Sonbhadra News: यहां डिप्टी सीएम का निर्देश नहीं रखते मायने, लिखी जा रही बाहर की दवाएं, निजी मेडिकल स्टोर से दवा लेने की दी जा रही सलाह

Sonbhadra News: कमरा नंबर छह से बाहर आ रहे मरीजों का दावा था कि उन्हें कई दवाएं बाहर की लिख दी जा रही हैं। इन दवाओं को जिला अस्पताल से सटे संचालित मेडिकल स्टोर से लेने के लिए कहा जा रहा है।

Update: 2023-12-22 15:09 GMT

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Sonbhadra News: शासन की सख्ती और डिप्टी सीएम बृजेश पाठक के कड़े निर्देश के बावजूद जिले में बाहर की दवाएं लिखी जा रही हैं। शुक्रवार को जिला अस्पताल पहुचंकर इसकी रियलिटी जांची गई तो सामने आई जानकारियोें ने चैंका कर रख दिया।

बताते चलें कि जिले में राजकीय मेडिकल कॉलेज की स्थापना के बाद, जिला अस्पताल का क्षेत्राधिकार मेडिकल कॉलेज को सौंप दिया गया है। यहां शुक्रवार को पहुंुचने वाले मरीजों का दावा था कि न केवल बाहर की दवाएं लिखी जा रही हैं, बल्कि जिला अस्पताल परिसर में पीएम जन औषधि केंद्र संचालित होने के बावजूद, जिला अस्पताल से सटे स्थित निजी मेडिकल स्टोर से दवाएं लिखने की सलाह दी जा रही हैं। दोपहर एक बजे जिला अस्पताल पहुंचकर मरीजों के दावों की रियलिटी जांची गई तो जहां मरीजों की संख्या गिनी-चुनी नजर आ रही थी। वहीं, कमरा नंबर छह से बाहर आ रहे मरीजों का दावा था कि उन्हें कई दवाएं बाहर की लिख दी जा रही हैं। इन दवाओं को जिला अस्पताल से सटे संचालित मेडिकल स्टोर से लेने के लिए कहा जा रहा है।

पथरी की दवा लेने पहुंचे मरीज को बाहर के मेडिकल पर भेजा

पथरी की दवा लेने पहुंचे प्रवेश का कहना था कि रिपोर्ट में उसके पेट में दो से तीन एमएम की पथरी होने की रिपोर्ट आई है। इसी को दिखाने के लिए जिला अस्पताल में डॉक्टर के पास आए थे। कहा कि डॉक्टर ने बाहर से दवा लाने के लिए कहा है। दवा के लिए मेडिकल स्टोर का नाम भी सुझाए जाने की बात कहा है। डॉक्टर का नाम क्या है? इस पर, प्रवेश ने जहां नाम की जानकारी न होने की बात कही। वहीं, मेडिकल स्टोर कहां है के सवाल पर कहा कि जिला अस्पताल के बाहर है।

बच्चे को थी चर्म रोग की दिक्कत, दी गई कई दवाएं बाहर से लेने की सलाह

मूलचंद सोनी ने बताया कि वह राजगढ़ से आए हैं। कहा कि बच्चे को चर्मरोग की दिक्कत थी। उसी को दिखाने आए थे। यहां कमरा नंबर छह में डॉक्टर साहब से मिले। उन्होंने कुछ दवा जिला अस्पताल में और कुछ बाहर से मिलने वाली दवा लिखी है। अस्पताल के बाहर दवा कहां से लेनी है, इस पर मूलचंद ने कहा कि जिला अस्पताल से सटे संचालित एक मेडिकल स्टोर का नाम बताया गया है। दिलचस्प मसला यह था कि जब मरीजों से इस बारे में जानकारी ली जा रही तो वहां पहुंचे एक व्यक्ति ने खुद को डॉक्टर बताते हुए, कवरेज से रोकने की कोशिश की। ऑन कैमरा जब उनसे अपनी बात रखने को कहा गया तो वह दूसरी तरफ खिसक लिए।

दावों की कराई जाएगी इंक्वायरीः प्राचार्य

राजकीय मेडिकल कालेज के प्राचार्य सुरेश कुमार सिंह ने कहा कि उन्हें बाहर से दवा लिखे जाने के मामले की जानकारी नहीं है। कहा कि वह इसकी इंक्वायरी कराएंगे। अगर ऐसा है तो कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि जिला अस्पताल में दवा उपलब्ध न होने की दशा में जिला अस्पताल परिसर में संचालित जन औषधि केंद्र से दवा लेने की सलाह मरीजों को दी जाती है लेकिन यहां जिस तरह से मरीजों के दावे सामने आए हैं, उसके मुताबिक, जिला अस्पताल में तैनात कुछ डॉक्टरों की एक प्राइवेट मेडिकल स्टोर पर कुछ ज्यादा ही मेहरबानी बरस रही है।

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