सूर्य प्रताप सिंह- BJP संगठन में भी साफ झलकती है प. यूपी की राजनीतिक उपेक्षा

Update: 2017-09-01 08:26 GMT
surya pratap singh says bjp organization political neglect of western uttar pradesh

लखनऊ: यूपी के कुल राजस्व प्राप्तियों में 60 फीसदी हिस्सा पश्चिमी यूपी के 26 जिलों से आता है। सभी सत्तासीनों ने नोएडा-ग्रेटर नोएडा-यमुना एक्सप्रेसवे- ग़ाज़ियाबाद क्षेत्र का ख़ूब आर्थिक दोहन किया। यह क्षेत्र पूर्व दो सरकारों के सत्ताधारी नेताओं व उनके परिवारों की चरागाह बन गया था। गृहमंत्री राजनाथ सिंह व उनके पुत्र पंकज सिंह की इसी इलाके ने शान बढ़ाई है। जनरल साहब भी हरियाणा से आकर यहीं से चुनाव लड़े। चुनाव के बाद किसी ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। लोग आज भी ठगे से हैं। वर्तमान में पश्चिमी यूपी से देश में कोई प्रभावशाली मंत्री नहीं है। बीजेपी संगठन में इसकी उपेक्षा साफ़ झलकती है। पूर्व आईएएस सूर्य प्रताप सिंह ने अपने फेसबुक वाल पर यह उदगार व्यक्त किए हैं।

उन्होंने कहा, कि 'सरकारों ने यहां के किसानों की भूमि का अधिग्रहण कर उनको भूमिहीन बना दिया। 'नेता-नौकरशाह-रियल इस्टेट माफ़िया' गठजोड़ ने इस क्षेत्र को चूस कर रख दिया है। हर नौकरशाह इसी क्षेत्र में तैनाती चाहता है और नोएडा के आलीशान आवासों में रहना चाहता है। इसके बावजूद ग़ाज़ियाबाद-नोएडा लोकसभा क्षेत्र को बीजेपी जैसे राष्ट्रवादी दल को भी कोई स्थानीय प्रत्याशी मयस्सर नहीं होता।'

राजनीतिक उपेक्षा ने किया बदहाल

सिंह ने आगे लिखा है कि 'जाट-मुस्लिम-राजपूत-दलित बाहुल्य क्षेत्र ने गत लोकसभा व विधानसभा में पुराने मिथक को तोड़ते हुए बीजेपी को विजय दिलायी। वहीं, राजनीतिक उपेक्षा ने इस इलाके की कमर तोड़कर रख दी है। क्षेत्रीय संतुलन बनाना हर सरकार की ज़िम्मेदारी है।

पश्चिमी यूपी की यही कहानी

उन्होंने आगे लिखा, 'चुनाव के वक्त सभी दल मीठे-मीठे वादे करते हैं, पर बाद में सब कुछ भुला दिया जाता रहा है। राजस्व लाभ के लिए प्रदेश याद आता है और सियासी लाभ के पूर्वांचल नंबर एक पर रहता है, फिर भी पूर्वांचल विकास के मामले में फिस्सडी क्यों रहा? नेताओं को इसका जवाब देना होगा। प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री व बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष भी पूर्वांचल से नियुक्त हुए हैं। इन सबके लिए पूर्वांचल का विकास एक चुनौती रहेगा।'

 

 

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