Sonbhadra News: एनटीपीसी रिहंद के सेकंड स्टेज का उत्पादन शून्य, पावर सेक्टर में हाय तौबा

Sonbhadra News: 24000 मेगा वाट के करीब पहुंच रही डिमांड शनिवार की रात 10 बजे अधिकतम 22659 मेगावाट दर्ज की गई।

Published By :  Sushil Shukla
Update:2021-07-04 14:43 IST

एनटीपीसी (फाइल फोटो: सोशल मीडिया)

Sonbhadra News: एनटीपीसी के उत्तर प्रदेश के सबसे ज्यादा 3000 मेगावाट क्षमता वाले रिहंद परियोजना के स्टेज दो की 500-500 मेगावाट वाली दोनों इकाइयां शनिवार की देर रात तकनीकी कारणों के कारण ट्रिप (Trip) कर गई। इसके चलते इस स्टेज से विद्युत उत्पादन पूरी तरह शून्य हो गया। उधर, जुलाई की शुरुआत के साथ ही इंद्रदेव की बेरुखी ने प्रदेश में इस वर्ष अब तक के बिजली खपत के सारे रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए हैं। द्विपक्षीय करार के परिप्रेक्ष्य में केंद्रीय और निजी सेक्टर से बिजली लेने के साथ ही पीक आवर में आपूर्ति की स्थिति नियंत्रित रखने के लिए महंगी बिजली खरीदी गई। वहीं राज्य के कई हिस्सों में देर रात से लेकर रविवार की दोपहर तक कुछ-कुछ समय के लिए आपात कटौती का क्रम जारी रहा।

नॉर्दन रीजन लोड डिस्पैच सेंटर से मिली जानकारी के मुताबिक शनिवार की शाम प्रदेश के कुछ हिस्सों में बारिश होने से बिजली की मांग में थोड़ी गिरावट भी दर्ज हुई। इसके चलते 24000 मेगा वाट के करीब पहुंच रही डिमांड शनिवार की रात 10 बजे अधिकतम 22659 मेगावाट दर्ज की गई। लेकिन रिहंद परियोजना के सेकंड स्टेज का उत्पादन शून्य होने के कारण राज्य, केंद्र, निजी सेक्टर, महंगी बिजली खरीद के बावजूद विद्युत उपलब्धता में 350 मेगावाट की कमी बनी रही। इसके चलते सिस्टम कंट्रोल की तरफ से रात से लेकर दोपहर तक जगह-जगह कटौती का क्रम जारी रखा गया। इस दिन न्यूनतम मांग में भी गिरावट दर्ज की गई। 13 हजार मेगावाट से ज्यादा चल रही न्यूनतम डिमांड 12040 पर आ गई लेकिन राज्य सेक्टर से काफी कम मिल पा रही बिजली के कारण परेशानी बनी रही।


विद्युत उत्पादन और मांग की स्थिति का चार्ट

बता दें कि लोड डिस्पैच सेंटर की तरफ से जुलाई में बिजली की अधिकतम मांग 18 से 20000 मेगा वाट रहने का अनुमान लगाया गया था और इससे अधिक की विद्युत उपलब्धता रहने की उम्मीद जताई गई थी। लेकिन मानसून में नरमी और बारिश न होने के चलते भारी उमस ने अनुमान के विपरीत स्थिति पैदा कर दी। उधर एनटीपीसी प्रबंधन का कहना है कि सेकंड स्टेज में उत्पादन शुरू हो जाए। इसके लिए अभियंताओं की टीम लगी हुई है।

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