कानपुर: विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय ने आजम खान को क्लीन देते हुए कहा कि आजम खान ने विधानसभा में जिस भाषा का इस्तेमाल किया वो ना तो असंसदीय थी और ना ही अमर्यादित। बल्कि भाषा आक्षेपात्मक थी।
साथ ही उन्होंने नसीहत देते हुए कहा कि संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों को अपनी जिम्मेदारी का अहसास होना चाहिए। विधानसभा अध्यक्ष शनिवार को कानपुर में एक स्कूल के कार्यक्रम में शामिल होने आए थे।
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विधानसभा अध्यक्ष ने तोड़ी चुप्पी
यूपी के राज्यपाल राम नाईक और संसदीय कार्यमंत्री आजम खान के बीच की खींचतान पर लंबे समय बाद विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय ने अपनी चुप्पी तोड़ी। उन्होंने आजम खान का बचाव करते हुए कहा कि आजम की भाषा ना तो अमर्यादित थी और ना ही असंसदीय। वो आरोप लगाने वाली भाषा का इस्तेमाल जरूर कर रहे थे।
राज्यपाल से की चर्चा
माता प्रसाद पांडेय ने बताया, कि उन्होंने राज्यपाल से मुलाकात की है। इसमें उनकी राज्यपाल की ओर से रोके गए बिलों पर चर्चा हुई। राज्यपाल ने उन्हें बिल रोके जाने के अपने अधिकार और जरूरी वजहों को स्पष्ट भी किया है। साथ ही आजम खान ने जिन बिलों के रोके जाने पर वेदना प्रकट की थी उनपर भी चर्चा की गई है।
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राम नाइक को दी नसीहत
विधानसभा अध्यक्ष ने राज्यपाल को सीख देते हुए कहा है कि संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों को अपनी जिम्मेदारी का अहसास होना चाहिए।
आजम ने वेदना प्रकट की थी
विधान सभा अध्यक्ष ने कहा, आजम खान ने विधानसभा में कुछ बिलों को लेकर वेदना प्रकट की थी। उनका मानना है कि राज्यपाल हमारे कुछ बिलों पर हस्ताक्षर नहीं करते हैं। विधानसभा अध्यक्ष ने नियमों का हवाला देते हुए बताया, उसमें कुछ ऐसी बातें थी जिन्हें प्रोसिडिंग से हटा दिया गया।