प्राइमरी स्कूल में टीचर छलकाते हैं जाम, बच्चे करते हैं खाने-पीने का इंतजाम

शिक्षकों ने नेताजी की खातिरदारी का भी इंतजाम किया था। दारू और मांस स्कूल के दफ्तर में ही सजा दिए गए। किसी कारणवश नेताजी कार्यक्रम में नहीं पहुंच पाए, इसलिए अध्यापक और शिक्षामित्र इस दावत के आनंद में डूब गए।

Update: 2016-09-26 08:01 GMT

शामली: विद्यालय को शिक्षा का मंदिर कहा जाता है। लेकिन शिक्षक ही इसे दारूबाजी का अड्डा बना दें, तो बच्चों का भविष्य समझा जा सकता है। शामली के बिरालयान गांव के प्राथमिक विद्यालय के अध्यापक स्कूल खुलते ही दारू की बोतलें खोल लेते हैं। इस दौरान जाम बनाने और खाने पीने की व्यवस्था के लिए बच्चों को तैनात रखा जाता है। अधिकारी मामले पर चुप्पी साधे हैं।

स्कूल या दारू अड्डा

-वायरल वीडियो 21 सितंबर का है। सरकारी स्कूल में फर्नीचर मंगाने के लिए एक नेताजी को आमंत्रित किया गया था।

-आदत के अनुसार शिक्षकों ने नेताजी की खातिरदारी का भी इंतजाम किया था। दारू और मांस स्कूल के दफ्तर में ही सजा दिए गए।

-किसी कारणवश नेताजी कार्यक्रम में नहीं पहुंच पाए, इसलिए अध्यापक और शिक्षामित्र इस दावत के आनंद में डूब गए।

खुल गई पोल

-इस आपाधापी में ग्रामीणों को वीडियो बनाने का मौका मिल गया।

-वीडियो और फोटो की जानकारी होने के बाद शिक्षकों ने ग्रामीण पर दबाव बनाया। लेकिन ग्रामीण ने वीडियो और फोटो व्हाट्सएप पर वायरल कर दिए।

-स्कूल में शिक्षकों की दारूबाजी से परेशान एक ग्रामीण ने मोबाइल से वीडियो बना कर वायरल कर दी।

-ग्रामीण ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को शिकायती पत्र भेजकर आरोपी शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है।

अधिकारी चुप

-रविवार को वायरल हुए इस वीडियो के बाद शिक्षा विभाग पर शिक्षकों के विरुद्ध कार्रवाई का दबाव पड़ने लगा है।

-लेकिन शिकायत और स्कूल में दारूबाजी का वीडियो और फोटो वायरल होने के बाद भी विभागीय अधिकारी मामले को दबाने में लगे हैं।

-मामले में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी चंद्रशेखर ने कैमरे पर कुछ भी बोलने से इन्कार कर दिया। उन्होंने जांच की बात कह कर मामला टाल दिया है।

आगे स्लाइड्स में देखिए कुछ और फोटोज...

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