पुलिस के सामने अंधविश्वास: SP ने की कार्रवाई, महामारी अधिनियम के तहत FIR दर्ज

और तो और इस वीडियो में सबसे खास बात ये हैं कि मौलाना अंधविश्वास का ये नंगा नाच पुलिसकर्मियों की पूरी फौज के सामने करता नजर आ रहा है।

Update: 2020-08-31 06:24 GMT
मौलाना अंधविश्वास का ये नंगा नाच पुलिसकर्मियों की पूरी फौज के सामने करता नजर आ रहा है। यहां मौजूद एक महिला पुलिसकर्मी, जिसे इस तमाशे को रोकना चाहिये था वह अंधविश्वास की मजलिस को पूरा जोर लगाकर सच साबित करती हुई नजर आ रही है।

बाराबंकी: एक ओर पूरा देश कोरोना वायरस से जूझ रहा रहा है। जिससे बचने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने को कहा जा रहा है। वहीं दूसरी ओर प्रदेश की राजधानी से सटे जिले बाराबंकी में सोशल डिस्टेंसिंग का मजाक बना हुआ है। यहां रोज अंधविश्वास के जाल में फंसे लोगों का जमावड़ा लगता है। लोग भूत-प्रेत, डायन, जोगिन को भगाने के लिए यहां पहुंच रहे हैं। जिसका वीडियो अब सोशल माीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।

और तो और इस वीडियो में सबसे खास बात ये हैं कि मौलाना अंधविश्वास का ये नंगा नाच पुलिसकर्मियों की पूरी फौज के सामने करता नजर आ रहा है। यहां मौजूद एक महिला पुलिसकर्मी, जिसे इस तमाशे को रोकना चाहिये था। वह अंधविश्वास की मजलिस को पूरा जोर लगाकर सच साबित करती हुई नजर आ रही है। जिसके बाद अभी कुछ दिनों पहले दंगा रोकने के लिए मॉकड्रिल में फुस्स फायर करने वाली बाराबंकी पुलिस की कार्यशैली पर एक बार फिर बड़ा सवालिया निशान लग गया है।

महामारी अधिनियम के तहत दर्ज की गई FIR

कानून के सामने अंधविश्वास का नंगा नाच (फोटो. सोशल मीडिया)

बाराबंकी के पुलिस अधीक्षक डॉ अरविंद चतुर्वेदी ने बताया कि उनको जानकारी मिली थी थाना फतेपुर के मिर्जापुर गांव में एक मजार पर एक 65 वर्षीय बाबानुमा आदमी रहता है। जो झाड़-फूंक और दूसरी चीजें वहां पर करता है। जबकि शनिवार और रविवार को कंपलीट लॉकडाउन रहता है। इसलिए रविवार के दिन ये सब होने की जानकारी मिलने पर मौके पर पुलिसबल को भेजा गया था और वहां आस-पास के आए हुए जितने भी लोग थे, उनको रोककर थाने लाया गया और महामारी अधिनियम के साथ ही आईपीसी की उचित धाराओं में केस दर्ज किया गया है।

इनके खिलाफ 151 की कार्रवाई की गई है। साथ ही कड़ी हिदायत दी गई है कि भविष्य में इसकी पुनरावृत्ति न हो। एसपी ने बताया कि यह मजार धार्मिक स्थल है। यहां अगर अलग-अलग जगहों से लोग आते हैं तो इसपर पुलिस या प्रशासन को किसी तरह की आपत्ति नहीं है। लेकिन किसी भी दिन एगर वहां पर एक साथ पांच या उससे ज्यादा लोगों का जमावड़ा लगता है या अगर कोई अंधविश्वास फैलाता है। इलाज करने के नाम पर किसी आदमी को ठगने का काम करता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

कानून के सामने अंधविश्वास का खेल

कानून के सामने अंधविश्वास का नंगा नाच (फोटो. सोशल मीडिया)

अंधविश्वास का यह पूरा खेल बाराबंकी के फतेहपुर थाना क्षेत्र के मिर्जापुर गांव में चल रहा है। जहां एक मौलाना लोगों के ऊपर से भूत-प्रेत, डायन, जोगिन को भगाने का दावा करता है। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो को जो भी देखेगा वह दंग रह जाएगा कि किस तरह से कई लड़कियां और महिलाएं बाल खोलकर झूम रही थीं। मानो भूत भगा रही हों। इनमें कई लड़के भी जोर-जोर से तालियां पीट रहे थे। और तो और यहां इन सबका इलाज करने वाले मौलाना में कानून का भी खौफ नजर नहीं आ रहा।

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अंधविश्वास का जाल इतना फैला है कि दूसरे जिले से भी लोग झाड़-फूंक कराने यहां आते हैं। यहां सिर्फ मुस्लिम समुदाय के लोग ही नहीं बल्कि हिंदू समुदाय के लोगों की भी भीड़ लगी रहती है। जिस गांव में यह तमाशा चल रहा था वहां के प्रधान बलराज यादव भी मौके पर मौजूद दिखे। वहीं जब इस पूरे तमाशे को लेकर मौलाना ने बताया कि मैं शैतानी शक्तियों से लड़ाई करता हूं। ऊपर वाले में मुझे शक्ति दी है जिससे में यहां आने वाले लोगों का इलाज करके उन्हें ठीक करता हूं।

कानून के सामने अंधविश्वास का नंगा नाच (फोटो. सोशल मीडिया)

मौलाना ने बड़े दावे से कहा कि उसने एक रात पहले 32 लोगों को ठीक किया है, जो काफी दूक-दूर से उसके पास आते हैं। उसका कहना है कि अगर लोगों को फायदा न हो तो क्यों लोग उसके पास आएं। इसके अलावा एक बात और चौंकाने वाली थी कि यहां एक दो नहीं बल्कि पुलिसकर्मियों की पूरी फौज मौजूद थी और ये लोग इसे रोकने के बजाय इस तमाशे को बड़ी दिलचस्पी से देख रहे थे।

अंधविश्वास को सच साबित करती महिला पुलिसकर्मी

कानून के सामने अंधविश्वास का नंगा नाच (फोटो. सोशल मीडिया)

हद तो तब हो गई जब मौके पर मौजूद महिला पुलिसकर्मी इस पूरे अंधविश्वास को सच साबित करने में जुटी दिखाई दीं। महिला पुलिसकर्मी बता रही हैं कि यहां उन लोगों का इलाज होता है जिनका ऊपरी चक्कर होता है। अब ऊपरी चक्कर क्या होता है यह तो हमारी समझ से परे हैं। इसके बारे में या तो खुद ये महिला पुलिसकर्मी बता सकती हैं या फिर वो मौलाना जो यहां अंधविश्वास की दुकान चला रहा है।

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खैर ये महिला पुलिसकर्मी पूरा जोर लगाकर इस अंधविश्वास को सच साबित करने में लगी रहीं, उन्होंने कहा कि जैसे ईश्वर होता है वैसे ही शैतान। यहां आकर लोगों को फायदा मिलता है और तो और उन्होंने बाकायदा इसके लिए हमें वीडियो भी दिखाया। वहीं इस बीच वीडियो में एक और पुलिसकर्मी नजर आ रहा है जिसने इस तमाशे का विरोध किया और मौलाना को जमकर लताड़ लगाई।

कानून के सामने अंधविश्वास का नंगा नाच (फोटो. सोशल मीडिया)

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वो पुलिसकर्मी वहां इस तमाशे को कर रहे मौलाना से पूछता है कि कोरोना काल में जब सारे मंदिर, मस्जिदों समेत दूसरे धार्मिक स्थलों पर लोग नहीं जा रहे तो फिर तुम यहां ये तमाशा कैसे चला रहे हो। यहां तक कि मौहर्रम में ताजिया तक नहीं निकाली जा रही, फिर भी तुम यहां ये तमाशा कर रहे हो। ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि एक तरफ जहां एक पुलिसकर्मी इसका विरोध कर रहा है। वहीं दूसरी महिला पुलिसकर्मी इस पूरे अंधविश्वास को सही साबित कर रही थी।

रिपोर्ट- सरफराज वारसी

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