वाराणसी: पुलिस के अत्याचार की खबरें तो आम हैं, लेकिन अगर एक पुलिस वाला अपनी ही बूढ़ी मां के साथ दुर्व्यवहार करे तो सवाल उठना लाजिमी है। पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र काशी में एक दरोगा ने अपनी गूंगी मां के खाते से पैसे निकाले और फिर उसे कमरे में बंद करके चला गया। एक दिन बाद स्थानीय लोगों की सूचना पर मंडुवाडीह पुलिस ने ताला तोड़ कर मां को आजाद कराया।
क्या है मामला ?
-मामला थाना मंडुवाडीह क्षेत्र के भुल्लनपुर के शिवनगर कालोनी का है।
-पीएसी के दरोगा बृजेश इन दिनों लखनऊ में तैनात है।
-बृजेश लखनऊ में अपनी पत्नी के साथ रहता है।
-वहीँ बृजेश की मां कमला पाडेय(70) शिवनगर में अकेली रहती है।
-दो दिन पहले दरोगा अपनी पत्नी के साथ शिवनगर आया और मां को लेकर बैंक ऑफ बड़ौदा गया।
-बैंक में उसके पिता के पेंशन की लगभग 3.50 लाख रुपए की रकम जमा थी।
-बृजेश ने मां से हस्ताक्षर कराने के बाद सारी रकम निकाल ली।
-रात में दरोगा बृजेश ने मां को कमरे में बंद कर बाहर से ताला लगा दिया।
-इसके बाद बृजेश अपनी पत्नी के साथ लखनऊ वापस लौट गया।
24 घंटे बाद मां को निकाला गया
-शनिवार को सुबह जब स्थानीय लोगों ने कमला पाण्डेय को नहीं देखा, तो उन्हें शक हुआ।
-लोग उनके घर पहुंचे तो देखा वह अंदर रो रही हैं और बाहर से ताला लगा हुआ है।
-किसी ने 100 नम्बर पर पुलिस को सूचना दी।
-मौके पर पहुंची मंडुवाडीह पुलिस ने ताला तोड़ कर वृद्धा को आजाद कराया।
-स्थानीय लोगों ने दरोगा बृजेश पाण्डेय को फोन करने का भी प्रयास किया, लेकिन उसने फोन नहीं उठाया।
पिता की मौत के बाद मिली नौकरी
-पीएसी में दरोगा अमरनाथ पाण्डेय के निधन के बाद मृतक आश्रित के तौर पर बृजेश पाण्डेय को नौकरी मिली है।
-बृजेश पाण्डेय के भाई अजय पाण्डेय की साल 2002 में हत्या हो चुकी है।
पड़ोसियों ने दरोगा की पत्नी को बताया दबंग
-स्थानीय लोगों के अनुसार बृजेश पांडेय की पत्नी काफी दबंग किस्म की है।
-पत्नी के कहने पर ही दरोगा ने मां के खाते से सारे रुपये निकलवाये हैं।
-हालांकि इतना सब के बावजूद गूंगी मां ने अपने बेटे के खिलाफ थाने में तहरीर नहीं दी है।