वाराणसीः छात्रों से मारपीट और बाइक जलाए जाने की घटना के बाद हड़ताल पर गए बीएचयू हॉस्पिटल के रेसीडेंट डॉक्टर काम पर नहीं लौटे हैं। इसे देखते हुए सर सुंदरलाल हॉस्पिटल के एमएस डॉ. ओपी उपाध्याय ने शुक्रवार से सीमित ओपीडी चलाने का फैसला किया है। उनका कहना है कि डॉक्टरों से आए दिन मारपीट होती है। इससे सीनियर डॉक्टर भी दुखी हैं और मसले का स्थायी समाधान चाहते हैं।
ओपीडी में 150 मरीज ही देखे जाएंगे
डॉ. उपाध्याय ने बताया कि शुक्रवार से ओपीडी चलेगी, लेकिन यहां एक-एक सीनियर डॉक्टर 150 मरीज ही देखेगा। ऐसे में गंभीर हालत वाले मरीजों को दिक्कत हो सकती है। आम तौर पर ओपीडी में रोज औसतन 300 मरीज देखे जाते हैं। इस बीच, बीएचयू प्रशासन उपद्रवी छात्रों को दंड देने का मन बना रहा है। इसके लिए एक कमेटी बनाने की तैयारी है।
डॉक्टरों की हड़ताल से परेशान हुए मरीज
गुरुवार को बीएचयू हॉस्पिटल के रेसीडेंट डॉक्टरों की हड़ताल से मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। तमाम मरीजों को भटकते देखा गया। वार्ड में दाखिल मरीजों की देखभाल उनके परिजन करते रहे। एक मरीज बिहार के चंपारण से आया था। उसे बैरंग लौटना पड़ा। एक अन्य मरीज को आई डिपार्टमेंट में सीनियर डॉक्टर देख रहे थे, लेकिन रेसीडेंट डॉक्टरों ने उन्हें रोक दिया। डीएम विजय किरन आनंद और एसएसपी आकाश कुलहरि से रेसीडेंट डॉक्टरों ने कहा है कि बगैर पुख्ता कार्रवाई के वे हड़ताल खत्म नहीं करेंगे।