इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के निशाने पर अब UP के 16,000 से ज्यादा करोड़पति, जानें क्यों?
लखनऊ: नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत के साथ ही राज्य के करीब साढ़े सोलह हजार करोड़पति इनकम टैक्स (आईटी) डिपार्टमेंट के निशाने पर आ गए हैं। ये वो लोग हैं, जिन्होंने नोटबंदी के बाद बैंक में करोड़ों रुपए के 500 और 1,000 रुपए के नोट तो जमा कराए, लेकिन इन्हें अपनी अघोषित आय नहीं माना।
आईटी डिपार्टमेंट ने ऐसे लोगों से प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना में शामिल होने की अपील की और 31 मार्च तक उनका इंतजार भी किया। लेकिन ऐसे लोगों ने निर्देशों का पालन नहीं किया। अब आईटी डिपार्टमेंट की टीम उनके यहां धमकने की योजना बना रही है।
अब देना होगा 107 फीसदी टैक्स
इस संबंध में आयकर विभाग के उपनिदेशक जांच, जयनाथ वर्मा ने बताया कि '31 मार्च तक खुद आने का मौका देने के बाद अब सोमवार (3 मार्च) से कार्रवाई शुरू की जाएगी। इसमें सर्च, सर्वे और नोटिस भेजकर तलब किया जाएगा। वर्मा की मानें, तो 'लोग खुद अपनी अघोषित आय बताते तो प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत उन्हें 50 प्रतिशत टैक्स देना पड़ता, जबकि अब होने वाली कार्रवाई में 107 फीसदी तक की अदायगी करनी पड़ सकती है।'
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इसलिए भी तेज होगी कार्रवाई
जयनाथ वर्मा के मुताबिक, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट इसलिए भी कार्रवाई अब तेज करने जा रहा है, क्योंकि केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के लिए प्रदेश को जो 2,750 करोड़ रुपये का लक्ष्य दिया था, विभाग उससे काफी पीछे रह गया है।
करीब 500 लोगों ने ही दी जानकारी
हालांकि, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत पंजीकरण करा अघोषित आय बताने वालों का ब्योरा अभी जारी नहीं हुआ है। लेकिन अधिकारियों का अनुमान है कि करीब 500 लोगों ने ही योजना के तहत एक हजार करोड़ रुपए से भी कम की अघोषित आय की जानकारी दी है।
हालांकि आयकर विभाग नोटबंदी के करोड़पतियों से पहले भी संक्षिप्त पूछताछ कर चुका है। नोटबंदी के बाद नवंबर व दिसंबर में बैंकों में एक करोड़ रुपये से अधिक रकम जमा होने के सभी मामलों की सूचना आयकर के पास रियल टाइम में पहुंची थी।