Sonbhadra: चिकित्सक बिना मरीजों का चल रहा उपचार, जांच करने पहुंची टीम तो मची अफरातफरी, अस्पताल सील

Sonbhadra News: डीएम चंद्र विजय सिंह के निर्देश पर नर्सिंग होम के रूप में संचालित अस्पतालों में उपलब्ध सुविधाओं और मरीजों की उपचार की स्थिति जांचने को लेकर चलाए गए अभियान में पहले ही दिन बड़ी गड़बड़ी पकड़ में आई है।

Update: 2022-09-15 12:23 GMT

अस्पताल में जांच पड़ताल करते अधिकारी (न्यूज नेटवर्क)

Sonbhadra News Today: डीएम चंद्र विजय सिंह के निर्देश पर नर्सिंग होम के रूप में संचालित अस्पतालों में उपलब्ध सुविधाओं और मरीजों की उपचार की स्थिति जांचने को लेकर चलाए गए अभियान में पहले ही दिन बड़ी गड़बड़ी पकड़ में आई है। प्रशासन और स्वास्थ्य महकमे की संयुक्त टीम की तरफ से चलाए गए अभियान में बृहस्पतिवार को श्वेता हास्पीटल के नाम से पंजीकृत अस्पताल में जहां बगैर चिकित्सकों की मौजूदगी के गंभीर मरीज का इलाज होता मिला। वहीं एक एक और अस्पताल में मानकों की अनदेखी पाई गई। मौके पर बगैर डाॅक्टर संचालित होते मिले अस्पताल में खून के नाम पर अच्छी-खासी वसूली की शिकायत मिली। 

मरीजों को जिला अस्पताल के लिए शिफ्ट कर जहां, श्वेता हास्पिटल को सील कर दिया गया। वहीं दूसरे अस्पताल में मानक की अनदेखी को लेकर नोटिस जारी की गई। एसडीएम सदर रमेश कुमार और अस्पतालों की चेकिंग के नोडल अधिकारी एवं डिप्टी सीएमओ डा. रामकुंवर की अगुवाई वाली टीम ने लगभग आधा दर्जन अस्पतालों की जांच की। धर्मशाला चैक और चंडी तिराहे के बीच हाइवे किनारे संचालित श्वेता हास्पीटल पर टीम पहुंची तो वहां एक गर्भवती महिला सहित तीन मरीजों को भर्ती कर उपचार होता मिला लेकिन कोई डाॅक्टर नहीं दिखा। तब वहां मौजूद स्टाफ से, जिनके नाम पर अस्पताल पंजीकृत है, उस डाॅक्टर या अन्य किसी डाॅक्टर के बारे में जानकारी चाही गई। सभी चिकित्सक बाहर गए हैं। 

इसे मेडिकल एक्ट के उल्लंघन और मरीजों के उपचार में घोर लापरवाही का मामला पाते हुए, तत्काल अस्पताल को सील कर दिया गया। साथ ही अस्पताल संचालक के नाम पर, वहां देख-रेख करते मिले कर्मी को तीन दिन के भीतर, पाई गई कमियों के बाबत स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने की नोटिस थमाई गई। अस्पताल गेट पर भी नोटिस चस्पा करते हुए, यहां भर्ती रहे मरीजों को जिला अस्पताल के लिए भेज दिया गया। यहां के बाद टीम वाराणसी पाली क्लिनिक पहुंची। वहां डाॅक्टर और स्टाफ मौजूद मिले लेकिन, कुछ मामलों में मानकों की अनदेखी दिखी। 

इस पर अस्पताल संचालक को नोटिस जारी कर खामियां दूर करने और स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया। बगैर फायर एनओसी के संचालित हो रहे कई अस्पताल, उपकरण भी हैं नदारद सोनभद्र जिले में कई अस्पतालों को जहां बगैर फायर एनओसी संचालित होने की चर्चा लंबे समय से बनी हुई है। वहीं मुख्यालय पर ही कई अस्पताल ऐसे हैं, जहां से अग्निशमन उपकरण नदारद हैं। या एक-दो उपकरण शो-पीस हालत में गलियारे में लटका दिए गए हैं। पिछले दिनों इस मसले को लेकर एक अस्पताल की तरफ से कुछ लोगों से दुव्र्यवहार किए जाने का भी मामला सामने आया था। 

चलता रहेगा औचक निरीक्षण अभियान, खामियों पर होगी कार्रवाईः एसडीएम रमेश कुमार ने बताया कि लगातार चेकिंग अभियान जारी रहेगा। फिलहाल श्वेता हास्पीटल को सील कर दिया गया है। वहीं वाराणसी पाली क्लिनिक को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है। आगे भी निरीक्षण के दौरान जिन अस्पतालों में खामियां मिलेगी, उसको लेकर कार्रवाई का क्रम बना रहेगा। उधर, नोडल अधिकारी डा. रामकुंवर की तरफ से भी कार्रवाई की पुष्टि की गई। बताया कि दोनों अस्पताल संचालकों को तीन दिन के भीतर स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है। 

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