Jhansi News: जानलेवा हमले का आरोप सिद्ध होने पर दो भाईयों समेत तीन को दस-दस वर्ष का कारावास

Jhansi News: जिला एवं सत्र न्यायाधीश, जफ़ीर अहमद ने जानलेवा हमले का आरोप सिद्ध होने पर दो भाईयों सहित तीन अभियुक्तों को दस-दस वर्ष के सश्रम कारावास की सज़ा सुनाई है।

Update:2023-04-11 04:37 IST
सोनभद्र: नाबालिग से दुष्कर्म के दोषी दंपती को 10-10 वर्ष की कैद

Jhansi News: जिला एवं सत्र न्यायाधीश, जफ़ीर अहमद ने जानलेवा हमले का आरोप सिद्ध होने पर दो भाईयों सहित तीन अभियुक्तों को दस-दस वर्ष के सश्रम कारावास की सज़ा सुनाई है। जिला शासकीय अधिवक्ता मृदुल कान्त श्रीवास्तव व सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी रवि प्रकाश गोस्वामी ने बताया कि वादी मुकदमा चन्द्रभान यादव पुत्र दृगपाल यादव ग्राम मलेहटा थाना एरच ने तहरीर देते हुए बताया था कि 04 अप्रैल को 2013 को सुरेश पुत्र लक्ष्मन यादव के जानवर चने के खेत में नुकसान कर रहे थे, जिसको मना करने पर विवाद हो गया था। 05 अप्रैल 2013 को उसके पिता द्रगपाल सिंह यादव तथाभाई सूरज सिंह यादव खेत में चना की कटाई कर रहे थे, करीब चार बजे शाम को रामशंकर पुत्र इन्दल सिंह यादव व रामनारायण घुरके, सुशील पुत्र महीपत यादव,कैलाश पुत्र इन्दल यादव निवासीगढ़ मलेहटा ने आकर उसके पिता व भाई को पंचायत के लिये बुलाया , पिता व भाई जैसे ही पंचायत के लिये पहुंचे तभी सभी लोग हाथ में कुल्हाड़ी व डण्डा लेकर आए और पिता व भाई पर हमला कर घायल कर दिया, शोर होने पर बहुत से लोग मौके पर आ गये तब मुल्जिमान गाली व जान से मारने की धमकी देते हुये भाग गये।

लिखित तहरीर के आधार पर धारा-323,324,504,506 भा०दं०सं०, के तहत थाना-एरच में अभियुक्तगण रामशंकर, राम नारायण, सुशील एवं कैलाश के विरूद्ध मुकदमा दर्ज किया गया। बाद में अभियुक्तगण रामशंकर यादव, सुशील यादव एवं कैलाश यादव के विरूद्ध धारा-307/34, 323/34, 324, 325, 504, 506 मा०द०सं० व अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम की धारा-3(1) 10 के तहत अपराध के विचारण हेतु आरोप विरचित किया गया, आरोप विरचित होने के पूर्व घायल दृगपाल सिंह की 30 जुलाई 2015 को मृत्यु हो गयी। न्यायालय में प्रस्तुत साक्ष्यों एवं गवाहों के आधार पर सिद्ध दोष अभियुक्त रामशंकर यादव, सुशील यादव एवं कैलाश यादव प्रत्येक को भा०दं०सं० की धारा-307/34 के आरोप के अन्तर्गत दस-दस साल सश्रम कारावास एवं बीस-बीस हजार रूपये के अर्थदण्ड ,अर्थदण्ड अदा न करने की दशा में दो-दो वर्ष के अतिरिक्त कारावास, धारा-323/34 के आरोप के अन्तर्गत एक-एक वर्ष के सश्रम

कारावास एवं एक-एक हजार रूपये के अर्थदण्ड ,अदा न करने की दशा में एक-एक माह के अतिरिक्त कारावास ,धारा-325 के आरोप के अन्तर्गत चार-चार वर्ष के सश्रम कारावास एवं पांच-पांच हजार रूपये के अर्थदण्ड ,अदा न करने की दशा में तीन-तीन माह के अतिरिक्त कारावास ,धारा-506 के आरोप के अन्तर्गत दो-दो वर्ष के सश्रम कारावास एवं तीन-तीन हजार रूपये के अर्थदण्ड ,अदा न करने की दशा में एक-एक माह के अतिरिक्त कारावास की सज़ा सुनाई गई।

किशोरी का अपहरण कर बलात्कार के मामले में दस वर्ष का सश्रम कारावास

अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (पॉक्सो अधि० सहित बलात्कार),न्यायालय सं०- 9, फरीदा बेगम की अदालत ने किशोरी का अपहरण कर बलात्कार के मामले में एक अभियुक्त को दस वर्ष के सश्रम कारावास की सज़ा सुनाई गई है।

विशेष लोक अभियोजक चन्द्र प्रकाश शर्मा के अनुसार थाना टोडीफतेहपुर क्षेत्र अन्तर्गत ग्राम रेवन निवासी वादी ने थाना टोडी फतेहपुर में तहरीर देते हुए बताया कि 06 जनवरी 2017 को उसकी अनुपस्थिति में हरेन्द्र उर्फ ईशु लखेरा पुत्र प्रदीप कुमार लखेरा हाल निवासी पूंछ उसके घर आया और वादी की पुत्री उम्र करीब 17 वर्ष को भगा ले गया।उसकी पुत्री अपने साथ में बिछुआ,पायलें ,हार आदि जेवरात ले गयी । तहरीर के आधार पर हरेन्द्र उर्फ ईशु लखेरा पुत्र प्रदीप कुमार लखेरा निवासी ग्राम तुर्का लहचूरा के खिलाफ धारा 363, 366, 376, 506 भा०दं०सं० व धारा 3/4 पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था।

विवेचक द्वारा बाद विवेचना अभियुक्त हरेन्द्र उर्फ ईशु लखेरा के विरुद्ध धारा-363, 366, 376, 506 भादं०सं० व धारा- 3/4 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधि० के तहत आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया गया था। जहां प्रस्तुत साक्ष्यों एवं गवाहों के आधार पर न्यायालय द्वारा अभियुक्त हरेन्द्र उर्फ ईशु लखेरा को धारा 363 भादस० के सिद्धदोष अपराध 3 (तीन) वर्ष के सश्रम कारावास व 2000 (दो हजार) रूपए अर्थदण्ड ,अर्थदण्ड अदा न करने पर एक माह के अतिरिक्त कारावास ,धारा- 366 भादं०सं० के अपराध हेतु 5 (पांच) वर्ष के सश्रम कारावास 5000 (पांच हजार) रूपए अर्थदण्ड ,धारा 376 भादं०सं० के सिद्धदोष अपराध हेतु 10 (दस) वर्ष के सश्रम कारावास व 10,000 ( दस हजार ) रूपए अर्थदण्ड ,अदा न करने पर छः माह के अतिरिक्त कारावास ,धारा 506 भादं०सं० के सिद्धदोष अंपराध हेतु 02 (दो) वर्ष के सश्रम कारावास व 1000 (एक हजार) रूपए अर्थदण्ड ,अदा न करने पर एक माह के अतिरिक्त कारावास की सज़ा सुनाई गई । दोष सिद्ध द्वारा जमा किये गये अर्थदण्ड में से पीड़िता को पचास प्रतिशत धनराशि दं०प्र०सं० की धारा 357A के अन्तर्गत प्रदान की जाएगी।

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