Sonbhadra: DM के औचक निरीक्षण में जिला संयुक्त चिकित्सालय में मिली कई खामियां, कई डाॅक्टर मिले गैरहाजिर
Sonbhadra News: लोढ़ी स्थित जिला संयुक्त चिकित्सालय का डीएम चंद्र विजय सिंह ने औचक निरीक्षण किया। इस दौरान डीएम को कई खामियां और कई डाॅक्टर गैरहाजिर पाए गए।
Sonbhadra News Today: पहली सितंबर को डिप्टी सीएम के आगमन के दौरान जिला अस्पताल को चमकाने वाले जिम्मेदार, रविवार को इस मामले में लापरवाह नजर आए। यहीं कारण था कि डीएम चंद्र विजय सिंह (DM Chandra Vijay Singh) रविवार को लोढ़ी स्थित जिला संयुक्त चिकित्सालय (District Joint Hospital) का औचक निरीक्षण करने पहुंचे तो एक साथ कई खामियां देख दंग रह गए। इस दौरान जहां कई डाॅक्टर गैरहाजिर पाए गए। वहीं जहां-तहां गंदगी पड़ी मिली। मीनू के विपरीत मरीजों को भोजन वितरित किए जाने की भी शिकायत सामने आई। इस पर नाराजगी जताते हुए डीएम ने नदारद मिले डाक्टरों के खिलाफ कार्रवाई का निर्देश तो दिया ही, सफाईकर्मी-सेवाप्रदाता को हटाने और भोजन से जुड़े ठेकेदार का ठेका निरस्त कर, नए ठेकेदार केे चयन की प्रक्रिया अपनाने के लिए भी निर्देशित किया।
सीएमओ को गैर हाजिर मिले डॉक्टर पर कार्रवाई करने के दिए निर्देश
डीएम सबसे पहले इमरजेंसी कक्ष में पहुंचे। यहां सिर्फ एक डाॅक्टर मौजूद मिले। शेष ड्यूटीरत डाॅक्टर नदारद पाए गए। इस पर सीएमओ डा. आरएस ठाकुर (CMO Dr. RS Thakur) को गैरहाजिर मिले डाॅक्टरों के खिलाफ कार्रवाई का निर्देश दिया। इस दौरान एक मरीज जमीन पर पड़ा मिला। उसे तत्काल बेड पर ले जाकर, बेहतर तरीके से ईलाज करने के निर्देश दिए। अस्पताल परिसर में कई स्थानों पर गंदगी पड़ी मिली। पूछे जाने पर बताया गया कि सफाईकर्मी नहीं आया है, इससे सफाई आदि कार्य नहीं हो सका है। इस पर डीएम ने सफाई करने वाले कर्मी और सेवाप्रदाता दोनों को हटाने के निर्देश दिए।
मरीजों का जाना हाल
इसके बाद वार्ड में जाकर मरीजों का हाल जाना तो पता चला कि मीनू का अनुपालन दूर, समय से भी भोजन नहीं दिया जाता। इस पर उन्होंने किचन का जायजा लिया तो देखा कि वहां स्टाक के रूप में आटा, दाल और नमक ही मौजूद ही। वहीं मरीजों ने बताया कि भोजन में सिर्फ दाल, रोटी और लौकी की सब्जी रोजाना उपलब्ध कराई जाती है। जबकि मीनू में हर दिन अलग-अलग भोजन देने का प्रावधान है। इस पर गहरी नाराजगी जताते हुए डीएम ने जहां संबंधितों को फटकार लगाई। वहीं भोजन बनाने वाले ठेकेदार का ठेका निरस्त कर, दूसरे ठेकेदार के चयन का निर्देश दिया। ताकि मरीजों को अच्छा और गुणवत्तायुक्त भोजन उपलब्ध कराया जा सके। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डाॅ. के कुमार, डाॅ. शंकर सहित अन्य की मौजूदगी बनी रही।