Sonbhadra: नक्सल प्रभावित इलाके की सड़कों के निर्माण में बड़ा भ्रष्टाचार, टेंडर निरस्त होने के बाद लाखों का फर्जी भुगतान

Sonbhadra News: सीएम योगी आदित्यनाथ प्रदेश को भ्रष्टाचार मुक्त करने के चाहे कितने दावे कर लें। डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या अपने मंत्रालय वाले विभाग के कार्यों में पारदर्शिता को लेकर चाहे कितनी भी बातें कर लें।

Update:2022-07-16 15:35 IST

Sonhbadra (Image: Newstrack)


Sonbhadra News: सीएम योगी आदित्यनाथ प्रदेश को भ्रष्टाचार मुक्त करने के चाहे कितने दावे कर लें। डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या अपने मंत्रालय वाले विभाग (पीडब्ल्यूडी) के कार्यों में पारदर्शिता को लेकर चाहे कितनी भी बातें कर लें। सच्चाई यहीं है कि अभी भी सड़कों के निर्माण में भ्रष्टाचार मजबूती से जड़ जमाए हुए है। ताजा मामला सोनभद्र में पीडब्ल्यूडी विभाग के निर्माण खंड का है। यहां न केवल कई सड़कों का निर्माण कागज पर दिखाकर फर्जी भुगतान किए जाने का मामला प्रकाश में आया है बल्कि टेंडर स्वीकृति में नियमों को दरकिनार करने के साथ ही, जिन कार्यों का टेंडर निरस्त कर दिया, उसे भी पूर्ण दिखाकर धनराशि की बंदरबांट कर ली गई। 

यह आरोप कोई बाहर का व्यक्ति नहीं बल्कि संबंधित विभाग से जुड़े ठेकेदार और विभागीय कर्मी द्वारा ही लगाए जा रहे हैं। तत्कालीन एक्सईएन कन्हैया झा, सहायक अभियंता इं. एपी सिंह, निविदा सहायक राजनाथ प्रसाद को गड़बड़ियों के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए मौजूदा एक्सईएन से लेकर सीएम तक शिकायत की गई है। सीएम के यहां से मिले निर्देश पर अधीक्षण अभियंता की तरफ से जांच भी शुरू करा दी गई है। इसको लेकर विभाग के ही कनिष्ठ सहायक की तरफ से सौंपे गए शपथ पत्र ने भी हड़कंप मचा रखा है। 


कुछ इस तरह खेला गया सड़क निर्माण में भ्रष्टाचार का खेल -  निर्माण खंड दो के कनिष्ठ सहायक कुंवर शैलेंद्र सिंह और बीएसए कंस्ट्रक्शन के प्रोपराइटर सुनील कुमार गौतम की तरफ से अधीक्षण अभियंता मिर्जापुर को भेजे गए शपथ पत्र तथा प्रार्थना पत्र में आरोप लगाया गया है कि वैनी सरईगाढ़ से चमरान बस्ती संपर्क मार्ग लंबाई ढाई किमी, निर्माण खंड दो से पीएमजीएसवाई को स्थानांतरित हो चुका है। यह सड़क दुल्लहपुर से नंदना वाया गोटीबांध केग संरेखड़ में आती है। गत 11 जनवरी 2021 को इस कार्य की भारत सरकार से वित्तीय स्वीकृति हो चुकी है। 

बावजूद उक्त मार्ग को विशेष मरम्मत योजना में स्वीकृति कराकर उसकी लागत 24 लाख छह हजार स्वीकृत कराते हुए, उस पर 19 लाख 25 हजार की धनराशि आवंटित करा ली गई। नियमानुसार यह धनराशि प्रदेश सरकार को वापस कर देनी चाहिए थी। आरोप है कि ऐसा न कर तत्कालीन एक्सईएन कन्हैया झा, जिनके पास पीएमजीएसवाई का भी चार्ज था, ने फर्जी तरीके से एक ठेका फर्म के नाम 19.25 लाख भुगतान कर बंदरबांट कर लिया गया।

इसी तरह मुख्य मार्ग से सवानी नाको होते हुए नरोत्तमपुर संपर्क मार्ग का 26 अक्टूबर 2021 को अनुबंध एक्सईएन झा द्वारा छह अप्रैल 2022 को निरस्त कर दिया गया था। इसके बाद इस संपर्क मार्ग के निर्माण के लिए 15 जून 2022 को निविदा प्रकाशित कराई गई। 26 जून 2022 को इसका निरस्तीकरण प्रकाशित करवाया गया। आरोप है कि निरस्तीकरण और प्रकाशन तिथि के बीच नियम विरूद्ध तरीके से उक्त सड़क का अनुबंध गठित कर, अवर अभियंता से उसकी मापी करा ली गई। कार्य का भुगतान भी कर दिया गया। 

इसी तरह कई निविदाओं को मैनेज करने के लिए, उसे प्रहरी पोर्टल पर आमंत्रित करने की बजाय, ई-टेंडरिंग पोर्टल पर आमंत्रित किया गया जिसमें बीएसए कंस्ट्रक्शन ने अर्हता पूरी करते हुए टेंडर अपलोड किया लेकिन मामले को अपने हिसाब से मैनेज करने के लिए गलत तरीके से ईएमडी फीस बिड सिक्योरिटी की कमी दिखा बीएसए कंस्ट्रक्शन के टेंडर को तकनीकी रूप से नाॅन रिस्पासिंव घोषित कर दिया गया। 


एकल निविदा वाले कार्यों के लिए भी जारी कर दिए गए अनुबंध - शासन से निर्देश है कि एकल निविदा की तकनीकी बिड न खोली जाए। दूसरी बार भी एकल निविदा प्राप्त होती है तो उसका पूर्ण औचित्य देते हुए सक्षम अधिकारी की अनुमति से वित्तीय बिड खोली जाए। बावजूद नौडिहा संपर्क के नवीनीकरण के लिए प्राप्त एकल निविदा को बगैर किसी अनुमोदन, अनुमति के ही स्वीकार करते हुए अनुबंध गठित कर दिया गया। इसमें तत्कालीन एक्स ईएन झा के साथ, संबंधित एई और निविदा सहायक पर मिली भगत के आरोप लगाए गए हैं। आय से अधिक संपत्ति का भी आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की गई है। 

कहीं कोई गड़बड़ी नहींं, जांच के लिए तैयार तत्कालीन एक्सईएन उधर, निर्माण खंड दो के मौजूदा एक्सईएन गोविंद प्रसाद यादव का कहना है कि शिकायत के क्रम में मामले को दिखवाया जा रहा है। अगर गड़बड़ी की पुष्टि होती है तो नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी। वहीं तत्कालीन एक्सईएन कन्हैया झा का सेलफोन पर कहना था कि कोई गड़बड़ी नहीं बरती गई है। जो भी शिकायत की जा रही है, उसकी जांच की जानी चाहिए। जांच के बाद चीजें स्पष्ट हो जाएंगी। 

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