Sonbhadra : खदान हादसाः एक और मजदूर की थमी सांस, खदान संचालक पर गैर इरातदन हत्या का मुकदमा
Sonbhadra: ओबरा थाना क्षेत्र के बिल्ली मारकुंडी में रविंदो स्टोन प्रोडक्ट की तरफ से संचालित खदान में शनिवार को हुए हादसे के मामले में, स्टोन प्रोडक्ट के स्वामी के खिलाफ के खिलाफ मामला दर्ज हो गया है।;
खान।
Sonbhadra: ओबरा थाना क्षेत्र (Obra police station area) के बिल्ली मारकुंडी में रविंदो स्टोन प्रोडक्ट (Ravindo Stone Products) की तरफ से संचालित खदान में शनिवार को हुए हादसे के मामले में, स्टोन प्रोडक्ट के स्वामी के खिलाफ गैर इरादतन हत्या सहित अन्य धाराओं में एफआईआर दर्ज कर ली गई है। पुलिस की तरफ से यह कार्रवाई मृतक रविंद्र गोंड़ के पिता देवनारायण गोंड़ के तहरीर पर की गई है। मामले की विवेचना प्रभारी निरीक्षक मिथिलेश मिश्रा (In-charge Inspector Mithilesh Mishra) को सौंपी गई है। वहीं हादसे में घायल दूसरे मजदूर की भी रविवार की शाम वाराणसी में उपचार के दौरान मौत हो गई। उधर, डीजीएमएस वाराणसी एमके प्रसाद (DGMS Varanasi MK Prasad) ने रविवार को घटनास्थल पर पहुंचकर हादसे के कारणों की जांच की और की जा रही सुरक्षा मानकों की अनदेखी को लेकर नाराजगी जताई। साथ ही, घटना को लेकर खदान संचालक से स्पष्टीकरण भी तलब किया।
ये था पूरा मामला
बताते चलें कि ओबरा के रविंदो स्टोन प्रोडक्ट की तरफ से संचालित पत्थर खदान में शनिवार की दोपहर बाद ढाई बजे के करीब ब्लास्टिंग के बाद फंसे पत्थरों को निकालने के दौरान सेफ्टी बेल्ट की रस्सी खुल जाने से चोपन थाना क्षेत्र के सिनोहर, कनछ निवासी रविंद्र गोंड़ पिंटू और निंगा सलईबनवा निवासी रामबहाल पुत्र मनु सिंह 70-80 फीट गहरी खदान में गिर गए थे जिससे पिंटू की मौत हो गई थी। वहीं रामबहाल की हालत नाजुक होने पर उपचार के लिए बीएचयू ले जाया गया था। वहां रविवार की शाम चार बजे के करीब उसकी मौत हो गई। प्रभारी निरीक्षक ओबरा मिथिलेश मिश्रा (Inspector Mithilesh Mishra)) ने बताया कि वाराणसी पुलिस द्वारा शव का पोस्टमार्टम करवाया जा रहा है।
डीजीएमएस ने किया घटनास्थल का दौरा
उधर, हादसे की जानकारी के बाद रविवार की दोपहर डीजीएमएस एमके प्रसाद वाराणसी से सोनभद्र पहुंचे और घटनास्थल का निरीक्षण कर हादसे के कारणों की जांच की। प्रथमदृष्टया सुरक्षा मानकों की अनदेखी का ही मामला सामने आया। इसको लेकर उन्होंने खासी नाराजगी भी जताई। बताते चलें कि बिल्ली-मारकुंडी खनन क्षेत्र में कई खदानें गहरी खाईं और झील में तब्दील हो गई हैं। वहीं अधिकांश खदानों में अप्रशिक्षित व्यक्तियों से ब्लास्टिंग कराए जाने और सुरक्षा मानकों की अनदेखी के चलते आए दिन खदान में गिरने से मजदूरों का मामला सामने आता रहता है। यह बात दीगर है कि अधिकांश मामले खदान के बाहर मैनेज कर लिए जाते हैं और पुलिस को दी जाने वाली तहरीर में खदान हादसे की बजाय, किसी दूसरे कारण का जिक्र हो जाता है।
दिलचस्प मसला यह है कि ओबरा के बिल्ली-मारकुंडी खनन क्षेत्र में वर्षों से सुरक्षा नियमों की अनेदखी और इसके चलते होती मौत बड़ा मसला बना हुआ है। हर हादसे के बाद सेफ्टी माइंस से जुड़े किसी न किसी अफसर का दौरा होता है। मामला गंभीर होता है तो कुछ दिन के लिए नोटिस देकर संबंधित खदान में खनन कार्य बंद करा दिया जाता है। मामला ठंडा होते हुए, सुधारात्मक कार्य की आड़ में खनन कार्य की अनुमति जारी कर दी जाती है। हालात इस कदर खतरनाक हैं कि आधे से अधिक खनन एरिया डेंजर जोन में तब्दील हो चुकी है। कई खदानों की गहराई अधिकतम मानक को पार कर चुकी है। बावजूद, इस पर खान सुरक्षा से जुड़े अफसरों की दरियादिली हर किसी के बीच चर्चा में बनी रहती है। अब इस हादसे में, खान सुरक्षा विभाग का क्या रूख होगा? इसको लेकर चर्चाएं बनी हुई हैं।