राजधानी की जेल में 27 महीनों से बंद सिद्दीक कप्पन आज रिहा हो गया। जेल से बाहर निकलने के बाद कप्पन ने कहा कि यूपी में रिपोर्टिंग करना क्राइम है।

Report :  Sunil Mishraa
Update:2023-02-02 12:45 IST

सिद्दीक कप्पन (फोटो: आशुतोष त्रिपाठी)

Siddique Kappan: राजधानी की जेल में 27 महीनों से बंद सिद्दीक कप्पन आज रिहा हो गया। जेल से बाहर निकलने के बाद कप्पन ने कहा कि यूपी में रिपोर्टिंग करना क्राइम है। मै सिर्फ रिपोर्टिंग करने पहुंचा था। मेरे साथ एक ओला ड्राइवर था उसको भी पकड़ कर जेल में डाला दिया गया। कप्पन ने कहा कि मै ज्यादा नहीं बोल सकता क्योकि मैं अभी जेल से बाहर आते वक्त जेलर से मिला तो जेलर ने कहा सिद्दीक मीडिया बाहर बहुत है। आप उनसे बात मत करना नहीं तो आप पर दोबारा मुकदमा दर्ज कर दिया जायेगा।

कप्पन ने जेल से निकलने के बाद कहा कि हमारे मोबाइल में कितने ही लोगों के नंबर है। बीजेपी के तमाम नेताओं के नंबर है। आरएसएस वालो के मोबाइल नंबर है। पीएफआई के लोगों के मोबाइल नंबर है। अगर किसी का मोबाइल नंबर उसमें है तो उसका कनेक्शन उसे जोड़ दिया जाएगा। उसने कहा कि मेरे अकाउंट में किसी तरह का ट्रांजैक्शन नहीं था। मेरे अकाउंट में पांच हजार रुपये भी नहीं आए। उसने कहा कि ईडी ने जो मेरे ऊपर धन शोधन निवारण अधिनियम ( PMLA) का केस लगाया था उसके लिए पांच हजार क्या अगर एक करोड़ भी आया हो तो PMLA नहीं लगेगा और मेरे ऊपर महज 5000 रूपये में ही PMLA लगाया गया।

कप्पन ने कहा कि मुझे इस दौरान बहुत संघर्ष करना पड़ा। मेरी मां का इस दौरान इंतकाल हो गया। मैं जेल में था मेरी पत्नी और बच्चे की पढ़ाई छूट गई। 28 महीना पूरा हो गया जस्टिस पूरा नहीं मिला, लेकिन 28 महीने के बाद बहुत संघर्ष के बाद आज हम बाहर है तो खुश है। उसने कहा कि मेरे साथ कुछ नहीं मिला। मेरे पास सिर्फ मेरा मोबाइल था दो पेन था और एक नोटपैड था। जो कुछ हुआ अब उसके खिलाफ आगे लड़ाई लड़ेंगे।

दरअसल, केरल के मलप्पुरम निवासी सिद्दीक कप्पन करीब 27 माह से जेल में बंद था। पत्रकार कप्पन को 5 अक्टूबर, 2020 को हाथरस में अशांति पैदा करने की साजिश के आरोप में तीन अन्य लोगों के साथ हाथरस जाते समय गिरफ्तार किया गया था। जहां वह एक दलित लड़की के साथ कथित रूप से सामूहिक बलात्कार और हत्या की घटना को कवर करने जा रहे थे। शुरू में उन्हें शांति भंग करने की आशंका के तहत गिरफ्तार किया गया था, बाद में उन पर यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया कर दिया गया था। जिसमें आरोप लगाया गया था कि वह और उनके साथ गाड़ी में मौजूद लोग सांप्रदायिक दंगे भड़काने और हाथरस गैंगरेप-हत्या के मद्देनजर सामाजिक सद्भाव को बाधित करने की कोशिश कर रहे थे।

सिद्दीक कप्पन को सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 9 सितंबर जमानत दे दी थी। हालांकि वह फिर भी जेल में रहे और अब धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा जमानत दिए जाने के 1 महीने बाद वह बाहर आ जाएंगे। जिस दौरान वह जेल में थे उनकी मां का निधन हो गया था। जिसके बाद उनकी जमानत को लेकर मामला चर्चा का विषय बना था। 

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