Sonbhadra News: प्रधानमंत्री आवास के नाम पर लाखों की वसूली का आरोप, प्रधान, रोजगार सेवक, वार्ड मेंबर सहित सात के खिलाफ केस दर्ज

Sonbhadra News: घोरावल पुलिस ने न्यायालय के हस्तक्षेप नर पर यह कार्रवाई की। मामला दर्ज करने के साथ ही, पुलिस की ओर से प्रकरण की छानबीन शुरू कर दी गई है।;

Update:2025-03-28 19:23 IST

Sonbhadra News Today Allegation of Extortion of Lakhs in the Name of Prime Minister Residence

Sonbhadra News: सोनभद्र। घोरावल कोतवाली क्षेत्र के कुसुम्हा गांव में प्रधानमंत्री/सरकारी आवास आवंटित कराने के नाम पर ग्रामीणों से लाखों रूपये की वसूली मामला सामने आया है। प्रकरण को लेकर पीड़ितों की तरफ से लगाई गई गुहार पर, प्रधान, रोजगार सेवक, ग्राम पंचायत सदस्य सहित सात के खिलाफ बीएनएस की विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज कर लिया है। घोरावल पुलिस ने न्यायालय के हस्तक्षेप नर पर यह कार्रवाई की। मामला दर्ज करने के साथ ही, पुलिस की ओर से प्रकरण की छानबीन शुरू कर दी गई है।

30-32 ग्रामीणों को बताया जा रहा ठगी का शिकार

कुसुम्हा गांव निवासी जवाहिर कहार की ओर से न्यायालय में प्रस्तुत किए गए प्रार्थना पत्र में कहा गया है कि उसके अलावा गांव के ही तेज प्रताप, विजय बियार, धर्मेन्दर, प्रेम कहार, प्रवेश कहार, मुरारी सहित अन्य को सरकारी आवास आवंटन होना था। इसके लिए संबंधित विभाग के कर्मचारियों की तरफ से आवश्यक औपचारिकताएं पूर्ण करने के लिए कहा गया था। आरोप है कि इस बात की जानकारी जब ग्राम पंचायत अध्यक्ष कुसुम सिंह, ग्राम रोजगार सेवक तेज बहादुर सिंह, प्रधान प्रतिनिधि नरेंद्र कुमार सिंह, राजू यादव, वार्ड मेंबर राकेश कुमार पाल निवासी कुसुम्हा, देवनरायण सिंह, प्रवीण शुक्ला निवासी ओदार, थाना-घोरावल की तरफ से कहा गया कि उन लोगों को सरकारी आवास का आवंटन हो गया है।

तुम लोगों को हो गया है। सबको 10-10 हजार सुरक्षा धनराशि के रूप में जमा करना होगा। आरोप है कि पीड़ित सहित अन्य से आवंटन के एवज में लगभग 30 से 32 लाख की वसूली की गई है।

खंड विकास अधिकारी कार्यालय पहुंचे, तब हुई ठगे जाने की जानकारी

आरोप है कि जब लंबे समय बाद भी आवास आवंटित नहीं हुआ तब संबंधित ग्रामीण खंड विकास अधिकारी कार्यालय पर पहुंचे। वहां पहुंचने पर पता चला कि ऐसा कोई मामला नहीं है। न ही आवास के बदले कोई धनराशि जमा करने का नियम है, न ही आरोपियों ने कोई धनराशि जमा की है। आरोप है कि इसके बाद सभी लोग ग्राम पंचायत अध्यक्ष यानी प्रधान कुसुम सिंह व अन्य से दी गई रकम वापस मांगा तो टालमटोल किया जाने लगा। दावा किया गया कि गत चार नवंबर 2024 को जब उन लोगों से पुलिस से इसकी शिकायत की तो पुलिस की मौजूदगी में ली गई रकम जल्द वापस करने का भरोसा दिया गया। पीड़ित की तरफ से पुलिस के समक्ष हुई बातचीत का वीडियो रिकार्डिंग भी होने का दावा किया गया है।

न्यायालय ने माना था प्रकरण गंभीर, प्राथमिकी के दिए थे आदेश

प्रकरण में न्यायालय ने पुलिस से आख्या तलब करते हुए पीड़ितों की तरफ से उपलब्ध कराए गए साक्ष्य का अवलोकन किया था। प्रकरण को गंभीर मानते हुए प्रभारी निरीक्षक घोरावल को संबंधित धाराओं के तहत केस दर्ज कर विधिअनुरूप विवेचना के लिए आदेशित किया गया था। पुलिस के मुताबिक प्रकरण में लगाए गए आरोपों के आधारा पर, उपरोक्त आरोपियों के खिलाफ धारा 316(2), 318(4), 351(2), और 352 बीएनएस के तहत केस दर्ज कर छानबीन की जा रही है।

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