Heat Wave in India: हीटवेव की चपेट में सोनभद्र, विशेषज्ञों ने बताया जलवायु परिवर्तन का असर
Heat Wave in Sonbhadra: सोनभद्र में दोपहर दो बजते-बजते पारा 41 डिग्री को पार कर जाने के कारण हीटवेव की स्थिति बन गई।
Sonbhadra Ka Mausam: अभी मई-जून माह की तपिश बाकी है। इससे पहले अप्रैल माह के पहले दिन से आसमान से आग बरसनी शुरू हो गई है। शनिवार को जहां सुबह से ही सूर्यदेव के किरणों की तपिश बदन को झुलसाती रही। वहीं दोपहर दो बजते-बजते पारा 41 डिग्री को पार कर जाने के कारण हीटवेव की स्थिति बन गई। हालत यह थी कि गर्मी और उमस जहां लोगों को पूरे दिन बेचैन किए रही। वहीं तमाम लोग सिरदर्दए उल्टीए बेचैनी की शिकायत लेकर अस्पतालों.चिकित्सकों के यहां पहुंचते रहे। कामकाज के सिलसिले में घरों से बाहर निकले लोग भी आग उगलती सूरज की किरणों के आगे बेहाल नजर आए। यात्रा कर रहे लोगों को गर्मी के चलते खासी परेशानी उठानी पड़ी। पसीने से तरबतर होते बदन के साथ खुश्क होता गला लोगों को तड़पाए रहा। पंखों की हवा लू का एहसास कराती रही।
सुबह आठ बजे से ही सूर्यदेव की किरणें चुभनी शुरू हो गई। दस बजते.बजते सूरज की किरणों की तपिश बदन को झुलसाने लगी। दोपहर दो बजते.बजते पारा जहां इस सीजन में अब तक सर्वाधिक 41.2 डिग्री पर पहुंच गया। वहीं पहली अप्रैल को ही 41 डिग्री को पार कर जाने वाले पारे ने पिछले कई सालों के रिकार्ड को पीछे छोड़ दिया। तेज धूप के चलते गर्मी की स्थिति यह थी कि घर से बाहर निकले लोग छावं तलाशते नजर आए। पंखों की हवा भी जहां लू का एहसास कराती रहीं। वहीं पंखे.कूलर आदि की मरम्मत और खरीदारी के लिए इलेक्ट्रॉनिक की दुकानों पर भीड़ उमड़ी रही। तेज धूप के चलते दोपहर में बाजारों, गलियों में आवागमन थमा सा नजर आया। मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार मैदानी इलाकों में 40 डिग्री, तटीय क्षेत्रों में 37 डिग्री और पर्वतीय इलाकों में अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस पहुंचने पर हीटवेव की स्थिति मानी जाने लगती है। अगर यह आंकड़ा इससे चार से पांच डिग्री अधिक हो तो इसे प्रचंड हीटवेव कहा जाता है। उधर, मौसम वैज्ञानिक राजन सिंह ने सोनभद्र का अधिकतम पारा 41.2 रिकार्ड किए जाने की पुष्टि की। बताया कि न्यूनतम पारा 21.4 डिग्री दर्ज किया गया है।
तपिश में तेजी के लिए जलवायु परिवर्तन को माना जा रहा बड़ा कारण
पर्यावरण विशेषज्ञ सीमाए मार्च की आखिर तक 40 डिग्री तक पारा पहुंचने और अप्रैल के अगले ही दिन पारा 41 डिग्री पार कर जाने को जलवायु परिवर्तन के कारण के रूप में देखती हैं। बताती हैं कि अगर वर्ष 2020 और 2021 के आंकड़े पर नजर डालें तो साल दर साल मार्च.अप्रैल के तापमान में वृद्धि होती दिखने लगी है। उधरए इसको लेकर आई आइपीसीसी की ताजा रिपोर्ट में भी मार्च-अप्रैल के तापमान में वृद्धि के लिए जलवायु में होते परिवर्तन को बड़ा कारक माना गया है। स्काइमेट वेदर के मौसम वैज्ञानिक महेश पलावत का तर्क है विकास के साथ शहरों का मौसम भी बिल्कुल बदल गया है। कंक्रीट और निर्माण सामग्री में हवा के बंध जाने से मौसम की गर्माहट बढ़ती जा रही है। इससे हरित आवरण को भी नुकसान पहुंच रहा है।
31 डिग्री से ज्यादा पारा मानव स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह
विशेषज्ञ बताते हैं कि 31 डिग्री से अधिक तापमान होने के बाद मानव स्वास्थ्य के लिए खतरे की स्थिति बनने लगती है। 35 डिग्री तापमान छांव में आराम करने वालों को बेचैन करना शुरू कर देता है। जैसे.जैसे यह पारा बढ़ता है मानव स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह स्थिति बढ़ती जाती है।
चिकित्सकों की सलाहए हीटवेव से बचना है तो बरतें एहतियात
चोपन सीएचसी के आयुष चिकित्साधिकारी एवं एमडी होम्योपैथ डाण् संजय कुमार सिंह कहते हैं कि हीटवेव में जरा सी लापरवाही स्वास्थ्य के लिए घातक साबित हो सकती है। इससे बचने के लिए जरूरी है कि सिरदर्दए लू लगनेए उल्टीए बदन दर्द की शिकायत पर स्वयं चिकित्सा न कर नजदीकी चिकित्सक से संपर्क करें। आवश्यकता हो तभी धूप में निकलें। निकलने से पहले भरपूर पानी पीएं। फलों का ज्यादा सेवन करें। नीबूए पुदीनीए आम का पाना आदि पेय पदार्थों को वरीयता दें। यात्रा में निकलते वक्त दवाओं की जरूरी किट साथ रखें।