Sonbhadra News: अंशु राय हत्याकांड में ब्लाक प्रमुख प्रतिनिधि सहित दो दोषी करार

Sonbhadra News: सजा के मसले पर पांच अप्रैल को सुनवाई की जाएगी। फिलहाल दोनों दोषियों को न्यायिक हिरासत में लेकर जिला कारागार गुरमा भेज दिया गया।

Update: 2024-03-27 14:19 GMT

Sonbhadra News (Pic:Social Media)

Sonbhadra:  राबटर्सगंज कोतवाली क्षेत्र के हाइडिल गा्रउंड के पास 11 वर्ष पूर्व सुबह के वक्त युवा अधिवक्ता अंशु राय की गोली मारकर की गई, हत्या से जुड़े मामले में, ब्लाक प्रमुख प्रतिनिधि राजन सिंह सहित दो को आर्म्स एक्ट (अवैध असलहा रखने के मामले में) दोषी पाया गया है। अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम एहसानुल्लाह खां की अदालत ने बुधवार को इस मामले की सुनवाई करते दोषसिद्ध करार दिया। अब इस मामले में सजा के मसले पर पांच अप्रैल को सुनवाई की जाएगी। फिलहाल दोनों दोषियों को न्यायिक हिरासत में लेकर जिला कारागार गुरमा भेज दिया गया है।

बताते चलें कि वरिष्ठ अधिवक्ता एवं सोनभद्र बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष ओम प्रकाश राय के पुत्र एवं युवा अधिवक्ता अंशु राय की गत एक मई 2012 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। अभियोजन कथानक के मुताबिक अंशु राय की हत्या उस समय की गई थी जब वह सुबह 7 बजे मार्निंग कोर्ट होने की वजह से कचहरी जा रहे थे। तभी हाइडिल ग्राउंड से सटे आदर्श विद्यालय के मोड़ पर आलोक उर्फ अंशु राय की हत्या कर दी गई थी। मामले में सूरज सिंह, पंकज सिंह और तीन अज्ञात के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया था। विवेचना के दौरान मामले में वर्तमान में बभनी ब्लाक प्रमुख के प्रतिनिधि राजन सिंह, अरविंद सिंह सहित अन्य ं का नाम प्रकाश में आया। वहीं राजन सिंह की गिरफ्तारी के वक्त उसके पास से एक पिस्टल 9 एमएम, मैगजीन सहित 6 कारतूस बरामद किए गए। उसके साथी अरविंद सिंह के पास से भी एक तमंचा 315 बोर और दो जिंदा कारतूस बरामद किया गया। इसको लेकर पुलिस ने दोनों के खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत केस दर्ज किया और पर्याप्त सबूत होने का दावा करते हुए न्यायालय में चार्जशीट दाखिल की।

 सुनवाई के दौरान अदालत ने पाए पर्याप्त सबूत, अब सजा पर होगी सुनवाई

10 साल से अधिक समय तक मामले की सुनवाई चली। मामले में अधिवक्ताओं की तरफ से दिए गए तर्क और पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर ब्लाक प्रमुख प्रतिनिधि राजन सिंह और उसके साथी अरविंद सिंह के खिलाफ दोषसिद्ध पाया गया। इसको देखते हुए अदालत ने दोनों को दोषी करारते हुए न्यायिक अभिरक्षा में लेकर जेल भेज दिया। वहीं, अब मामले में सजा के मसले पर सुनवाई और सजा सुनाने की तिथि पांच अप्रैल की तिथि निर्धारित की गई।

ओमप्रकाश के भी हत्या की हुई थी कोशिश

अंशु राय हत्याकांड वर्ष 2012 का जिले का सबसे चर्चित मामला रहा है। उसी वर्ष मामले के मुख्य गवाह और वादी, अशु के पिता ओमप्रकाश राय के हत्या की साजिश के खुलासे ने पुलिस महकमे में हड़कंप मचा दिया। तत्कालीन एसपी सुभाषचंद्र दूबे (वर्तमान में डीआईजी ट्रैफिक उत्तर प्रदेश) तत्कालीन इंस्पेक्टर प्रदीप सिंह चंदेल (मौजूदा क्षेत्राधिकारी दुद्धी) और तत्कालीन एसआई शिवानंद मिश्रा (वर्तमान में इंस्पेक्टर) की सधी घेरेबंदी और नेतृत्व ने, न केवल ओमप्रकाश राय को बाल-बाल बचाया बल्कि गोली मारने आए शूटर और उसका साथ देने वाले व्यक्तियों को भी दबोच लिया गया। 11 साल बाद जाकर अब आर्म्स एक्ट में दो को दोषी पाए जाने का मामला सामने आया है। इसके बाद अब लोगों की निगाहें ओमप्रकाश राय के हत्या की साजिश रचने के मामले को लेकर आने वाले फैसले पर भी टिक गई हैं।

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